जनवरी 27, 2015

गरीबों के पेट पर चला बुलडोजर-----

मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट:  एक बार फिर सहरसा के रिहायशी इलाके में फुटकर दूकान चलाकर अपने परिवार की गाड़ी खींचने वाले गरीबों के पेट पर जिला प्रशासन का बेरहम बुलडोजर चला है.माननीय न्यायालय का हवाला देकर जिला प्रशासन शहर चमकाने के नाम पर यह कार्रवाई कर रहा है.दीगर बात यह है की एक झटके में सड़क पर आये सैंकड़ों गरीबों और उनके घर के सदस्यों का क्या होगा,इसकी फ़िक्र किसी को नहीं है.कल चमन था आज एक सेहरा हुआ.माननीय न्यायालय के निर्देश का तामिला कराने के लिए पुलिस और प्रशासन  के अधिकारी पूरी तरह से अपने रंग में हैं.
जिला मुख्यालय के थाना चौक,डीबी रोड,शंकर चौक,बंगाली बाजार,महावीर चौक,चांदनी चौक, भी आई.पी.रोड, पूरब बाजार, गंगजला चौक, रिफ्यूजी चौक, कचहरी ढाला सहित नया बाजार और अन्य सभी इलाकों में अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन दृढ संकल्पित है.फिलवक्त हम एक इलाके की तस्वीर लेकर हाजिर हो रहे हैं.देखिये जिला मुख्यालय के थाना चौक का नजारा.यहां पर अधिकारियों की देख--रेख में बुलडोजर चल रहा है.दूकान दर दूकान धराशायी होकर अपने अजड़ने की कहानी खुद से बयां कर रही है.बिना किसी सूचना के सरकारी बुलडोजर चल रहा है.इस बेरहम कार्रवाई से दुकानदार ना तो अपनी दूकान यहां से हटा सके और ना ही दूकान में रखे सामानों को.आलम यह है की सभी के सामने उनकी दुनिया उजड़ गयी. उजड़े हुए दुकानदार बेहाल हैं और कह रहे हैं की वे अब क्या करेंगे और उनके बच्चे क्या खाएंगे.कोई कह रहा है की उसकी माँ मर गयी वह क्रिया--कर्म में जुटा हुआ था.कोई कह रहा है की उसकी फुटकर दूकान की कमाई से बच्चे पढ़ रहे थे.अब वे क्या करें,उन्हें कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है.
राजेश कुमार सिंह,एसडीओ,सदर,सहरसा
इधर प्रशासन के अधिकारी राजेश कुमार सिंह,एसडीओ,सदर,सहरसा बड़े हल्के अंदाज में कह रहे हैं की उन्होनें अतिक्रमणकारियों को पहले ही इतल्ला कर दिया था.उसी आलोक में यह कार्रवाई की जा रही है.
अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई निसंदेह जायज है.लेकिन बड़ा सवाल यह है की पहले तो आपने लोगों को बसने,जमने और पनपने का भरपूर मौक़ा दिया और जब लोग उसी गलती की बुनियाद पर अपने सपने सच करने लगे तो आपने उनके सर्वस्व पर बुलडोजर चला डाला.प्रशासन को इन गरीबों के रह बसर की भी गंभीर चिंता करनी चाहिए थी,जो अभीतक की कार्रवाई के दौरान हमें कहीं भी नजर नहीं आई.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।