नवंबर 30, 2015

साँई बाबा के उत्सव समारोह में निकाली गयी पालकी यात्रा, उमड़ा भक्तों का जनसैलाब

कृष्णमोहन सोनी और अजहर उद्दीन की रिपोर्ट :- हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सहरसा शहर के साँई भक्तों व साँई चाकर  समिति के द्धारा 29 नवंबर 15 रविवार को स्थानीय सहरसा कालेज मैदान में उत्साह पूर्वक  बड़े धूम धाम से आरती, चतुर्थ वार्षिक पवित्र पालकी यात्रा एवं महाभंडारा तथा सांई भजन संध्या का भव्य आयोजन किया गया. पवित्र पालकी यात्रा एवं भंडारा तथा साँई भजन कीर्तन साँई की झाँकी भी निकाली गयी जिसमे प्रसिद्ध साँई भजन गायक पारस जैन शिर्डी एवं दिल्ली के कलाकारों द्धारा एक से एक भजन एवं रासलीला प्रस्तुति की गयी.
इस मौके पर सबसे पहले पालकी यात्रा में भाग लेने के लिए स्थानीय सहरसा कालेज मैदान में हजारों की संख्या में साँई भक्त महिला, पुरुष सहित बच्चों ने भी हिस्सा लिया. 
वहीं संध्या काल में बाहर से आये एक से एक कलाकारों द्धारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया. 
वही उत्सव में भारी संख्यां में भक्तों ने भाग लेकर अपनी साँई संगीत भजनो से पंडाल में उपस्थित होकर  साँई  बाबा की तस्वीरों पर फूल चढ़ा कर साँई बाबा के भक्तिमय बहती गंगा में डुबकी लगाया. साँई चाकर समिति द्धारा आयोजित इस साँई उत्सव में सबसे पहले साँई बाबा की आरती की गयी उसके बाद पालकी यात्रा निकाली  गयी. 
पालकी यात्रा शहर के सहरसा कालेज मैदान से निकल कर पूरब बाजार होते हुए शहर के विभिन्न व मुख्य महावीर चौक, थाना चौक, शंकर चौक, दहलान चौक आदि क्षेत्रों से भ्रमण करते हुए पुनः स्थल पर पहुंचा.
पूजा स्थल पर आये भक्तजनो के लिए विशेष कर साँई उत्सव समारोह में आने वाले दूर- दूर के साँई भक्तों के लिए भी व्यवस्था की गयी जिसमे महिलाओं, पुरुषों के लिए अलग- अलग भव्य पंडाल में बनाये गए और उनके रहने के सुंदर सुरक्षित व्यवस्था, खाने हेतु भंडारा की व्यवस्था किया गया. 
इस अवसर पर समय समय पर भक्तजनो के लिए चाय कॉफी निःशुल्क दिए गए जिसे लोगो ने आनंद उठाया एवं पूजा आरती भजन संकीर्तन में भाग लेकर पुण्य के भागी भी बने.
इस साँई उत्सव समारोह में साँई बाबा तस्वीर एवं किताबों का भी  अलग- अलग अनेको स्टॉल लगाये गए. वहीं  सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम भी  किया गया जिसमे महिलाओं के लिए महिला स्वयं सेवक और पुरुष भक्तजनो के लिए युवास्वयं सेवको को तैनात किया गया.
इस मौके पर साँई चाकर समिति के संयोजक विशाल कुमार बिट्टू ने बताया की यहाँ हर वर्ष इस तरह के आध्यात्मिक साँई उत्सव अब मनाया जाएगा. आज भी बड़े धूम धाम से मनाया जा रहा है और यहाँ आये सभी भक्तजनो के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है. साँई बाबा के दरवार में भक्तजनों के लिए बाहर से कलाकारों को भी मंगाया गया है. भक्तिमय संगीत भजन का आनंद भक्तजन लेंगे इस कार्य कर्म में साँई चाकर समिति के अध्यक्ष् विमल कुमार,सचिव लाल प्रसाद साह,उमेश जायसवाल,अरुण सिंह बैजू सिंह बुक्की यादव, रमन वर्मा ,गौरव कुमार प्रेम कुमार राउत ,अमित सोनी , प्रभु सिंह ,कुणाल कुमार टिंकू ,मनीष कुमार गोबिंद सहित अन्य सदस्यों ने बढ़चढ़ कर कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना अपना योगदान किया। 

नवंबर 27, 2015

साहित्य की घोर ह्रास से हमारी संस्कृति व सभ्यताएं भी सिमटती जा रही है......


