फ़रवरी 29, 2012

एक बूंद पानी के लिए तरसती अमृत पेयजल योजना


इसे विभाग की लापरवाही कहिये,लूट-खसोट का नतीजा कहिये या फिर लोगों को समय पर जागरूक नहीं किया जाना.वजह आखिर जो भी हो सरकार का इस इलाके के लोगों को शुद्ध जल पिलाने का सपना बस सपना बनकर ही रह गया है.हांलांकि इसके मुतल्लिक करोड़ों रूपये की लागत से कोसी अमृत पेयजल योजना चलायी भी गयी लेकिन धरातल पर यह पूरी तरह से खाऊ-पकाऊ बनकर विफल हो गयी.जिलेवासियों को शुद्ध जल मुहैया कराने की गरज से PHED ने वर्ष 2003 से 2005 के बीच करोड़ों की लागत से कोसी पेयजल योजना के तहत शहर से लेकर गाँव तक 1294 जगहों पर पेयजल प्लांट का निर्माण कराया था लेकिन थोड़े समय तक पानी टपकाकर यह प्लांट बेपानी होकर पूरी तरह से मृत हो गया.आलम यह है कि विगत पांच वर्षों से सबके-सब प्लांट टूटे-फूटे,जर्जर और बेजार पड़े हैं.दूसरे की प्यास बुझाने का माद्दा रखने वाला यह कल्याणकारी प्लांट आज खुद प्यासा बना बैठा है और इसे पानी की जरुरत है.यह इलाका जल जमाव वाला है.ऐसे में जाहिर तौर पर इलाके के हजारों लोग दूषित जल पीकर गंभीर बिमारियों के शिकार होने को लगातार विवश हैं.
विभाग के अधिकारी इस योजना की विफलता को स्वीकारते हैं लेकिन इसके लिए लोगों में जागरूकता की कमी के साथ-साथ उस वक्त योजना में रही कुछ तकनीकी कमियों को वे इसके लिए जिम्मेवार ठहराते हैं.इनकी नजर में यहाँ यह योजना प्रयोग के तौर पर शुरू की गयी थी जो विफल साबित हो गयी.
जाहिर सी बात है अगर यह योजना सफल होती तो आज लोग शुद्ध जल पी रहे होते और दूषित जल से कबका उन्हें छुटकारा मिल गया होता.लेकिन इस योजना की विफलता की वजह से लोग लौह युक्त,पीला और गंदगी से भरा दूषित पानी पीने को विवश हैं.चिकित्सक की राय में इस इलाके के लोग दूषित जल पीने की वजह से डायरिया,डिसेंट्री,गैस्टिक,टायफायड,जोंडिस सहित पेट से जुड़े कई अन्य बिमारियों के शिकार होते हैं.
एक बड़ी और कल्याणकारी योजना यहाँ विभागीय लापरवाही और लूट-खसोट की बलि चढ़ चुकी है.यहाँ आमजन की जगह समृद्ध तंत्रों के हितों का ख़याल रखा जाता है.लूट तंत्र की जय हो.काश एक बार अन्ना इधर भी आते.नीतीश बाबू गहरी नींद से जागिये और कुछ ऐसा कीजिये जिससे सच में लोगों का भला हो सके.लोगों ने जिगर फाड़ के आप पर भरोसा जताया है और आपको झोली भर के दुआएं दी है.लोगों की फना होती उम्मीदें और आस को साबूत उम्र बख्सी की जुगात कीजिये.

