जनवरी 15, 2015

निःसहायों की सेवा ही सबसे बड़ी पूजा..............

कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट:हर वर्ष की भाँती इस वर्ष भी शहर के व्यवसायियों ने मकर संक्रांति पर्व पर जरूरत मंदों को लंगर भोज में आमंत्रित कर भोजन खिलाया और उसके बाद कंबल का वितरण किया.  स्थानीय महावीर चौक के व्यवसायियों के द्धारा आयोजित इस कार्यक्रम  में सैकड़ों बृद्ध बिकलांग महिला पुरुष व  निःसहायों को सम्मानित करते हुए उन्हें भोजन कराया गया और इस भीषण ठंड से बचने के लिए उन्हें एक- एक कंबल भी देकर विदा किया  गया. इस मौके पर व्यवसायी दिलीप अग्रवाल ने कहा की निःसहायों, विकलांगों, वृद्ध एवं जरूरतमंदों की सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है ऐसे लोगों की सेवा हर मानव जाती के लोगो को करने के लिए आगे बढ़ना चाहिए. हमारी संस्कृति हमारी, सभ्यतायें भी यही रही हैऔर उसे हम सवों  को  मिलकर अक्षुण्ण बनाये रखना है. दरिद्र नारायण, लंगर भोज कंबल वितरण कार्यक्रम करने से जहाँ सामाजिक व्यवस्थाएं  पटरी पर रहती है वहीं लोगों में  दूसरे के प्रति सदभाव  कायम रहता है। आयोजित इस कार्यक्रम में दीपक गुप्ता,नितिन स्वर्णकार, अरविंद राउत, बजरंग गुप्ता, कमल किशोर मुकेश ठाकुर नारायण गुप्ता सोनू तुलस्यान कुंदन सिंह , राजेश द्वारिका राजकुमार गुप्ता, हसन इमाम अशोक ठाकुर, नीरज यादव ललन गुप्ता, रतन, परमानंद आदि व्यवसायियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।