कृष्ण मोहन सोनी की कलम से साहित्य पर एक छोटा सा प्रकाश, एक रिपोर्ट:- हर क्षेत्र में साहित्य का एक अपना अलग महत्व है. खास कर मानव जीवन  साहित्य से जुड़ाव होना अतिआवश्यक है. साहित्य मानव जीवन के हर सुख दुःख में एक सच्चे साथी व जीवन को जीने में बहुत ही कारगर अनमोल रत्न जैसी खुशियाँ भी देती है. 
साहित्य से इतर रहकर मनुष्य अपने जीवन को सही-सही जी नही सकते. कितनी भी कठिनाइयाँ हो और साहित्य सामने आ जाय तो हर कठिनाइयों को दूर कर जीवन संवार कर सुखमय जीया जा सकता है. मनोरंजन का क्षेत्र हो या समाज विकास या राजनीतिक पहलू देश की संप्रभुता की रक्षा या फिर देश की सांस्कृतिक सभ्यताएं व सौहार्द को ठोस और उसे अछुण्ण बनाये रखने में साहित्य का होना आवश्यक है नही तो जीवन कष्टमय ही नही बल्कि कई बहुमूल्य सोच व  दिशा के  साथ साथ हम मानव जीवन की महत्तता को खो देंगे और हमारी मानव जीवन की संम्पूर्ण कहानी भी जमींदोज हो जायेंगे.
 इसलिए हर मानव  जीवन को साहित्य के प्रति संवेदनशील और इनके हर रस में घुल जाने की जरूरत है ताकि हर क्षेत्र में साहित्य के बल पर आगे बढ़ा जा सके लेकिन वर्तमान में इन दिनों साहित्य की घोर ह्रास व अपेक्षित रहने की वजह से ही पुरे विश्व में एक बदलाव हो रहा है जो कहीं न कहीं विनाश का कारण: बनता जा रहा है. यही कारण है कि हर देश अस्थिरता व विभिन्न आपदाओं से जूझ रहा है और हमारी संस्कृति व सभ्यताएं भी सिमटती जा रही है..।  

नवंबर 26, 2015

घटना स्थल पर तीन दिनों के बाद पहुँची सहरसा पुलिस .......

कृष्ण मोहन सोनी की रिपोर्ट:- विगत तीन दिन पहले स्थानीय सराही वार्ड न० 5 में अपराधियों ने रामदेव मुखिया के घर पर हमला कर घर में लूटपाट की थी. गृह स्वामी रामदेव मुखिया व उनकी पत्नी चानो देवी को बुरी तरह मार पीट कर जेवरात लुट लिया. जख्मी का इलाज हेतु सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस बावत पीड़ित परिजनों ने घटना की सूचना स्थानीय सदर था ना पुलिस को दी, लेकिन दुर्भाग्य है कि तीन दिन बाद पुलिस घटना स्थल पर गयी और मामले को दर्ज की.
इस घटना में आरोपी अभ्युक्त गणेश मुखिया उनके पुत्र उज्वल मुखिया, अर्जुन मुखिया पिता योगेन्द्र मुखिया सहित अन्य अज्ञात के विरुद्ध दर्ज मामले में एक की भी गिरफ्तारी नही हो पायी है. जिससे पीड़ित परिवार दहशत में है। पहले घटना के अपराधी तो पुलिस के गिरफ्त में नहीं आते है लेकिन अपराधी फिर दूसरी घटना को अंजाम देने में सफल हो जाते है. इस तरह अपराध की लगातार घटना घट रही है पुलिस घटना के बाद मामले कि छानबीन में जुट जाती है. आखिर कब-तक  होती रहेगी छानबीन और शहरवासी सहते रहेंगे अपराधियों का अपराध. 

भाई – बहनों के अटूट प्रेम का पर्व सामा–चकेवा सम्पन्न......