फ़रवरी 24, 2012

फ़रवरी 23, 2012

भीषण डकैती


बीती रात दो घरों में हुई डकैती /20 से25 की संख्यां में हरबे--हथियार से लैस डकैतों ने जमकर मचाया कोहराम.डकैतों ने जहां CPI नेता के घर से एक लाख से अधिक नकदी,लाखों के आभूषण और कीमती सामान के साथ लायसेंसी रायफल और 40 गोली लूटे वहीँ महिला प्रोफ़ेसर के घर से हजारों की नकदी,आभूषण और कीमती सामान लूटे. सूबे के मुखिया के कानून और अमन के तमाम हवाई दावे की पोल--पट्टी सहरसा में परत दर परत खुल रही है.यहाँ लगातार अपराध में ना केवल इजाफा हो रहा है बल्कि अपराधी दिन के उजाले और अँधेरे का भी फर्क नहीं करते और जब चाहें मनचाहे ढंग से बेख़ौफ़ होकर बड़ी से बड़ी घटना को अंजाम दे रहे हैं.बीती रात 20 से 25 की संख्यां में हरबे--हथियार से लैस डकैतों ने सहरसा सदर थाना क्षेत्र के रिहायशी मुहल्ले के दो घरों जमकर उत्पात मचाये और खूब लूटपाट की.डकैतों ने जहां CPI नेता ओमप्रकाश नारायण के घर में परिवार के लोगों के साथ मारपीट करके पहले तो उन्हें बंधक बनाया फिर घर से एक लाख से ज्यादा नकदी,लाखों के आभूषण और कीमती सामान सहित एक लायसेंसी रायफल और 40 गोली लूटकर चलते बने वहीँ एक महिला प्रोफ़ेसर डॉक्टर रेणू सिंह के घर से हजारों की नकदी और आभूषण सहित कीमती सामान लूट लिए.इस घटना से आहत AISF के कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने सैंकड़ों की तायदाद में सुबह सात बजे से ही मुख्यालाय के पॉलीटेक्निक ढाला स्थित रेलवे ट्रैक को पूरी तरह से जाम कर दिया जिससे रेल परिचालन और यातायात पूरी तरह से ठप्प हो गया.जाम को सदर एस.डी.ओ.राजेश कुमार और एस.डी.पी.ओ.राजकुमार कर्ण ने संयुक्त रूप से बड़ी मशक्कत बाद छः घंटे के बाद समाप्त कराने में सफलता पायी.अपराधियों के तांडव से हलकान--परेशान सहरसा के लोगों को एक बार फिर से पुराने जंगल राज की वापसी होती दिख रही है और वे अब खुद को भगवान् भरोसे पा रहे हैं.
सहरसा के एस.पी मोहम्मद रहमान और सदर इन्स्पेक्टर गणपति ठाकुर हाईकोर्ट में एक गवाही के सिलसिले में फिलवक्त पटना में हैं.एस.डी.पी.ओ राजकुमार कर्ण अहले सुबह में एक बार दोनों पीड़ितों के घर प़र जाकर अपनी ड्यूटी बजा चुके थे.दिन के ग्यारह बजे सदर थाना के अधिकारी पीड़ित का बयान लेने निकले.पहले नेताजी के घर के लोगों का बयान लिया फिर प्रोफ़ेसर साहिबा के यहाँ बयान लिए गए. एस.डी.पी.ओ राजकुमार कर्ण को इनदिनों कैमरे की बू आती है और वे कैमरे प़र कुछ भी बोलना नहीं चाहते हैं.ऐसे में हमने बयान लेने पहुँचे एक पुलिस अधिकारी से दोनों घटनाओं को लेकर जबाब--तलब किया.आईये सुनते हैं इनको.
एक रात में दो घरों में हुई भीषण डकैती की घटना ने यहाँ की पुलिस की पोल--पट्टी खोलकर रख दी है.आईने की तरह यह साफ़ है की अपराधियों प़र पुलिस का कोई खौफ नहीं है और वे जब चाहें किसी भी घटना को अंजाम दे सकते हैं.हम दावे के साथ कह सकते हैं की इस इलाके के लोगों की सुरक्षा पुलिस के दम प़र नहीं बल्कि अपराधियों की रहमोकरम प़र टिकी है.सहरसा लाइव टुडे के लिये चन्दन सिंह की रिपोर्ट 

