जनवरी 29, 2015

शहरवासियों का दिल जीत रहा जादूगर शंकर सम्राट की जादुई खेल.........

कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट:- मल्टी मिडिया इफेक्ट के साथ पहली बार शहर में सम्पूर्ण परिवार को मनोरंजन का खजाना देने आया विश्व का महान गतिमान जादूगर शंकर सम्राट और उनकी रूहानी शक्तियाँ. जी हाँ एक ऐसा जादू जिसे आप अपने पुरे परिवार के साथ बार-बार देखना पसंद करेंगे. स्थानीय सुपर मार्केट स्थित कला भवन में जादू की पहली शो का उद्धघाटन समारोह के मौके पर जादूगर शंकर सम्राट ने मीडिया से मुखातिब हो कहा जादू की इस शो का विधिवत उद्धघाटन सहरसा के भाजपा विधायक आलोक रंजन और प्रशासनिक अधिकारी ने दीप प्रज्वलित कर किया. 
इस मौके पर विधायक आलोक रंजन ने कहा कि मनोरंजन मानव जीवन के लिए बहुत जरूरी है. जादू एक अनोखा खेल है जादू का खेल कोई तंत्र मंत्र से नहीं बल्कि हाथ का सफाई और वैज्ञानिक तकनीकि पर आधारित एक कला का खेल है जो दर्शकों को मनोरंजन कराता है.इस अदभुत कला को दिखाने के लिए जादूगर शंकर सम्राट ने अपने अनेको कलाकारों के साथ यहाँ आये हैं. उन्होंने कहा कि जादू का आनंद पहले भी कई बार यहाँ के लोग उठा चुके है. इस बार सहरसा शहरवासियों के लिए एक अदभूत जादू देखने का अच्छा अवसर है और इसका आनंद शहरवासी शांति और सौहार्द के साथ उठायेगे. इसकी हम शुभकामना करते है. 
इसी बीच जादूगर शंकर सम्राट ने एक से एक जादू खेल का प्रदर्शन कर शहरवासियों का दिल जीत लिया. जादूगर ने अपनी जादुई कला से जहाँ दर्शकों को हर सेकेण्ड रहस्य रोमांच सनसनी के साथ, हँशी, ठहाकों, गीत संगीत व जादुई नृत्य और पलक झपकते लड़के और लड़की को गायब कर देना जैसे इन्द्रधनुष, हवा में छड़ी डांस, आदमी को दो टुकड़े काट कर जिन्दा करना, चलती पंखे में प्रवेश कर सुरक्षित होकर बाहर दर्शकों के बीच आना, मरे हुए मुर्दे की रूहानी शक्तियां वापस लाना जैसे चमत्कारी जादुई खेल दिखाकर सनसनी फैला दी. यह जादू का खेल रोजाना 3 शो में दिखाया जा रहा है.शहर में लोगों का दिल जीत रहा है.जादूगर शंकर सम्राट की जादू का यह खेल काफी रोमांचक है आप भी इस जादुई खेल का मजा जरूर लीजिये। 

जनवरी 27, 2015

राजद कार्यकर्ताओं ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को दी श्रद्धांजलि

कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट:- गरीबों के मसीहा जननायक कर्पूरी ठाकुर समाज के ऐसे दलित एवं पिछड़े लोगों के लिए जिन्हें आजादी के बाद भी उसे कोई लाभ नहीं मिल पाया और हक हुकूक से वंचित रहे ऐसे लोगों को  समाज के मुख्य धारा से जोड़ने के लिए एवं उन्हें सत्ता में भागीदारी दिलाने के लिए संघर्ष करते रहे हैं. आज हम सब ऐसे महान व गरीबों के मसीहा जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर संकल्प ले उनके आदर्शों पर चले जिन्होंने अपनी सारी जिंदगी सामाजिक न्याय और समाजिक संरचना को सही मायने में धरातल पर उतारने के लिए गरीब-गुरबों के खातीर आजीवन लड़ते रहे हैं हम उन्हें नमन करते है.
श्रद्धांजलि समारोह के मौके पर कहरा प्रखंड परिसर में प्रखंड अध्यक्ष श्याम सुंदर यादव की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में नेताओं ने स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर की तस्वीर पर फूल व माला चढ़ा कर उन्हें श्रद्धांजलि दिया.इस अवसर पर जिला राजद अध्यक्ष मो०ताहिर ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर जी आजीवन गरीबों और वंचित ऐसे लोगों को भी समाज की  मुख्य धारा से जोड़ने के लिए संघर्ष करते रहे और आजादी के बाद भी उसे कोई लाभ नहीं मिल पाया था.आज सत्ता में भागीदारी दिलाने की उन्हीं का प्रतिफल है की ऐसे लोग लाभान्वित हुए हैं. 
इस मौके वर्तमान केंद्र सरकार मोदी सरकार की जनविरोधी नीति के खिलाफ आंदोलन की घोषणा करते हुए नेताओं ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार आज गरीबों को ठगने का काम किया. देश की जनता जान गयी है की झूठे वादे कर मोदी की सरकार ने वोट लेने के लिए जनता को गुमराह कर ठगने का काम किया है. इस मौके पर राजद के वरीय नेता रघुनाथ प्रसाद यादव, पूर्व उम्मीदवार रंजीत यादव, अरुण कुमार यादव, डॉ० उपेन्द्र यादव , हरिहर प्रसाद गुप्ता युवा राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष शिव शंकर विक्रांत, प्रभु शर्मा, कमल किशोर यादव, सांस्कृतिक प्रकोष्ट के प्रोफेसर शंकर कुमार, पवन यादव, मनोज, मोहन दिनेश भरत आदि ने भी  फूल माला चढ़ा उन्हें श्रद्धांजलि दिया

मदरसा के छात्राओं ने हाथ में तिरंगा ले दिखाए अनोखे कर्तव्य

 कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट:  जिले में 66 वां गणतंत्र दिवस के जश्न में डूबे लोगों की उत्साह अलग अलग अनोखे अंदाज में  दिखे. शहर में गणतंत्र दिवस को लोगो ने एक तरह से त्यौहार के रूप में उत्साह पूर्वक मनाया. इस मौके पर स्थानीय अली नगर स्थित जामिया दारे खदीजा लिलवनात, मदरसा में भी छात्राओं की ओर से एक अनोखा व दिलचस्प कार्यक्रम पेश किया गया.  सैयद शमसाद हसनैन उर्फ़ गुड्डू ने तिरंगा झंडा को फहराकर उन्हें सलामी दी. इस मौके पर शहर के सैकड़ों प्रतिष्ठित, बुद्धिजीवियों ने भी भाग लिया इस अवसर पर छोटी- छोटी बच्चियों के द्धारा एक ख़ास अंदाज में कार्यक्रम आयोजित किये गए. जिसमे छात्राओं ने अपने-अपने हाथों में तिरंगा को लेकर एक से एक कर्तव्य दिखा कर लोगों को देश की एकजुटता, सौहार्द और देश भक्त अच्छे इंसान बनने की नसीहत भी दी. 
छात्राओं द्धारा दिखाए गए एक से एक कलाओं को लोगो ने खूब सराहा और इस मौके पर राष्ट्रीय गानों की सुरों उसकी धुन में खोकर जश्न मनाये. इस अवसर पर डॉ०अलीमुद्दीन साहब, शर्फुद्दीन, मुफ़्ती युसूफ, मुंशी अकील अहमद, मास्टर अब्दुस समद, गुलनवाज उर्फ़ रिंकू, जामिया के सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाएं सहित अन्य लोग भी तिरंगे को सलामी दी. कार्यक्रम के अंत में जामिया के मोहतमिम मौलाना आफताब आलम नदवी ने उपस्थित मेहमानो को स्वागत करते हुए कहा की हर इन्सान के दिलों में देश भक्ति का जज्बा होनी चाहिये ताकि हम सभी इसी तरह गणतंत्र दिवस पर एकजुट होकर जश्न मनाते रहें. इस मौके पर मुफ़्ती युसूफ साहब ने देशवासियों की सलामती की दुआ माँगी.