कृष्णमोहन सोनी के साथ मो० अजहर उद्दीन की रिपोर्ट:- मिथिलांचल में प्रचलित और लोका आस्था भाई – बहनों के अटूट प्रेम कहानी पर्व सामा – चकेवा हर वर्ष कि भांति एस वर्ष भी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े ही धूम-धाम से मनाया गया.यह पर्व हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर मिथिलांचल में मनायी जाती है.सामा-चकेवा एस पर्व को लेकर बहने पूर्व से ही मिट्टी कि रंग-बिरंगी मुर्तिया बनाती है. जिसमें सामा-चकेवा, चुगला, सतभैया, कचबचिया, सखारी, भबरा-भबरी, वृंदावन, खजन चिड़िया, आदि कि खुबसूरत प्रतिमा पारम्परिक तरीके से बना कर आधुनिक ढंग से सजा कर मनाई गयी. 
बहने इस पर्व पर अपने भाई कि दीर्घायु लम्बी उम्र कि कामना करते हुए.गीत-नाद के साथ पूर्णिमा के रात में हँसते-गाते गावं कि कुरखेत या नदी तालाब में जा कर सामा-चकेवा का विसर्जन किया.
बताया जाता है,कि इस पर्व में सामा-चकेवा सहित अन्य पंछियों कि आकृति को बांस के बने टोकरी में लेकर माथे पे रख गीत गाती घर से निकलती है और नदी तालाब या कुरखेत में जाकर पूजा अर्चना कर विसर्जन भी करती है. इस मौके पर महिलाएं एक जुट होकर अपने गीतों में अपने भाई के लिए गाम के जमींदार आहो बड़का भैया हो मोहे आठ दस पोखरी खून वाय दिहो, जैसी गीत गाती है. जिसमें भाई के प्रति अटूट प्रेम देखने को मिलता है. ये गीत ना केवल इतिहास कि जानकारी देती है, बल्कि भाई-बहनों कि अटूट प्रेम कहानी प्रतीत होती है.
बताया जाता है, कि भगवान कृष्ण कि बेटी सामा अपने प्रेमी से गंधर्व विवाह कि थी.जिसकी शिकायत चुगला दूारा भगवान कृष्ण को के जाने बाद भगवान कृष्ण ने सामा को श्राफ दिया और मैना बना दिया जो वृन्दावन कि जंगल में भटक रही थी.सामा के भाई दूारा अपनी बहन एवं बहनोई का मिलन कराने के लिए अनजल त्याग दिया मजबूरन भगवान विष्णु ने सामा को पुनः मनुष्य योनी में लाया जहाँ सामा अपने पति के साथ खुश रहने लगी और अपने भाई चारू वक्र लम्बी आयु के लिए पूजा करने लगी तब से ये परम्परा हमलोगों के बीच सामा-चकेवा त्यौहार के रूप मानाया जाता है.         

अपराधी ने कनीय अभियंता को जख्मी कर घर में कि लूटपाट......

कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट :- फिर एक बार अपराधियों द्धारा किये गए अपराध की घटना से सहरसा शहर वासियों में दहशत फैल गयी है इन दिनों लगातार अपराधी  घटना को अंजाम दे रहा है  इस दिशा में सहरसा पुलिस अपराध पर अंकुश लगा पाने में अक्ष्म सावित हो रही है.अपराधियों के मंसूबे इतने बुलंद है की अपराधी खुलेआम अपराध को अंजाम दे रहा है.
बीती रात अपराधियों ने जिले के कहरा प्रखण्ड में पदस्थापित मनरेगा के योजना एवं विकास विभाग के कनीय अभियंता आशिष कुमार के सराही वार्ड न० 5 जगदम्बा चौक के निकट उनके आवास पर हमला कर घर में लूटपाट की. 
अपराधियों ने अभियंता आशिष कुमार व उनके वृद्ध पिता राम नारायण मालाकार सहित किरायेदार विरेन्द्र राम को बुरी तरह मारपीट कर जख्मी कर दिया. घर से जेवरात व नगदी 12 हजार लूट ले गया. सभी जख्मियों की हालत गंभीर है जिसे सदर अस्पताल में इलाज हेतु भर्ती  कराया गया है. इस बावत पीड़ित ने बताया कि मामले की जानकारी पुलिस को दी गयी जिसमे चंदन, कुंदन, योगेन्द्र साह व अज्ञात के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया. घटना के बारे में बताया कि घटना पूर्व में भी सभी आरोपी धमकी दिया था मारपीट किया तो उसके विरुद्ध थाना में एफ.आई.आर. दर्ज हुई थी जिसमे समझौता करने का दबाव में नही आने से अपराधी घटना को अंजाम दिया. 