फ़रवरी 22, 2012

शिक्षा माफियाओं के खेल में ठगे गए लोग


परीक्षा के दौरान जाँच करते  सहरसा डी. एम.  मिसबाह बारी
बीते कल देर शाम से ही सहरसा की बाजारों में आज से शुरू हुई मैट्रिक परीक्षा के अंग्रेजी विषय के प्रश्न पत्र लीक होने के नाम प़र धड़ल्ले से पाँच हजार में बिकने शुरू हुए जो पचास रूपये तक में बिके.परीक्षार्थियों के अभिभावकों ने अपने--अपने बच्चों के भविष्य का ख्याल कर बड़ी उम्मीद से प्रश्न पत्र ख़रीदे थे लेकिन जब आज परीशा शुरू हुई तो वे सारे प्रश्न पत्र मिलान करने प़र नकली साबित हुए.यह अलग बात है की परीक्षार्थियों के अभिभावकों ने बहुत बड़ा धोखा खाया लेकिन शिक्षा माफिया अपने मकसद में पूरी तरह से कामयाब रहे और उन्होनें बैठे--बैठे लाखों का कारोबार कर लिया.नवोदय और STET परीक्षा में लीक हुए प्रश्न पत्र के लीक होने और उसमें सच्चाई पाए जाने की वजह से मजबूर अभिभावकों ने प्रश्न पत्र खरीदकर जुआ खेला था जिसमें उन्हें मुंहकी खानी पड़ी.इस घटना से एक बात तो खुलकर सामने आ रही है की पुलिस और प्रशासन के अधिकारी ऐसे शिक्षा माफियाओं को या तो खुली छूट दे रखे हैं या फिर उनपर नकेल कसने का उनमें सामर्थ्य नहीं है.
लीकतंत्र के जलवे ने मैट्रिक परीक्षार्थियों के परिजनों को तो लाखों का चुना लगाया लेकिन शिक्षा माफियों ने इस आड़ में जमकर अपना कारोबार किया.एक रात में ही माफियाओं ने लाखों का कारोबार कर लिया और सहरसा के पुलिस--प्रशासन के अधिकारी बस तमाशबीन बने रहे.कयासों का बाजार गर्म है की कहीं शिक्षा माफियाओं के तार अधिकारियों से लेकर खद्दरधारियों से तो नहीं है.

फ़रवरी 21, 2012

टेम्पो हादसा


मृत सदानंद ठाकुर
आज सुबह मधेपुरा की तरफ से बैजनाथपुर आ रही एक तेज रफ़्तार टेम्पो बैजनाथपुर ओ.पी के सवैला चौक के समीप असंतुलित होकर पलट गयी जिसमें एक व्यक्ति की मौके प़र ही मौत हो गयी जबकि एक महिला सहित तीन लोग जख्मी हो गए.जख्मियों को आनन्--फानन में सदर अस्पताल लाया गया जहां उनका इलाज हो रहा है.गंभीर रूप से जख्मी महिला की स्थिति नाजुक बतायी जा रही है.बताते चलें की मधेपुरा के नवटोल गाँव से लड़की की विदाई कराके ला रहे ये सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं जो बैजनाथपुर ओ.पी के उटेसरा अपने गाँव लौट रहे थे की यह हादसा हो गया.
जख्मी संगीता
टेम्पो हादसे में दुनिया को असमय अलविदा कह गए सदानंद ठाकुर की लाश सदर अस्पताल की सीढ़ी पर पड़ी हुयी है.सदानंद अपनी भतीजी संगीता की विदाई उसकी ससुराल मधेपुरा के नवटोल गाँव से  कराके वापिस टेम्पो से अपने गाँव उटेसरा लौट रहे थे की अचानक टेम्पो सवैला के समीप पलट गयी जिसमें सदानंद ने तो मौके पर ही दम तोड़ दिया वहीँ भतीजी संगीता सहित तीन लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए.
देखिये संगीता को ऑपरेशन थियेटर में किस तरह से उपचार किया जा रहा है.यहीं पर संगीता के एक और चाचा रामानंद का भी उपचार किया जा रहा है.इस हादसे में संगीता के छोटे भाई दीपक को भी गंभीर चोट आई है.फिलहाल सभी जख्मियों का सदर अस्पताल में इलाज किया जा रहा है.जख्मियों में संगीता की हालत नाजुक है.
-छोटी से लेकर बड़ी गाड़ियों की रफ़्तार असमय लोगों को लीलती चली जा रही है लेकिन रफ़्तार का यह कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है.इस साल अभीतक सड़क दुर्घटना में नौ लोगों की जान जा चुकी है लेकिन इससे ये रफ़्तार के सौदागर सबक लेने को कहीं से भी तैयार नहीं दिख रहे हैं.रब जाने मौत का यह अंतहीन सिलसिला कब थमेगा. 