गरीबों के पेट पर चला बुलडोजर-----

मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट:  एक बार फिर सहरसा के रिहायशी इलाके में फुटकर दूकान चलाकर अपने परिवार की गाड़ी खींचने वाले गरीबों के पेट पर जिला प्रशासन का बेरहम बुलडोजर चला है.माननीय न्यायालय का हवाला देकर जिला प्रशासन शहर चमकाने के नाम पर यह कार्रवाई कर रहा है.दीगर बात यह है की एक झटके में सड़क पर आये सैंकड़ों गरीबों और उनके घर के सदस्यों का क्या होगा,इसकी फ़िक्र किसी को नहीं है.कल चमन था आज एक सेहरा हुआ.माननीय न्यायालय के निर्देश का तामिला कराने के लिए पुलिस और प्रशासन  के अधिकारी पूरी तरह से अपने रंग में हैं.
जिला मुख्यालय के थाना चौक,डीबी रोड,शंकर चौक,बंगाली बाजार,महावीर चौक,चांदनी चौक, भी आई.पी.रोड, पूरब बाजार, गंगजला चौक, रिफ्यूजी चौक, कचहरी ढाला सहित नया बाजार और अन्य सभी इलाकों में अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन दृढ संकल्पित है.फिलवक्त हम एक इलाके की तस्वीर लेकर हाजिर हो रहे हैं.देखिये जिला मुख्यालय के थाना चौक का नजारा.यहां पर अधिकारियों की देख--रेख में बुलडोजर चल रहा है.दूकान दर दूकान धराशायी होकर अपने अजड़ने की कहानी खुद से बयां कर रही है.बिना किसी सूचना के सरकारी बुलडोजर चल रहा है.इस बेरहम कार्रवाई से दुकानदार ना तो अपनी दूकान यहां से हटा सके और ना ही दूकान में रखे सामानों को.आलम यह है की सभी के सामने उनकी दुनिया उजड़ गयी. उजड़े हुए दुकानदार बेहाल हैं और कह रहे हैं की वे अब क्या करेंगे और उनके बच्चे क्या खाएंगे.कोई कह रहा है की उसकी माँ मर गयी वह क्रिया--कर्म में जुटा हुआ था.कोई कह रहा है की उसकी फुटकर दूकान की कमाई से बच्चे पढ़ रहे थे.अब वे क्या करें,उन्हें कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है.
राजेश कुमार सिंह,एसडीओ,सदर,सहरसा
इधर प्रशासन के अधिकारी राजेश कुमार सिंह,एसडीओ,सदर,सहरसा बड़े हल्के अंदाज में कह रहे हैं की उन्होनें अतिक्रमणकारियों को पहले ही इतल्ला कर दिया था.उसी आलोक में यह कार्रवाई की जा रही है.
अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई निसंदेह जायज है.लेकिन बड़ा सवाल यह है की पहले तो आपने लोगों को बसने,जमने और पनपने का भरपूर मौक़ा दिया और जब लोग उसी गलती की बुनियाद पर अपने सपने सच करने लगे तो आपने उनके सर्वस्व पर बुलडोजर चला डाला.प्रशासन को इन गरीबों के रह बसर की भी गंभीर चिंता करनी चाहिए थी,जो अभीतक की कार्रवाई के दौरान हमें कहीं भी नजर नहीं आई.

पूर्व सेना जवान को घर से खींचकर मारी गोली


सहरसा टाईम्स रिपोर्ट:- कोसी इलाके में आतंक का राज कायम हो चुका है और अपराधी अपने मन माफिक तरीके से बड़ी से बड़ी घटना को अंजाम दे रहे हैं.ताजा वाकया महिषी थाना के तेलहर गाँव का है जहां गाँव के ही कुछ युवकों ने एक पेशेवर अपराधी के साथ मिलकर सेना के एक पूर्व जवान को घर से जबरन बाहर निकाल कर गोली मार मार दी.फिलवक्त जख्मी का इलाज सदर थाना थाना के गांधी पथ स्थित एक निजी नर्सिंग होम में चल रहा है,जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुयी है.-

सूर्या नर्सिंग होम के आईसीयू में जख्मी राजेश
सूर्या नर्सिंग होम के आईसीयू में जख्मी राजेश भर्ती है.उसके पेट में गोली लगी है.राजेश CISF का जवान था लेकिन किसी कारण से उसने नौकरी छोड़ दी और गाँव आ गया.गाँव में उसने अपने नेतृत्व में सरस्वती पूजा के मौके पर मेला लगवाया.बीती रात ऑर्केस्टा का प्रोग्राम था.प्रोग्राम खत्म करके राजेश अपने घर लौट आया.परिजन बता रहे हैं की आज सुबह करीब साढ़े छः बजे गाँव के ही सोनू झा,नीरज झा,राजकुमार झा और एक पेशेवर अपराधी भगवान राय ने जबरन राजेश को घर से निकाला और उन्हें मेला स्थल पर ले गए.मेला स्थल पर राजेश की वे लोग जमकर पिटाई करने लगे.जब स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया तो भगवान राय ने राजेश को गोली मार दी.परिजन की मानें तो उन्हें घटना के कारण का कुछ भी पता नहीं है लेकिन सोनू झा अपराधी किश्म का रहा है,इसकी जानकारी पुरे गाँव को है.इस मामले में नीतीश नाम के एक युवक को गिरफ्त में लेकर गाँव वाले ने पुलिस को सौंपा है.
पुलिस के अधिकारी प्रेम सागर,एसडीपीओ,सदर आपसी विवाद में गोलीबारी की घटना की बात करते हुए कह रहे हैं की आगे  आधार पर उचित कार्रवाई होगी.जाहिर सी बात है की अधिकारी का तकिया कलाम है की आगे जांच और कार्रवाई होगी.
अपराधी अपने कुकृत्य भरे कर्तव्य को बाखूबी निभा रहे हैं लेकिन पुलिस अपने कर्तव्य को निभाने में फिसड्डी साबित हो रही है.रब जाने इस इलाके के लोग इन अपराधियों से आगे आखिर कैसे महफूज रह सकेंगे.

जनवरी 26, 2015

66 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर सदभावना यात्रा : इंसान बनने की नसीहत

सहरसा टाईम्स   रिपोर्ट:-  66 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर आज दोपहर बाद कोशी समाज सेवा संगठन के बैनर तले एक विशाल सदभावना यात्रा निकाली गयी जिसमें हिन्दू,मुस्लिम, सिख,ईसाई धर्म के प्रबुद्ध लोगों के साथ--साथ स्कूली बच्चों ने भी हिस्सा लिया.इस यात्रा का एकमात्र उद्देश्य यह था की हम किसी भी धर्म के होने से पहले एक इंसान हैं.आपस में हमसभी मिलजुलकर ऐसे रहें जिससे हमारा राज्य और देश खूब तरक्की करे. यह सदभावना यात्रा सहरसा जिला मुख्यालय के कुंवर चौक से निकली जो स्थानीय थाना चौक,डीबी रोड,शंकर चौक और दहलान चौक होते हुए चांदनी चौक स्थित शहीद चौक पर पहुंची. 
वहाँ पर सभी ने वीर शहीदों को पहले श्रद्धांजलि दी फिर वहाँ से सभी रिफ्यूजी चौक पहुंचे जहां पर नेताजी सुभास चन्द्र बोस की प्रतिमा को माल्यार्पण कर के इस कार्यक्रम का समापन हुआ.आपसी भाइचारे और प्रेम को परवान देने के मकसद से आयोजित इस यात्रा में डॉक्टर,प्रोफ़ेसर,इंजीनियर सहित समाज के प्रबुद्ध जनों ने हिस्सा लिया था.खास बात यह थी की सैंकड़ों की तायदाद में स्कूली बच्चे भी इस यात्रा में शामिल थे.इस यात्रा के दम से समाज को इंसान बनने का नया सन्देश दिया जा रहा था.
संस्थापक मीर रिजवान और सहयोगी पिंटू शर्मा 
संगठन के संस्थापक मीर रिजवान और सहयोगी पिंटू शर्मा सरदार स्वर्ण सिंह और सरदार सूरज सिंह के साथ--साथ यात्रा में शामिल कोसी इलाके के जाने--माने ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर अबुल कलाम और डॉक्टर वृजेन्द्र देव  ने  समवेत स्वर में कहा की इस यात्रा का एक मात्र मकसद समाज में प्रेम--प्यार की दरिया बहाना है और अनवरत वे सभी मिलकर इस प्रयास में आगे भी जुटे रहेंगे.
एक तरफ जहां धर्म और जाति के नाम पर देश और समाज को तोड़ने की नापाक साजिश हो रही है वहाँ इस यात्रा ने आम से लेकर ख़ास लोगों को पहले इंसान बनने की नेक और बड़ी नसीहत दी है.आगे देखना दिलचस्प होगा की कोसी इलाके के लोगों में इस यात्रा का रंग कितना चढ़ता है और वह कितना टिकाऊ होता है.