नवंबर 25, 2015

कोसी में जमीनी विवाद में खेली जाती है खून की होली ......

फ़ाइल् फोटो 
मो० अज़हर उद्दीन की रिपोर्ट :- सहरसा टाईम्स ने आप सभी के बीच समाज से जुड़े हर समस्यां की खबर दिखायी है, चाहे वह पुलिस की चरमराती व्यवस्था हो या सरकारी योजनाओं का बंदर बाँट लेकिन आज सहरसा टाईम्स कोशी की सबसे बड़ी समस्यां लेकर आप सभी के बीच दस्तक दी है. ये बड़ी समस्यां इतनी भयानक रूप ले चुकी है कि जिससे कोशी की धरती प्रत्येक दिन लाल रंगो के रंग में रंग जाती है. ये विवाद "भूमि विवाद"  के नाम से कोशीवाशियों के बीच दहशत फैला चुकी है. 
गौरतलब ये विवाद का फैलाव कोशी के साथ - साथ पूरे बिहार को अपने कब्जे में ले चुकी है. आगे अहम बात ये है.की भूमि विवाद का फैलाव इतनी तेजी क्यों और कैसे हो रहा है. इस विषय बिन्दू पर चर्चा करने की जरूरत है जहाँ तक मेरा सोच है वो ये है कि............
(1) जमीनों की खरीद बिक्री करने के लिए बढ़ते जा रहे है,दलाल ।  
(2) सर्वे विभाग कर्मचारी के दुआरा माल गुजारी  रशीद काटने में सावधानी नहीं बरतना । 
(3) बिना किसी प्रमाण के जमीन सम्बंधित रशीद काट देना । 
(4) जमीनी विवाद मामले के निपटारे में विभाग दिख रहा है,सुस्त । 
फ़ाइल् फोटो 
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अमूमन इन सभी बिन्दुओं पर विभाग को काफी संजीदगी से जल्द प्रकाश डालना होगा कोशी  ये इलाका जमीनी विवाद में जो नई इबारत लिख रहा है. दलालों और दबंगों की प्रभाव से आम जनता को खूब परेशानी के साथ - साथ अपना खून भी बहाना पड़ता  है. दबंग व्यक्ति के दुआरा कमजोर वर्ग के लोगों के जमीन को ताकत के बल पे कब्जा करना अब यहाँ दबंगो की परम्परा बन गयी है.--अगर कोशी इलाके से इस खुनी खेल को बन्द करना है,तो दलाल और दबंगो को चिन्हित कर लगाम लगाने की जरूरत है.तभी ये खून का खेल थम पायेगा और लोगों को उसका वाजिब हक मिल पायेगा । 

नवंबर 24, 2015

आरोपी गब्बर मल्लिक का आत्म समर्पण............

सहरसा टाइम्स की रिपोर्ट:-  शनिवार की रात मछली मार्केट में वर्चस्व को लेकर हुई गोलीबारी मामले के मुख्य आरोपी गब्बर मल्लिक ने आज सहरसा के पुलिस अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. आज तक मछली बाजार में विधि व्यवस्था को लेकर पुलिस बलों व पुलिस अधिकारी तैनात रहे. शहर के डीबी रोड स्थित मछली बाजार में राजा होटल पर गोलीबारी हुई थी. गोलीबारी में मो. फैयाज को पेट व हाथ में गोली लगी थी.
जब पुलिस को सफलता नहीं मिल रही थी तो पुलिस अधीक्षक ने गिरफ्तारी को लेकर न्यायालय से कुर्की जब्ती आदेस प्राप्त कर लगातार गब्बर के घर पर छापेमारी कर रही थी. कुर्की जब्ती और पुलिस की बढती दाविस के कारण गब्बर मल्लिक ने पुलिस अधीक्षक के सामने आज आत्मसमर्पण कर दिया.  