फ़रवरी 20, 2012

जाली रूपये के साथ चार धराये


गुप्त सूचना प़र कल शाम से जुटी सहरसा पुलिस को आखिरकार देर रात बड़ी कामयाबी मिल ही गयी.पुलिस ने जाली नोट के कारोबार में लम्बे समय से लगे क्षेत्रीय सरगना कुंदन सिंह को एक लाख के जाली नोटों के साथ सब से पहले दबोचा फिर उसकी निशानदेही प़र पुलिस ने तीन और शातिरों को अपनी गिरफ्त में लिया.बाद में गिरफ्त में लिए गए तीन शातिरों में से एक शातिर छोटू सिंह को सदर थाना क्षेत्र के गौतम नगर स्थित उसके घर से एक लाख के जाली नोट के साथ दबोचा गया.इस कामयाबी से गदगद पुलिस अधिकारियों का कहना है की कोसी इलाके में लम्बे समय से जाली नोटों का कारोबार चल रहा है.गिरफ्त में लिए गए कुंदन सिंह के तार मधेपुरा,सुपौल सहित सीमावर्ती अन्य जिलों के अलावे नेपाल और बंगाल से भी जुड़े हुए हैं.पुलिस अभी उससे पूछताछ में जुटी है.पुलिस अधिकारी जाली नोटों के तमाम कारोबारियों तक पहुँचने की कोशिश में जुटे होने के दावे कर रहे है उनकी मानें तो आगे और बड़ी कामयाबी मिलेगी.
पुलिस को मिली यह कामयाबी निश्चित तौर प़र उसकी पीठ थप--थपाने के काबिल है.आगे यह देखना जरुरी होगा की पुलिस और कितनी कामयाबी हासिल कर पाती है.

फ़रवरी 17, 2012

STET प्रश्न पत्र हुआ लीक


STET के लीक हुए प्रश्न पत्र बीती रात से ही 25 से 50 हजार रूपये में बिके /एस.डी.ओ और एस.डी.पी.ओ ने संयुक्त रूप से परीक्षा केंद्र प़र जाकर लीक प्रश्न पत्रों का मिलान परीक्षार्थियों के बीच वितरित हुए प्रश्न पत्रों से किये /दोनों प्रश्न पत्र समान /चार सीरिज में हो रही इस परीक्षा के लिए सहरसा में बनाए गए हैं चौदह केंद्र /दो पालियों में हो रही परीक्षा में पहली पाली में 6 हजार 698 परीक्षार्थी हुए शामिल दूसरी पाली में 1 हजार 708 परीक्षार्थी हो रहे शामिल /डी.एम अभीतक जाँच की ही बात करने में हैं लगे हुए 
STET की परीक्षा के लिए कल रात से ही 25 से लेकर 50 हजार रूपये में बिक रहे प्रश्न पत्र आखिरकार आज परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों के बीच वितरित किये गए प्रश्न पत्रों के साथ मिलान के बाद हुबहू पाए गए.एस.डी.ओ राजेश कुमार और एस.डी.पी.ओ राज कुमार कर्ण ने संयुक्त रूप से प्रश्न पत्रों का मिलान किया और इसकी जानकारी सहरसा के डी.एम मिसबाह बारी को दे दी.यहाँ बताना लाजिमी है की जांच एक तरह से पूरी हो जाने के बाद यानि जब यह स्पष्ट हो गया है की लीक औ ओरिजिनल प्रश्न पत्र दोनों समान हैं फिर भी दूसरी पाली की परीक्षा संपन्न कराई जा रही है.जाहिर तौर प़र जिला प्रशासन जो हो रहा है वह होने दो की तर्ज प़र महज अपनी ड्यूटी बजा रहा है और बड़ी कारवाई उसने राज्य मुख्यालय के ऊपर छोड़ दी है.
बीते बारह फ़रवरी को नवोदय की प्रवेश परीक्षा के प्रश्न पत्र लिक हुए थे और आज STET के.इस प्रश्न पत्र लीक के गोरखधंदे  में लाखों का खेल हुआ है.कयासों का बाजार गर्म में है की यह शिक्षा अधिकारियों,प्रशानिक अधिकारियों और शिक्षा माफियाओं की गठजोड़ का खेल है.रब जाने इस प़र कब और कैसे लगाम लग सकेगा.