जनवरी 24, 2015

हे राम.....पुलिस वालों के घर डाका

 मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट:- पुलिस और कानून का खौफ अब बिल्कुल खत्म हो चुका है.अपराधी खुलकर नंगा नांच कर रहे हैं और पुलिस अधिकारी महज अपराध के मामले दर्ज कर अपना कर्तव्य निभा रहे है.बीती रात सदर थाना के मत्स्यगंधा इलाके में डकैतों ने दो पुलिस वाले और एक उन्हीं के रिस्तेदार के यहां जमकर उत्पात मचाये.हांलांकि घर वालों के कड़े विरोध और त्वरित गति से इलाके में पुलिस वालों के पहुँच जाने से डकैत अधिक की लूटपाट नहीं कर सके लेकिन डकैती के दौरान उन्होने जमकर गोलीबारी और घर वालों के साथ मारपीट भी की.मौके पर पुलिस अधीक्षक खुद से पहुंचकर तफ्तीश में जुट चुके हैं लेकिन इस घटना ने इतना साफ़ कर दिया है की अपराधियों से जब पुलिस वाले सुरक्षित नहीं रहे तो अब आम आदमी की सुरक्षा निसंदेह पूरी तरह से खतरे में है.

बीती रात सदर थाना के मत्स्यगंधा इलाके में डकैतों ने दो पुलिस वाले और एक उन्हीं के रिस्तेदार के यहां जमकर उत्पात मचाये.देखिये पीड़ित के घर खुद एसपी पंकज कुमार सिन्हा पहुंचे हैं और घूम--घूमकर जायजा ले रहे हैं.बीती रात करीब एक से दो बजे के बीच पंद्रह से बीस की संख्यां में नकाबपोश डकैतों ने दारोगा बद्री नारायण झा,जीआरपी जवान जीवक्ष झा और बद्री झा के शाले चन्दन झा के यहां हमला किया.इस दौरान डकैतों ने जीवक्ष झा और बद्री झा के यहां से कुछ कीमती जेवरात और नकदी लूट लिए.चन्दन झा, उनकी पति और उनकी मासूम बेटी ने डकैतों का जमकर विरोध किया. इसी दौरान चन्दन झा की पत्नी ने सुपौल जिले के पीपड़ा थाना में पदस्थापित अपने एक रिस्तेदार को फोन कर दिया.उक्त रिस्तेदार ने सदर थाना सहरसा को सूचना दी.यह है सच है की बिना समय गंवाए सदर थाना की पुलिस वारदात इलाके की तरफ कूच कर गयी.नतीजतन पुलिस गाडी की आवाज सुनकर डकैत फरार हो गए.हांलांकि इस दौरान डकैतों ने जमकर फायरिंग भी की.बताते चलें की डकैतों से उलझने के दौरान गिना देवी नाम की एक महिला जख्मी भी हुयी है.बड़ी डकैती में असफल रहे डकैतों ने जाते--जाते पीड़ित परिवार के लोगों को धमकी दी है की वे फिर से आएंगे और बड़ी लूट की घटना को अंजाम देकर रहेंगे.

पुलिस अधीक्षक ने इस घटना के बाबत कुछ भी जबाब देना मुनासिब नहीं समझा.चूँकि घटना पुलिस वाले के घर घटी है,इसलिए उनको अपनी नाक कटती दिखी होगी और शायद यही वजह थी की वे बिना जबाब दिए ही गाडी पर बैठ भाग निकले.हमने अपनी तरफ से भरपूर कोशिश की थी की बड़े हाकिम के मुंह से कुछ लजीज बाते निकले लेकिन। हांलांकि बाद में इस घटना के बारे में सदर एसएचओ संजय कुमार सिंह ने पूरी जानकारी दी. उन्होने कहा की वे रात भी वारदात स्थल पर आये थे.उनके थाना क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा की पूरी जिम्मेवारी उनकी है.लोगों की सुरक्षा के लिए वे अपनी जान की बाजी लगा देंगे.इस घटना को अंजाम देने वालों को भी बख्सा नहीं जाएगा,अतिशीघ्र उनकी गिरफ्तारी होगी.

जाहिर सी बात है की सहरसा में अपराधियों की समानांतर सरकार है.अपराधी पुलिस पर ना केवल भारी हैं बल्कि पुलिस से कई कदम आगे भी हैं.जब पुलिस वालों की सुरक्षा खुद खतरे में हो तो,समझा जा सकता है की इस इलाके के लोगों की सुरक्षा निश्चित रूप से अपराधियों की मेहरबानी और भगवान के भरोसे है.

जनवरी 23, 2015

सुभाष चन्द्र बोस की 118 वीं जयंती धूमधाम से मनाया गया

कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट:- ब्रिटिश हुकुमत को समाप्त  करने वाले और भारत माता को गुलामी की जंजीरों से मुक्त करने वाले देश के महान सपूत और सेनानायक नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की 118 वीं जयंती समारोह बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर शहर के वभिन्न क्षेत्रों में सांस्कृतिक कार्यक्रम और गोष्ठी के आलावा उनके विचारों को आत्मसात करने को लेकर कार्यक्रम में संकल्प भी लिए गए. शहर के सरकारी,गैर सरकारी,कार्यालयों और शिक्षण संस्थानों में भी उनकी तस्वीर पर फूल माला चढ़ा कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी.

 इस मौके पर जिले के रिफ्यूजी क्लोनी वार्ड नंबर 6 स्थित नेता जी सुभाष चन्द्र बोस चौक पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस बिचार मंच के संयोजक मनीष कुमार द्धारा चौक पर बने उनकी प्रतिमा पर फूल माला चढ़ा कर उन्हें श्रद्धांजली दी गयी. इस मौके पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने उनके विचारों पर प्रकाश डाल कर उनकी देश भक्ति और विचारों पर चलने का संकल्प भी लिया.
इस मौके पर राजद के युवा नेता रंजीत यादव,जिला अध्यक्ष मो०ताहिर,नगर परिषद के पूर्व चेयरमेन श्यामसुंदर साह,डॉ उपेन्द्र यादव, हरिहर प्रसाद गुप्ता, राजीव कुमार{ शिक्षक मैथिली }व्यापार संघ के विकास कुमार गुप्ता,श्याम सुंदर यादव, सुमन जी आदि ने  उन्हें श्रद्धांजलि दिया. इस कार्यक्रम को सफल बनाने में बिचार मंच के सनोज यादव, रजनीश कुमार मन्ना, संजय सिंह, रौशन सिंह, कुणाल यादव, मनोज यादव, प्रवीण कुमार, बंटी झा आदि ने मुख्य भूमिका निभाई।  