डा0 भूपेंद्र देव कोसी सम्मान से सम्मानित किये गए डा० देव शंकर नवीन................

कृष्णमोहनसोनी की रिपोर्ट:-  सहरसा जिले के सत्तर कटैया प्रखंड क्षेत्र के मिडिल स्कुल बिहरा के प्रांगण में कवि सम्मेलन आयोजित किये गए. इस मौके पर एक से एक साहित्यकारों,कवियों व बुद्धिजीवियों सहित ग्रामीणो ने भाग लिया. यह सम्मेलन वर्तमान परिवेश में जहां साहित्य की महत्ता को मानव जीवन में अति आवश्यकता महशुश कराया वही साहित्य की ह्रास होने की दिशा में देश की संस्कृति व सभ्यताओं पर खतरा के साथ साथ पुरे विश्व की अस्थिरता को भी सामने लाकर लोगो के लिए एक प्रश्न भी छोड़ गया. सम्मेलन में आये साहित्यकारों व कवियों की एक से एक रचना, कवि पाठ से दर्शक भाव विभोर रहे वही अपने समाज की व राजनितिक कुरीतियाँ से भी अवगत हुए. इस सम्मेलन में  डा० भूपेंद्र देव के नाम पर स्थापित  डीबीडी फाउंडेशन बेगुसराय, नई दिल्ली सहरसा द्धारा प्रख्यात साहित्यकार भाषाविद डॉक्टर देव शंकर नवीन को प्रथम डा0 भूपेंद्र देव कोसी सम्मान से सम्मानित करते हुए प्रतीक चिंन्ह प्रशष्टि पत्र एवं 11 हजार रुपये से नवाजे गये. 
फोटो साभार www.maithilijindabaad.com
यह सम्मान डॉ देव की 25 वीं पुण्य तिथि के अवसर पर शुरू किये गए जो हर वर्ष 22 नवंबर को फाउंडेशन की ओर से दिया जाता है. इस बावत साहित्यकार मुक्तेश्वर मुकेश ने कहा की डॉ देव जी डी कॉलेज बेगुसराय में अंग्रेजी के आजीवन प्राध्यापक थे जो सहरसा जिले के बिहरा गावं निवासी थे. वे 22 नवंबर वर्ष 1990 को दुनियां से अलविदा हुए इस सम्मान समारोह कवि सम्मेलन में बेगुसराय, खगड़िया एवं सहरसा सहित अन्य जगहों से आये  प्रसिद्ध कवियों साहित्यकारों में  मुख्य अतिथि प्रदीप बिहारी साहित्य एकादमी सम्मान प्राप्त कवि राजबल्ल्भ राठौड़, दिलीप सिन्हा, महेंद्र बंधु, सुमन शेखर, कैलाश झा किंकर कि कविता  मास्टर केय मस्टरवा कहबो,बेटा पढ़तो कहियो नेय, अइतो जइतो ईस्कुल लेकिन आगू बढतो कहियो नेय श्रोताओं को खूब जमा वही मुक्तेश्वर मुकेश की एक से बढ़कर एक कविता एक क्ष्णिकाएँ हृदय को वेधति रही चकाचोंध चमक देखता हूँ,चमक की रोज खनक देखता हूँ, दिन रात उखड़ती साँसो में दर्द की गहरी झलक देखता हूँ जैसे कविता से एक साहित्य की महत्ता को यादगार छोड़ दिया.
इस मौके पर डॉ देव के भाई बलराम देव भी मौजूद थे जिनके हाथों से सम्मान प्रदान किया गया वही शायर समा मौसम और सलाउद्दीन खां सम्सी की गजलें कर्ण प्रिय मीठी आवाज में सुनकर श्रोता बाग बाग हो उठे. इस मौके पर शेखर सावंत अध्यक्ष् जनेश्वर मेहता ने अतिथियों को धन्यवाद् ञापन किया. 