फ़रवरी 14, 2012

अधिकारियों के खिलाफ जनप्रतिनिधियों ने खोला मोर्चा

कोसी प्रमंडल के अधिकारी और कर्मचारियों के मन--बढ़ऊ रवैये से परेशानपंचायती राज जनप्रतिनिधि और विभिन्य राजनीतिक दलों  के कार्यकर्ता--नेता अब आरपार की लड़ाई के मूड में हैं.जिला परिषद् के सभा कक्ष में आज पंचायती राज जनप्रतिनिधि और विभिन्य दलों के नेता--कार्यकर्ता इकठ्ठा हुए हैं.जनप्रतिनिधियों के साथ इस सर्वदलीय बैठक में सारे वक्ता समवेत अफसर और कर्मचारियों प़र जमकर बरस रहे हैं.एक तरफ जहां इन जनप्रतिनिधियों का कहना है की जनता ने उन्हें चुनकर भेजा है और उनपर जनता की उम्मीदों का बोझ है लेकिन अधिकारी--कर्मचारी उनकी एक नहीं सुनते हैं और उनका अपमान करते हैं.आखिर वे किस तरह से जनता का भला कर पायेंगे.जनता की समस्याओं को लेकर जब वे कोसी प्रमंडल के आयुक्त जे.आर.के.राव के पास उनके द्वारा दिए गए मिलने के समय प़र जाते हैं तो उन्हें आयुक्त अपने कक्ष से खदेड़ देते हैं.बीते नौ फ़रवरी को उनके साथ आयुक्त ने काफी अपमानजनक व्यवहार किया.वहीँ विभिन्य राजनीतिक दलों के नेता--कार्यकर्ताओं ने भी अफसरों के रवैये प़र कड़ी आपत्ति जताई.आज की इस बड़ी बैठक में यह फैसला लिया गया की अगर अधिकारियों ने जल्द अपने चाल--चलन को ठीक नहीं किये तो एक एतिहासिक बड़ा जन आन्दोलन होगा जिसमें अधिकारियों को अपने कार्यालय तक पहुँच पाना भी मुश्किल होगा. 
जाहिर तौर प़र त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में ये जनप्रतिनिधि अफसरों के अपमान और उपेक्षा से हलकान--परेशान हैं.प्रशासन के अधिकारियों को चाहिए की इन जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर विकास की गाड़ी को आगे बढायें.इसमें कोई शक नहीं है की अधिकारियों से ज्यादा क्षेत्र की समस्याओं की ज्यादा जानकारी क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों  को होती है.वैसे सुशासन के बाबू के रंग बड़े निराले हो गए हैं.आगे अफसरों का रुख कैसा रहेगा और इस जन आन्दोलन का रंग कैसा होगा यानि ऊंट किस करवट बैठेगा,अभी कहना नामुमकिन है.