जनवरी 22, 2015

लोगों का फूटा गुस्सा------

सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट:-- बीते अठारह जनवरी की रात में सदर थाना के पटुआहा गाँव में महिला को ज़िंदा जलाकर मौत के घाट उतारने मामले में आज ग्रामीणों का आक्रोश फुट पड़ा और लोगों ने एसपी ऑफिस का घेराव कर घंटों हंगामा किया.आक्रोशित लोगों का कहना था की इस घटना को अंजाम देने वालों की अभीतक गिरफ्तारी नहीं हुयी है जिनकी गिरफ्तारी अविलम्ब हो और तमाम दोषियों को फांसी की सजा दिलाई जाए.पुलिस अधीक्षक की गैर मौजूदगी में मुख्यालय डीएसपी ने आक्रोशित लोगों को त्वरित कार्रवाई की घुंटी पिलाकर किसी तरह से उनके गुस्से को शांत कराया.
देखिये एसपी ऑफिस में बबाल काटते जन सैलाब को.लोगों ने पुरे ऑफिस को अपने कब्जे में ले लिया है और हंगामा कर रहे हैं.देखिये महिलायें किस तरह से ऑफिस के बरामदे पर लोट--लोट  और चीत्कार कर रही हैं.इनका कहना है की जिस लीला देवी को  ज़िंदा जलाकर मार डाला गया,उसके दो अबोध बेटे हैं.अब इन मासूमों का क्या होगा. लीला को उसके पति संजय मिस्त्री ने अपने घर वालों के साथ मिलकर ज़िंदा आग में फूंक डाला.लीला का मासूम बेटा कन्हैया खुलकर बताता है और कहता है की सभी जालिमों की गिरफ्तारी हो और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिले.
आज पुलिस अधीक्षक किसी कारणवश मुख्यालय से बाहर थे.मुख्यालय डीएसपी अरविन्द कुमार ने किसी तरह से आक्रोशित लोगों को समझाकर मामला शांत कराया.इनकी मानें तो लोग यहां पर अपनी बातें कहने आये थे.आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी होगी और उनकी तरफ से उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की हर कोशिश होगी.
आगे पुलिस और कानून आरोपों को जैसी भी सजा दिला ले लेकिन दो मासूम हमेशा के लिए बिना माँ के हो गए हैं.बड़ा सच यह है की लीला अब इस दुनिया में कभी भी लौटकर नहीं आएगी.

रूपवती कन्या विद्यालय के मुख्य गेट पर बने पेशाबखाना से होती है बच्चियाँ शर्मशार ............


कृष्णमोहन सोनी की खास  रिपोर्ट:- जिले  का नगर परिषद क्षेत्र महावीर चौक वनगाँव रोड स्थित रूपवती कन्या उच्च मध्य विद्यालय लड़कियों के लिए शिक्षा का मंदिर बनाया गया था, जहाँ हजारों की संख्या  में छात्राएं विद्यालय में पढ़ने आती है मगर विद्यालय के मुख्य द्धार पर शहरवासियों, राहगीरों के लिए बनाये गये पेशाबखाना से छात्राओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पर रहा है. इतना ही नहीं स्कूल संचालन के समय भी गेट का जगह टेम्पू स्टैंड में तब्दील हो जाता है और अभद्र गाना बजाया जाता है. इस समस्या से निज़ात दिलाने वाला कोई भी नहीं है. गौरतलब है कि इस विद्यालय में निरंतर कार्यक्रम होते रहते है जिसमे नेता से लेकर स्थानीय अधिकारी भी शिरकत करते है लेकिन दुर्भाग्य है की विद्यालय के मुख़्यद्धार पर बने पेशाव खाना और टूटे नाले कूड़े कचड़े की ढ़ेर पर किसी की नजर नहीं परती है.
प्रधानाध्यापक अरुण कुमार सिंह
इस दिशा में विद्यालय के शिक्षक-शिक्षका ने तो कईबार विभाग व नगर परिषद के अधिकारियों को लिखित व मौखिक सूचनाएँ भी दिये मगर किसी ने अभी तक सुधि नहीं ली. जिससे विद्यालय व्यवस्थापक अपने हाथ पर हाथ डाल बैठ गये. सहरसा टाईम्स के प्रतिनिधि जब विद्यालय पहुँचे तो  स्कूल की बच्चियों ने अपनी  पीड़ा रोक न पायी और दर्द बया की. स्नेहा कुमारी, ऋषिता, काजल, नौशाद, रानी, मंजू, अमीषा, लवली, रेशमी का कहना है कि शौचालय की टंकी भी टूटा-फूटा है जिससे बदबू आती है और पढ़ाई वाधित होता है.
प्रधानाध्यापक अरुण कुमार सिंह ने कहा कि  मै तो एक माह पूर्व यहाँ आया हूँ. दुःखद है कि मुझसे पूर्व एच.एम. के द्धारा स्कूल के आगे की इस कु:व्यवस्था की जानकारी विभाग व नगर  परिषद को दी गई है, लेकिन कोई ठोस पहल नहीं हो सकी है.
नगर परिषद के अधिकारी का बयान :- 
अध्य्क्ष राजू महतो,कार्यपालक अधिकारी दिनेश राम
सहरसा टाईम्स ने जब नगर परिषद के अधिकारीयों से पूछा तो नगर परिषद के अध्य्क्ष राजू महतो ने कहा कि ये तो बहुत दुःखद बात है.उन्होंने कहा कि वैसे तो मैंने हर सप्ताह सफाई हेतु गाड़ी व स्वीपर को भेज कर दो बार सफाई करवाता हूँ लेकिन इस समस्या को जल्द दूर किया जायगा। क्योँकि महिला व स्कूली छात्राओं की सुरक्षा  बहुत जरूरी है. स्कुल के द्धार  पर पेशाबखाना कहीं से उचित नहीं है. नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी दिनेश राम ने गंभीरता से लेते हुए कहा कि शीध्र ही इस दिशा में ठोश कदम उठाये जायेगें और पेशाबखाना को तोड़ कर सही विकल्प दिया जायगा साथ ही स्कूल परिसर में शौचालय व गंदगियों को साफ किया जायगा।
उपाध्यक्षा रंजना सिंह:-इस बावत नगर परिषद के उपाध्यक्षा रंजना सिंह ने दुःख व्यक्त करते  हुए कहा की यह बड़ी समस्या है और शर्म की बात है कि हमारी बेटी, बहन को पढ़ने जाने  के दौरान विद्यालय के गेट पर सर्मिन्दा होना पड़ता है और छात्रायें इस तरह समस्याओं को झेल रही है. मेरे संज्ञान में ये आ गयी है इस पर जितना जल्द हो मैं नगर परिषद में इसे उठाऊंगी ही नही बल्कि इस दिशा में अग्रतर कार्रवाई होगी की वहाँ से पेशाव खाना हटाया जायगा। इतना ही नहीं विद्यालय के अंदर शौचालय की भी मरम्मत, टंकी की सफाई व बाहर टूटे नाले को दुरुस्त किया जायगा। विद्यालय के गेट के सामने टेम्पू स्टेण्ड व कूड़े कचड़े फेंकने पर रोक लगाये जायेंगे। जिससे छात्राएं स्वस्थ्य व सुरक्षित रह सके।    

जनवरी 21, 2015

अपराधियों ने दिया एक और घटना को अंजाम, दूकान लूटा महिला को मारी गोली.......

कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट:- शहर में अपराधी और पुलिस के आँख मिचौली के खेल में लूटी जा रही है जनता बेचारी जी हाँ ऐसा ही हो रहा है.सहरसा शहर  में एक तरफ अपराधियों द्धारा अपराध को लगातार अंजाम दिया जा रहा है तो दूसरी तरफ सहरसा  पुलिस अपराधियों के ठिकानों पर छापेमारी और पकड़-धकड़  और उसकी गिरफ्तारी के लिए मुस्तैद है. शहर में घटित कई विभिन्न घटनाओं की छानबीन भी चल रही है. लेकिन  अपराधी और  पुलिस की इस आँख मिचोली के खेल में अंजाम आखिर कार शहर वासियों को ही भुगतना पर रहा है. अपराधियों का अपराध न तो थम रहा है न ही पुलिस अपराधियों द्धारा किये जा रहे अपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगा पा रही है। अब तो अपराधियों का हौसला इतना बुलंद होता जा रहा है अब दिन दहाड़े लूट और गोली मार दी जाती है.
आज गौतम नगर में अपराधियों ने एक घर, दवा की दूकान में जाकर लूटपाट की और गोली मार कर एक महिला को बुरी तरह जख्मी कर दिया. जख्मी महिला का इलाज स्थानीय सदर अस्पताल में किया जा रहा है. सदर थाना क्षेत्र के गंगजला स्थित वार्ड नंबर 16 में भाजपा के पूर्व विधायक संजीव कुमार झा के घर के निकट  मनोज झा के घर दवा की दुकान में दिन दहाड़े करीब 12 बजे दिन में अपराधियों ने लूटपाट की फिर गोली चलाई. जिससे  मनोज झा की पत्नी महालक्ष्मी देवी के हाथ में गोली लगने से वह बुरी तरह जख्मी हो गयी. 
पीड़िता  के पुत्र पवन झा ने बताया की अपराधी तीन की संख्यां में दुकान पर आया और मेरी माँ महालक्ष्मी देवी दुकान में थी कि अचानक अपराधियों ने लूट पाट शुरू कर दी काउंटर से कुछ रूपये भी लिया और गोली भी चलाया. गोली माँ के हाथ में लगी. घटना की जानकारी पुलिस को मिलते ही सदर एस०डी०पी०ओ० प्रेम सागर ने घटना  को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल पहुंच मामले की छानबीन में जूट गए हैं और मामला दर्ज कर घटना स्थल पर जाकर तहकीकात, अपराधियों की ठिकानों पर छापेमारी और गिरफ्तार करने को लेकर पुलिस जवानो को लगा दिया  गया है.
भाजपा के पूर्व विधायक संजीव कुमार झा ने कहा की हम स्नान कर के आये ही थे कि मेरे घर के बगल में गोली मारने, लूटपाट की घटना को अंजाम देकर अपराधी भाग जाने की जानकारी मिली है।  
समाज सेवी पिंटू सरकार ने कहा की शहर में अपराध बढ़ता जा रहा है.लोगों में दहशत है असुरक्षित जीवन जीने के लिए लोग मजबूर हो रहे है. यह बड़ी चिंता की बात है पुलिस आखिर क्या कर रही है.

अस्पताल में तोड़फोड़ डॉक्टर और कर्मचारी गए हड़ताल पर.....


सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट:- रोड एक्सीडेंट में बुरी तरह से जख्मी हुए सुपौल जिले के सोलनी गाँव निवासी इंद्रमोहन खां की बीती रात सदर अस्पताल सहरसा में ईलाज के दौरान हुयी मौत के बाद परिजनों ने ना केवल जमकर बबाल काटे बल्कि अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में जमकर तोड़फोड़ भी की.ईलाज में लापरवाही को मौत की वजह बताते हुए परिजनों ने हंगामा किया और उस दौरान अस्पताल में मौजूद डॉक्टर और सभी स्वास्थ्यकर्मी वहाँ से भाग निकले.मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों के साथ भी मृतक के परिजनों ने खूब बदसलूकी की. रोड एक्सीडेंट सुपौल जिले के मल्हनी चौक पर हुआ था. बताना लाजिमी है की आक्रोशित परिजनों का गुस्सा सातवें आसमान पर था और वे मीडियाकर्मियों को तोड़फोड़ की तस्वीर भी नहीं लेने दे रहे थे.
सदर एसडीपीओ प्रेम सागर के नेतृत्व में अस्पताल पहुंचे पुलिस जवानों ने आक्रोशित भीड़ को नियंत्रित और काबू में करने के लिए थोड़ा बल प्रयोग भी किया.रात में किसी तरह  में कर लिया गया लेकिन इस बल प्रयोग में कुछ अस्पतालकर्मी और ऑउटसोर्सिंग के कुछ कर्मचारियों को हल्की चोटें आयीं. नतीजतन पुलिस कार्रवाई के विरोध में आज सुबह से ही डॉक्टर, अस्पतालकर्मी और ऑउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी.आलम यह है की अस्पताल का सारा काम--काज ठप्प है और दूर--दराज से आ रहे मरीजों के साथ--साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों को भी काफी दिक़्क़तों का सामना करना पर रहा है.आगे देखना दिलचस्प होगा की ऐसी स्थिति से निपटने के लिए अस्पताल प्रशासन कितना गंभीर कदम उठाता है.

जनवरी 19, 2015

सांसद केशर अली पर जद-यू का प्रोटोकॉल उल्लंघन बयान हास्यप्रद ---- लोजपा

 कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट:-  सिमरी बख्तियारपुर विधान सभा के जद यू के विधायक अरुण कुमार यादव द्धारा खगडिया जिले के लोजपा के सांसद महबूब अली केशर पर प्रोटोकॉल उल्लंघन संबंधी बयान दिए जाने के विरोध में लोजपा ने तीखा प्रहार करते हुए उस बयान को हास्यप्रद बताया. इस बावत सहरसा के लोजपा जिलाध्यक्ष आशुतोष झा ने एक प्रेस वार्ता जारी कर कहा है कि जद-यू जिलाध्यक्ष के उस बयान की हम आलोचना भी करते है और खगड़िया जिला  के लोजपा सांसद पर जो अव्यवहारिक टिप्पणी की गयी  है वह  बिल्कुल हास्यप्रद है. उन्होंने कहा कि ऐसे फ़ूहड़ बयान बाजी से जद-यू को परहेज करना चाहिए और उन्हें मालुम होना चाहिए की क्षेत्रीय सांसद ही ग्राम सड़क योजना के सर्वे-सर्वा होते है. इस संबंधी किसी भी कार्यक्रम में आमंत्रण अपने मर्जी से देने को स्वतंत्र हैं. 
जहाँ तक माननीय विधायक जी द्धारा सांसद के घर तक रोड खराब होने की बात कही गयी है. वह क्या विधायक महोदय बतावें की उनके गाँव करुआ में स्कुल जाने का कोई सड़क या पगडंडी भी है यदि नहीं है तो विगत पंद्रह वर्षों  से सत्ता में रहकर विकास की कौन सी इतिहास उन्होंने रचा है. लोजपा जिलाध्यक्ष श्री झा ने यह भी कहा है की यदि आप और आपकी जद-यू की पार्टी के नेताओं में सहरसा के विकास के प्रति जरा सा भी भूख होती तो सहरसा से विश्वविद्यालय मधेपुरा नहीं जाता और सहरसा प्रमंडलीय मुख्यालय होने के बावजूद भी एक भी सरकारी इंजीनियरिंग मेडिकल कॉलेज क्यों नही खोला गया, बंगाली बाज़ार ढाला पर ओवरब्रिज का निर्माण क्यों नही हो रहा है. उन्होंने कहा की जनता जद-यू के ऐसे फ़ूहड़ बयानबाजी नेताओं से आगामी विधान सभा में सारे प्रोटोकॉल का हिसाब माँगेगी।  इस जारी बयान में लोजपा नेत्री सह  प्रदेश संगठन सचिव सरिता पासवान, प्रदेश संगठन सचिव एहसान नूरी, दलित सेना के जिलाध्यक्ष राम विनय पासवान, मो० केशर आलम, मो० गुलाम रसूल, बचनेश्वर झा आदि शामिल है.