फ़रवरी 13, 2012

रिहाई के लिए पूजा और हवन

बीते नौ फ़रवरी से सहरसा के विभिन्य मंदिर,मस्जिद और गुरुद्वारे में पूर्व सांसद बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई के लिए ईबादत--दुआ,पूजा--अर्चना और यज्ञ--हवन का दौर जारी है.पूर्व सांसद आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डी.एम जी कृष्णैया ह्त्या मामले में अभी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं और पिछले साढ़े चार वर्षों से जेल में बन्द हैं.जी कृष्णैया की ह्त्या और आजीवन कारावास मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट में आगामी 14 फ़रवरी से सुनवाई होनी तय है.इस बार अदालत अपना अंतिम फैसला सुनाएगी की आनंद मोहन की सजा बरकरार,सजा कम या फिर उनकी रिहाई होगी.जाहिर सी बात है की आनंद मोहन के समर्थकों के लिए आसमानी सत्ता की चिडौरी करना वक्ती जरुरत है और वे इसमें दिलो--जान से लगे हैं.मंदिर हो या मस्जिद या फिर गुरुद्वारा,हर जगह मोहन के समर्थक ईबादत--दुआ,पूजा--अर्चना और हवन --यज्ञ में लगे हुए हैं.इसी कड़ी में आज आनंद मोहन के समर्थकों ने सहरसा जिला मुख्यालय स्थित मत्स्गंधा स्थित रक्त काली मंदिर में ना केवल पूजा अर्चना की बल्कि यज्ञ और हवन भी किये.कहते हैं की उपरवाला बड़ा रहम दिल है और भक्त अगर सच्चे मन से कुछ मांगे तो वह जरुर मिलता है.यहाँ तो भक्तों का तांता लगा है.आगे देखना है की माँ काली इन भक्तों प़र कितना मेहरबान होती है.
आनंद मोहन की रिहाई होकर रहेगी,भक्तजन आशान्वित हैं.परम सत्ता के दरबार में अर्जी लगी हुई है.अब आगे यह देखना दिलचस्प होगा की मंदिर,मस्जिद से लेकर गुरुद्वारे तक में की गयी फ़रियाद कितनी सुनी जाती है और अदालत का फैसला क्या आता है.माँ काली के दरबार में आकर लोग यह ताल ठोंककर कह रहे हैं की करुणामयी माँ आनंद मोहन को रिहाई कराकर रहेगी

नवविवाहिता रूपम की हत्या का खुलासा

शादी के जोड़े में रूपम और सोनू सिंह
शादी का ठीक से माने भी रूपम नहीं समझ पायी थी की दहेज़ के लोभी और अवैद्य सम्बन्ध की गिरफ्त में फंसा पति अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर ना केवल उसकी हत्या कर दी बल्कि साक्ष्य छुपाने या फिर पूरी तरह से उसे मिटाने की गरज से उसकी लाश को कोसी नदी में फेंक दिया. 21 जून 2010 को  नवहट्टा थाना क्षेत्र के दिबरा गाँव के सोनू सिंह के साथ हिन्दू रीति--रिवाज से यथासंभव दान--दहेज़ देकर उसका विवाह काफी धूम--धाम से हुआ था.लेकिन रूपम की किस्मत ही खराब थी की उसका विवाह जिसके साथ हुआ था उसका नाजयाज सम्बन्ध उसकी भाभी रिंकू सिंह के साथ था.बताते चलें की रिंकू सिंह लगातार दूसरी बार खड़का तेलवा पंचायत की मुखिया निर्वाचित हुई है.रूपम को इस अवैद्य सम्बन्ध की जानकारी हो गयी और वह इसका विरोध करने लगी.रूपम के बेगैरत पति अक्सर रूपम की पिटाई करने लगा.यही नहीं वह रूपम को मायके वालों से 2 लाख रूपये लाने की जिद भी करने लगा.रिस्ते में खटास और दरार आने लगी.रूपम सारी घटनाओं से अपने मायके वालों को अवगत कराती रही.
मृतका के परिजन
कई बार रूपम के पिता दयानंद सिंह जो एक किसान हैं ने दिबरा जाकर इस बाबत पंचायत भी की.इस बीच भी उन्हें उनकी बेटी बुला रही थी लेकिन उनका एक पाँव दुर्घटना का शिकार हो गया और वे समय से वहाँ नहीं पहुँच पाए.और इसी बीच रूपम को इस दुनिया से विदा कर दिया गया.रूपम की माँ,भाभी,और चाची सहित मायके के सभी लोग ना केवल इस घटना की बाबत पूरी जानकारी दे रहे हैं बल्कि दोषियों को फांसी की सजा मिले इसकी गुहार भी लगा रहे हैं.मृतका का मायका मधेपुरा जिला का दिघिया गाँव हैपैसा और रसूख की ताकत रखने वाले इस हत्यारे परिवार को शायद यह गुमाँ था की वे इस मामले को अपने तरीके से पेच-अप कर लेंगे. नवहट्टा थाना के दिबरा गाँव में हुई इस सनसनीखेज हत्या की कमान आखिरकार सहरसा के एस.पी ने खुद संभाल ली है और मामले की तहकीकात कर रहे हैं.बताते चलें की नवविवाहिता रूपम की ह्त्या बीते 6 फ़रवरी को हुई थी.इस ह्त्या मामले में रूपम के पति,पति की मुखिया भाभी सहित पांच लोगों के खिलाफ नवहट्टा थाना में काण्ड दर्ज किया गया है.फिलवक्त आरोपी परिवार के सभी सदस्य फरार हैं.एक तरफ मृतका के मायके वाले इस ह्त्या के पीछे की वजह दहेज़ का लोभ और अवैद्द्य सम्बब्ध का प्रपंच बता रहे हैं वहीँ एस.पी इस घटना को सही बताते हुए जल्द से जल्द मामले के आरोपियों के खिलाफ कुकी--जब्ती करने और कठोर कारवाई की बात कर रहे हैं.
मासूम रूपम इस दुनिया से बिना कुछ ख़ास बटोरे अधूरी ही विदा हो गयी.पुलिस के अधिकारी दावे--तो बड़े--बड़े कर रहे हैं लेकिन रूपम को कितना और कैसा न्याय मिल पायेगा अभी उसपर शब्द देना जल्दबाजी होगी.हम जिन्दा रूपम की समस्याओं तक तो जानकारी के अभाव में समय प़र नहीं पहुँच सके लेकिन मुर्दा रूपम के लिए हमारी कोशिश तबतक जारी रहेगी जबतक हत्यारे सलाखों के भीतर पहुँच नहीं जाते