कोशी की कछार पर होती है सी०बी०एस०ई० पैटर्न की पढ़ाई - ग्रामीण छात्रों में उत्साह

कृष्णमोहन  सोनी की रिपोर्ट:- सरकार पुरे बिहार में  शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए गंभीर हैं इसके लिए करोड़ो अरबों रुपये भी खर्च कर रही है, लेकिन सरजमीन पर सही-सही उतर पाना मुस्किल है. विभागीय स्तर से इस दिशा में कहीं न कहीं कमी है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब तबके के छात्र छात्रायें बेहतर  शिक्षा से वंचित हो जाते हैं. अभिभावक उतना पैसा जुटा नहीं पाते हैं. वह अपने बच्चों को सही  तालीम दिलवा सके इसकी व्यवस्था सरकारी विधालयों में कहीं से नहीं दिखती है. सिर्फ भवनों का निर्माण और मीड-डे मिल की राशियों का बंदर बाँट में  मसगुल रहते है. निजी स्कूलों में ऐसे बच्चों  को पढ़ाने के लिए 25 प्रतिशत दाखिल भी नही हो पा रहा है शहर में खोले गए कोचिंग संस्थान  में हर सब्जेक्ट की पढ़ाई के लिए अलग-अलग अच्छी रकम भरना परता है जिस बजह से ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र पढ़ाई नही कर पाते है.

लेकिन आज जो हम आपको दिखा रहे हैं उसे आप इत्तेफाक समझेंगे. आपको लगेगा की बच्चों को सही तालीम सिर्फ AC क्लास रूम या बड़े बिल्डिंग में हैं नहीं मिलती बल्कि बिना छत या AC रूम के भी अच्छी शिक्षा दी जा सकती है. इसी वाक्या को चरितार्थ कर रही है साइंस सेक्सीज क्लास नामक कोचिंग संस्थान.
जी हाँ ग्रामीण इलाकों में भी कम खर्च पर अच्छी शिक्षा व्यवस्था देने  के लिए जिले के महिषी प्रखंड क्षेत्र के कोशी की कछार पर बसा बलुआहा गाँव में साइंस सेक्सीज क्लास नामक कोचिंग संस्थान खोली गयी है. जहाँ सैकड़ों की संख्यां में छात्र- छात्राएं पढ़ाई कर अच्छी तालीम ले रहे हैं. पूर्वी कोशी तटबंध के छात्र  इस संस्थान में पढ़ने के लिए आते है. इस बावत शिक्षक डी० के० कश्यप ने बताया की उन्होंने खुद बहुत कठिन से एम०  एस० सी०. मेथ तक की पढ़ाई पटना साइंस कालेज से किया है. मंहगाई के दौर में ग्रामीण छात्र-छात्राओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है इसलिए हमने इन गरीब छात्रों के लिए बहुत ही कम राशि में शिक्षा से लाभान्वित करता हूँ ताकि हमारे ग्रामीण छात्र भी देश में अपना नाम रौशन करे. इस  कोचिंग में इंगलिश, मेथ, फिजिक्स, कैमिस्ट्री सहित अन्य परीक्षा के लिए पी० यू०के  विद्धान शिक्षक के द्धारा कम  ही दिनों में अच्छी पढ़ाई होती है. उन्होंने कहा की आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर बहुत ही कमजोर है कोशी की कछार पर तटबंध के किनारे इन ग्रामीण क्षेत्रों में हम अपने संस्थान में सी०बी०एस०ई०  पैटर्न की पढ़ाई की व्यवस्था किया है. 
इस तरह के खबरों से आपको सहरसा टाईम्स हमेशा अवगत कराते रहेगा।
 

शहर में केंडिल मार्च और श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित

कृष्ण मोहन सोनी की रिपोर्ट:- शहर में लगातार दो चिकित्सक के असामायिक निधन हो जाने के बाद से शहरवासी  शोकाकुल है. दो वरीय चिकित्सक के निधन शहर के लिए चिकित्सा जगत में अपूर्णीय क्षति है. जिसकी भारपाई कर पाना मुस्किल है. पिछले दिनों ख्याति प्राप्त  सर्जन बहुत ही मृदुभाषी और कोशी के इस दुरूह, क्षेत्र के सरजमीन से जुड़े डॉ० अनिल पाठक के असामयिक निधन हो जाने का दुःख और शोक संवेदनाएं  खत्म भी नही हुई थी कि शहर के ख्याति प्राप्त चिकित्सक डॉ० के० एस० मिश्रा के निधन हो जाने के बाद से पूरा शहर शोक में डूब गया. शहरवासियों के लिये जहां चिकित्सा क्षेत्र में इस निधन से शहर को बहुत बड़ी क्षति  हुई है वहीं लोगों में ऐसे चिकित्स्कों की कमी भी खल रही है.
निधन पर विभिन्न संगठनों, नेताओं और व्यवसायियों द्धारा लगातार शोक संवेदनाएं और श्रद्धांजलि दी गयी. रविवार को भी शहर के राष्ट्रवादी उलमा-ए-हिन्द (चेरीटेवल ट्रस्ट) के अधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं द्धारा केंडिल मार्च निकाल कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. केंडिल मार्च  और श्रदांजलि कार्यक्रम में शहर के चिकित्सक, बुद्धिजीवी और ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया.
इस मौके पर ट्रस्ट के मीडिया प्रभारी  मो० अज़हर उद्दीन ने कहा कि शहर में पिछले दिनों से सहरसा स्वास्थ्य महकमा में मातमी माहौल सा हो गया है. उन्होंने कहा की कोशी कमिश्नरी के सर्व प्रथम  एम०डी० डॉ० के० एस० मिश्रा एवं  डॉ० अनिल पाठक का निधन से इस कोशी का इलाका मर्माहत है.  उनकी आत्मा की शान्ति के लिए केंडिल मार्च और श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित की गयी. केंडिल मार्च के बाद उनके क्लिनिक में दो मिनट का मौन रखा गया उसके बाद स्थानीय शंकर चौक पर उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी. इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से ट्रस्ट के मीडिया प्रभारी मो ० अज़हर उद्दीन, सहायक मीडिया प्रभारी करण कुमार, प्रोजेक्ट डायरेक्टर मो०  एज़ाज़  अनवर, हेल्थ प्रबंधक  माधव कुमार, डॉ० अभिषेक कुमार राजा, मो० साकिब, मो० अरशद अंसारी प्रमोद राउत, ईमाम, सुरेश झा, रोहित सिंह, रतन कुमार, सुशील कुमार, मिथिलेश कुमार ठाकुर, संजय गुप्ता, अखलेश कुमार झा, बिट्टू गुप्ता,  रंजीत दास, मनोज दास, बच्चू बाबू, मिठू, चंदन राउत,रॉकी कुमार, विकाश गुप्ता आदि ने भाग लिया.          

जनवरी 18, 2015

भीषण शीतलर से जनजीवन अस्त-व्यस्त....

अजय कुमार की रिपोर्ट:- अनुमंडल सिमरी बख्तियारपुर, सलखुआ एवं बनमा ईटहरी प्रखंड क्षेत्र इन दिनों भीषण शीतलहर की चपेट में है. भीषण ठंड से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. जिसका बड़ा असर गरीब-गुरबा, मोटिया-मजदूर, रिक्शा, टमटम, टेम्पो चालक पर ज्यादा है. काम के अभाव में दो जून की रोटी का भी जुगाड़ नहीं होने से भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. हाट बाजार, रेलवे स्टेशन वीरान पड़ गया है. खास कर ठण्ड के कारण मवेशी हाट भी सुना नजर आने लगा है.
अनुमंडल एवं अंचल प्रशासन इस दिशा में बिलकुल संवेदनहीन बना हुआ है. प्रशासनिक स्तर से कहीं भी अलाव की समुचित व्यवस्था नहीं की गई है.गत माह कुछ जगहों पर लकड़ी गिराकर राशि की बन्दर बाँट कर ली गयी थी. गरीबों के बीच कम्बल वितरण की बात तो दूर अलाव तक की व्यवस्था नहीं हो पाने से गरीब -गुरबा, मोटिया -मजदूर एवं फूटपाथ पर रह रहे लोगों को जान बचाना मुस्किल सा हो  गया है.
मजदूरी कर जीविका चलाने वाले रामइकवाल, रमेश मिस्त्री, सोनिया देवी आदि ने कहा की हाकिम लोग तो रूम हीटर में मस्ती काट रहे है हम गरीब-गुरबा टूटी फूटी झोपड़ी, खुले आकाश के तले रहने के लिए मजबूर हैं. 

जनवरी 17, 2015

ठण्ड ने ली बुजुर्ग की जान------


मृतक योगी राम
कड़ाके की ठंढ और भीषण शीत लहर ने कोसी इलाके के लोगों का जीना मुहाल कर दिया है.आज इसी प्राणघाती ठंढ की चपेट में आकर एक पचपन वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गयी.मृतक योगी राम कहरा प्रखंड के धमसेनी गाँव के रहने वाले थे,जिन्हें ठंढ लगने के बाद आज सुबह ईलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया.लेकिन ईलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गयी.आंकड़े पर गौर करें तो इस साल अभीतक मरने वालों की संख्यां अठारह पहुँच चुकी है.जहांतक जिला प्रशासन का सवाल है तो उसकी तरफ से जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण इलाके में ना तो कहीं अलाव की व्यवस्था की गयी है और ना ही कहीं सरकारी कम्बल का ही वितरण किया गया है. बेरहम ठंढ ने पचपन वर्षीय महादलित बुजुर्ग योगी राम को आखिरकार मौत की नींद सुला ही दिया.
मृतक की पत्नी बुधनी देवी और पुतोहू सीता देवी कह रही हैं कि बुजुर्ग की मौत ठंढ लगने की वजह से हुयी है.अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में मौजूद चिकित्सक डॉक्टर आर.एस.राम का साफ़ कहना है की बुजुर्ग की मौत कोल्ड अटैक की वजह से हुआ है.सूबे के मुखिया कड़ाके की ठंढ ना केवल इस इलाके को लोगों को लगातार  लीलती जा रही है बल्कि असमय हो रही मौत की नयी ईबारत भी लिख रही है.सरकार के आला, आपके सारे दावे, महज लफ्फाजी साबित हो रहे हैं. गरीबों को कागजी रेवड़ी खिलाने की जगह सच्ची मदद की दरकार है.पूरा तंत्र बस खुद की हिफाजत में जुटा हुआ है.नींद से जागो सरकार......नींद से जागो सरकार.

जनवरी 15, 2015

निःसहायों की सेवा ही सबसे बड़ी पूजा..............

कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट:हर वर्ष की भाँती इस वर्ष भी शहर के व्यवसायियों ने मकर संक्रांति पर्व पर जरूरत मंदों को लंगर भोज में आमंत्रित कर भोजन खिलाया और उसके बाद कंबल का वितरण किया.  स्थानीय महावीर चौक के व्यवसायियों के द्धारा आयोजित इस कार्यक्रम  में सैकड़ों बृद्ध बिकलांग महिला पुरुष व  निःसहायों को सम्मानित करते हुए उन्हें भोजन कराया गया और इस भीषण ठंड से बचने के लिए उन्हें एक- एक कंबल भी देकर विदा किया  गया. इस मौके पर व्यवसायी दिलीप अग्रवाल ने कहा की निःसहायों, विकलांगों, वृद्ध एवं जरूरतमंदों की सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है ऐसे लोगों की सेवा हर मानव जाती के लोगो को करने के लिए आगे बढ़ना चाहिए. हमारी संस्कृति हमारी, सभ्यतायें भी यही रही हैऔर उसे हम सवों  को  मिलकर अक्षुण्ण बनाये रखना है. दरिद्र नारायण, लंगर भोज कंबल वितरण कार्यक्रम करने से जहाँ सामाजिक व्यवस्थाएं  पटरी पर रहती है वहीं लोगों में  दूसरे के प्रति सदभाव  कायम रहता है। आयोजित इस कार्यक्रम में दीपक गुप्ता,नितिन स्वर्णकार, अरविंद राउत, बजरंग गुप्ता, कमल किशोर मुकेश ठाकुर नारायण गुप्ता सोनू तुलस्यान कुंदन सिंह , राजेश द्वारिका राजकुमार गुप्ता, हसन इमाम अशोक ठाकुर, नीरज यादव ललन गुप्ता, रतन, परमानंद आदि व्यवसायियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। 

पोलियो अभियान की हुई समीक्षात्मक बैठक

कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट:  जिले में चलाये जा रहे पल्स  पोलियो अभियान को  सुचारू रूप से संचालित किये जाने को लेकर बुधवार को समाहरणालय सभागार में डिस्ट्रिक टास्क फ़ोर्स, डिस्ट्रिक हेल्थ सोसाइटी की मासिक समीक्षात्मक बैठक जिला पदाधिकारी शशिभूषण कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गयी. इस बैठक में मुख्य रूप से सिविल सर्जन व जिले के विभिन्न क्षेत्रों के स्वास्थ्य केन्द्रो, उप केन्द्रो व पोलियो अभियान से जुड़े कर्मियों ने भाग लिया. मासिक बैठक में जिला पदाधिकारी ने जिले में पोलियो अभियान को मजबूती से व सुचारू रूप से सभी  केन्द्रो पर संचालित किये  जाने से संबंधित अधिकारियों, प्रतिनिधियों  व कर्मियों से बात की. अभियान में किसी भी  प्रकार की कोई कमी न होने पाये जैसी कड़ी  हिदायत देते हुए कई आवश्यक निर्देश भी दिये। इस मौके पर  मुख्य रूप से सिविल सर्जन भोला नाथ झा,  डॉ अशोक प्रसाद , कंचन कुमारी सहित, W.H.O. यूनिसेफ, एस. आर सी प्रतिनिधि व अन्य अभियान  कर्मियों  ने भाग लिया।   

जनवरी 14, 2015

बाहुबली का नया अवतार-------------

मुकेश कुमार सिंह की कलम से स्पेशल रिपोर्ट------- सी. बी. एस. ई की एक नयी पुस्तक जो आठवी क्लास की है और विषय है हिंदी.उसके एक अध्याय के लेखक है पूर्व सांसद आनंद मोहन.....पुस्तक का नाम है मधुरिका हिंदी पाठमाला....कभी दबंग,तो कभी बाहुबली और कभी रॉबिन हुड की संज्ञा.लेकिन अब एक नया अवतार.आनंद मोहन को अब एक लेखक के रूप में पुरे देश के बच्चे जानेंगे.उनकी लेखनी इस पुस्तक में है जिसका नाम है पर्वत पुरुषः दशरथ . ...फिलवक्त ये लेखक गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के आरोप में सहरसा के मंडल कारा में उम्र कैद की सजा काट रहे है.  