फ़रवरी 04, 2012

खेत में गड़ा बम मिला

बीते गुरुवार सदर थाना क्षेत्र के गोबरगढ़ा गाँव की एक खेत में गड़े हुए बम को देखकर पूरे इलाके में सनसनी फैल गयी.अहले सुबह भैंस चराने गए लोगों ने एक लाल डब्बे को ज़मीन के भीतर गड़ा हुआ देखा तो उनके होश फाक्ते हो गए और उन्होनें इस बाबत फ़ौरन पुलिस को सूचना दी.लेकिन अपनी बिगडैल आदत से लाचार सहरसा पुलिस मौके प़र दस बजे दिन के बाद पहुंची,वह भी खाली हाथ.बड़ी मशक्कत और तमाशे के बाद बम को बांस की मदद से निकालकर पानी भरे बाल्टी में रखकर उसे नाकाम किया गया.इस घटना से आसपास के लोगों में काफी दहशत व्याप्त है.दहशत आखिर क्यों ना हो.बीते 18 जनवरी को इसी खेत में एक देशी बम फटा था जिसमें ब्रजेश यादव नाम का एक युवक बुरी तरह से जख्मी हुआ था जो इलाज के लिए अभीतक सदर अस्पताल में भर्ती है.बम मिलने को लेकर पुलिस को जहां गंभीर और चौकस होना चाहिए वहाँ वह ठिठौली करती नजर आ रही है.
इस घटना के बाबत बम मिलने वाली जगह पर पहुंचे पुलिस अधिकारी का कहना है की बम मिला है और आगे भी बम की तलाश की जायेगी.उनकी कोशिश रहेगी की छुपाकर रखे गए बम को निकालें.
बगल में परोसी देश नेपाल है जहां से माओवादियों की लगातार भारतीय क्षेत्र में प्रवेश की सूचना आती रहती है.यही नहीं आतंकियों के लिए भी यह इलाका सेफजोन बनता जा रहा है.सबसे अहम् बात यह है की यह इलाका नक्सल प्राभावित भी है और नक्सली कोसी के दियारा इलाके में शरण भी लेते हैं.ऐसे में खेत में इस तरह से बम का मिलना कहीं से भी शुभ संकेत नहीं है.यह वह घड़ी है जब पुलिस को गंभीर और बड़े कदम उठाने चाहिए लेकिन हमारे यहाँ की पुलिस को तो बड़े हादसे से पहले जागने की आदत ही नहीं है.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।