सबसे पहले मै आपको इनका जरा परिचय करवा दू ..इनका जन्म 26 जनवरी 1956 में एक स्वतंत्रता सैनानी परिवार (सहरसा जिला के पंचगछिया स्थित) में हुआ  .. शुरूआती दिनों में आनंद मोहन पहले के सहरसा जिला और अब सुपौल जिला के त्रिवेणीगंज प्रखंड स्थित अपने ननिहाल मानगंज गाँव में रहते थे.वहीँ पर वे जे.पी के सम्पूर्ण क्रांति में कूद पड़े और त्रिवेणीगंज में पुलिस फायरिंग का जमकर विरोध किया.इसमें कुछ उनके छात्र साथी भी पुलिस की गोली लगने से मारे गए.उन शहीद साथियों का इन्होनें शहीद स्मारक बनवाया.. इन सबके बीच  इन्होनें अपने सम्पादन में " क्रान्ति दूत" नाम का एक साप्ताहिक अख़बार भी छापना शुरू किया.जब 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनी और तत्कालीन प्रधानमंत्री मुरारजी देसाई का सहरसा आगमन हुआ तो सैद्धांतिक मतभेदों के कारण इन्होने,उन्हें काला झंडा दिखाया.बाद में चलकर त्रिवेणीगंज विधानसभा से चुनाव भी लड़े लेकिन पराजित हुए.
इस क्रम में इनपर कई अपराधिक मुक़दमे दर्ज हुए और इन्हें देखते ही गोली मारने का वारंट भी जारी हुआ.उसवक्त आनंद मोहन को लोग रोबिन हुड की छवि के रूप में जानने लगे थे.पुलिस इन्हें कुत्ते की तरह ढूंढ रही थी और ये छुपते फिर रहे थे.वर्ष 1983 में पूर्व मुख्यमंत्री सत्येन्द्र नारायण सिंह का आगमन सहरसा में हुआ और पूर्व से तय कार्यक्रम के मुताबिक़ दस लाख से अधिक भीड़ की मौजूदगी में आनंद मोहन ने उनके समक्ष आत्मसमर्पण किया..बाद में चलकर न्यायालय से ये बड़ी हुए.तब बी.पी सिंह की लहर का दौर था.1990 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन कॉंग्रेस के कद्दावर नेता लहटन चौधरी को सहरसा जिले के महिषी से रिकॉर्ड 63,000 मतों से पराजित कर आनंद मोहन ने अपनी पहली राजनीतिक उपस्थिति दमदार तरीके से दर्ज करायी.फिर इन्होने अपनी एक पार्टी बिहार पीपुल्स पार्टी के नाम से बनाई ..बाद में चलकर लालू यादव से नजदीकियां बढ़ी और राजद से गठबंधन हुआ और वे शिवहर से सांसद चुने गए.लगातार तीन वार शिवहर से वे सांसद रहे.1994 में इनके एक साथी मुजफ्फरपुर के नेता छोटन शुक्ला की हत्या हुई.उनकी अर्थी जुलूस में लालबत्ती गाड़ी को देख भीड़ बेकाबू हो गयी और उस पर टूट पड़ी.उसमे बैठे गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या हो गयी.हत्या के आरोप में आनंद मोहन हाजीपुर से गिरफ्तार कर लिए गए निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक मामला चला और पूर्व सांसद को उम्र कैद की सजा हो गयी.बीते कई वर्षों से आनंद मोहन सहरसा जेल में बंद हैं. अब जाकर सहरसा जेल के अंदर एक नए कवि और लेखक आनंद मोहन का जन्म हुआ. कैद में आजाद कलम, स्वाधीन कलम और काल कोठरी आदि इनकी चर्चित कृति में से है.

इनके इतिहास की कड़ी को थोड़ा और आगे बढ़ाएं तो इनकी शादी सहरसा जिले की जेम्हरा गाँव की रहने वाली लवली आनंद से 13 मार्च 1991 को हुयी. आनंद मोहन ने अपने राजनीतिक प्रभाव से अपनी पत्नी को दो बार विधायक और एक बार सांसद बनाया. आनंद मोहन को दो बेटे और एक बेटी है. आनंद मोहन ने देहरादून में अपना एक घर खरीदा, जहां उनके बच्चों की परवरिश हुयी. दून के मंहगे स्कूल से बच्चों ने तालीम ली. अभी बड़ा बेटा सिम्बॉसिस पुणे में इंडस्ट्रियल डिजाइनिंग का छात्र और बेटी लॉ की छत्रा है. आनंद मोहन के दादा राम बहादुर सिंह देश के चर्चित स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे. आजादी से पूर्व आनंद मोहन के घर महात्मा गांधी, राजेन्द्र प्रसाद, विनोबा भावे से लेकर जे.बी.कृपलानी तक का आना--जाना रहा. हालिया वर्षों की बात करें तो पूर्व प्रधानमन्त्री चंद्रशेखर और पूर्व उप राष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत तक आनंद मोहन के घर आ चुके हैं. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने भी आनंद मोहन के घर जाकर अपनी हाजिरी लगाई है.
सहरसा के बुद्धिजीवी लोगों में इस बात की खुशी है की पाठ्यक्रम में इतने बड़े कवि और लेखकों के बीच आनंद मोहन को भी शामिल किया गया.आनंद मोहन के चाहने वालों में काफी ख़ुशी है.वे कहते हैं की आनंद मोहन जी ने अपनी लेखनी से साहित्कारों के बीच से एक दमदार उपस्थिति दर्ज की है.जिस ब्यक्ति के बिषय में विरोधियों ने बहुत तरह की बाते फैलाई और उनको हमेशा बाहुबली ही घोषित किया लेकिन गद्य एवं पद्य के माध्यम से जो उपस्थिति उन्होंने दर्ज की है और उनके लिखे हुए गद्य का सी.बी एस. ई  में प्रविष्ट होना,उनके विरोधियों को करारा जवाब है. कहानी और कविता के माध्यम से आनंद मोहन जी ने जेल के भीतर अपने एक-एक पल को जिया है. 
बुद्धिजीवी कहते हैं की जिस पाठ्यक्रम में इतने बड़े-बड़े साहित्कारों की रचनाओं का संग्रह किया गया है उसमे आनंद मोहन की गद्य रचना का आना बड़ी बात है.आनंद मोहन की गद्य रचना किस स्तर की होती है, ये इसका ही एक प्रमाण है ये बड़ी उत्कृष्ट खासियत है की आनद मोहन जी ने जेल की काल कोठरी में रहकर भी ऐसी रचना लिखी है. देश के जाने माने वयोवृद्ध पत्रकार यू.एन.मिश्रा भाव--विह्ववल हैं और आनंद मोहन की इस गद्द और पद्द यात्रा को श्रेष्टतम यात्रा करार रहे हैं. बड़े बेबाक लहजे में इनका कहना है की आनंद मोहन अब साहित्यिक इतिहास की धरोहर बन चुके हैं.ओमप्रकाश नारायण यादव,प्रियदर्शी पाठक,दिनेश प्रसाद सिंह,सुरेश सिंह और रमेश प्रसाद सिंह जैसे आनंद मोहन के समर्थक कोसी इलाके में घूम--घूमकर आनंद मोहन की इस बेहद खास छवि से लोगों का परिचय करा रहे हैं.इनलोगों का समवेत कहना है की आनंद मोहन के भीतर की संवेदना सदैव जागृत रही और साहित्य में इनका यह स्थापन,उसी का फलाफल है.
सहरसा जेल अधीक्षक अनिल पाण्डेय भी गदगद हैं की उनके काल में आनंद मोहन की रचना ऐसी जगह पर पहुंची है.इनके मुताबिक़ जेल के लिए यह काफी हर्ष का विषय है.
सहरसा टाईम्स ने एक मामले में सहरसा न्यायालय पहुंचे पूर्व सांसद आनंद मोहन से खास बातचीत की. आनंद मोहन ने खास बातचीत में कहा की जेल के भीतर उन्होनें निर्गुण में शगुन तलाशने की कोशिश की है. उन्होनें तल्ख तेवर में कहा की राजनीतिक साजिश के तहत मैं जेल में बंद हूँ.और जिनलोगों ने यह सोचा की आनंद मोहन को सजा कराकर अभिशाप के तौर उन्हें अभिशप्त कर दिया उस अभिशाप को मैंने वरदान में बदलने की कोशिश की है. उन्होनें कहा की उनके लिए काफी हर्ष का क्षण है और घर के लोगों से लेकर तमाम उनके समर्थक तक काफी खुश हैं. इनकी नजर में राजनीति पर जबतक साहित्य की छाँव रही राजनीति निर्मल रही. लेकिन आज राजनीति बेईमानी और गंदगी का ना केवल पर्याय बन चुकी है बल्कि राजनीति निष्ठुर हो गयी है.साहित्य के दायरे में आगे राजनीति जब आएगी तब से राजनीति पौरुष की होगी.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।