नवंबर 23, 2015

सहरसा पुलिस को गब्बर की तलाश ..........

सहरसा टाइम्स की रिपोर्ट:-  सहरसा में अपराधिक घटना और पुलिस की कार्यशैली से जग जाहिर है. बीते शनिवार को मछली मार्केट में होटल मालिक की हत्या करने के दृष्टी से बदमाशो ने ताबरतोर फाईरिंग कर फिर से लोगो को जीना हराम कर दिया है. इस घटना की कड़ी में होटल मालिक मो० एहसान ने तो भागकर किसी तरह जान बचा ली लेकिन अपराधी के गोली का शिकार मासूम मो० फैयाज हो गया. फैयाज का बेहतर इलाज निजी नर्सिंग होम में किया जा रहा है जहाँ उसकी हालत समान्य बताई जा रही है.
गौरतलब है कि सहरसा पुलिस परिजन के बयान पर गाँधी पथ के गब्बर मल्लिक सहित बौआ मल्लिक, पट्टू मल्लिक, कल्लू, आदित्य के अलावा कई अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज कराई है. सहरसा पुलिस गब्बर की तलाश में जुट चुकी है अब देखना होगा की सहरसा के गब्बर को पकड़ने में पुलिस की क्या भूमिका होती है. 

बैठक में योजनाओं पर जिलाधिकारी ने रखी पैनी नज़र..........

कृष्ण मोहन सोनी की रिपोर्ट :-विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल कि अध्यक्षता में जिला समन्वय समिति कि एक बैठक हुई. बैठक में विभिन्न विभागों कि कार्यो कि गहन समीक्षा कि गई. इस बैठक में मुख्य रूप से डीजल अनुदान राशी, इंदिरा आवास, खाद्य आपूर्ति, सहित पैक्स चुनाव को लेकर जिलाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने गंभीरता से लेते हुए सम्बंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण एवं कार्यो में पारदर्शिता के साथ तेजी लाने का निर्देश भी दिया.
इस मौके पर डीएम ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी समेत सभी प्रखंडस्तरीय अधिकारियों को अपने मुख्यालय में रहने का निर्देश दिया तथा इस सम्बन्ध में सभी प्रखंडों के जिलास्तरीय प्रभारी पदाधिकारी को जाँच कर प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया. डीएम ने डीजल अनुदान कि राशी का तीन दिन के अंदर निकासी कर वितरण करने व संभावित पंचायत निर्वाचन कि तैयारी करने तथा धान अधिप्राप्ति कि तैयारी प्रारम्भ करने तथा फसल क्षति का उपयोगिता शनिवार तक जमा करने का भी निर्देश दिया गया. बैठक में बनमा इटहरी प्रखंड में इंदिरा आवास योजना को लेकर असंतोष प्रकट करते हुए बीडीओ से स्पष्टीकरण देने कि मांग कि. इस मौके पे डीडीसी दारोगा यादव, डीआरडीए निदेशक रामसूचित शर्मा सहित सभी जिला/प्रखंडों के वरीय पदाधिकारी ने भी भाग लिया.   

नवंबर 22, 2015

सहरसा में अपराधियों का साम्राज्य कायम ........

सहरसा टाइम्स की रिपोर्ट:- सहरसा में अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है. यहाँ अपराधी बड़े आराम से किसी घटना को अंजाम देता है और हमारी पुलिसिया तंत्र अपराध के बाद अनुसंधान में लग जाती है. शहर में पूरी तरह से गुंडा राज का बोल बाला है.
गौरतलब है कि बीती रात शहर के व्यस्तम डीबी रोड मछली मार्केट में देर रात  अपराधियों ने एक होटल में जमकर उत्पात मचाया और गोली मारने की कोशिश की और बुरी तरह से होटल संचालक को पिटा. इतना से भी जब मन नहीं भरा तो अपराधियों ने एक अंडा दुकानदार पर गोली चला दी. अंडा विक्रेता को दो गोली पेट में लगी जिससे उसकी हालत नाजुक बनी हुई है. 
जाहिर तौर से सहरसा में अपराधियों का मनोबल बढ़ता जा रहा है यदि पुलिस प्रशासन समय रहते नहीं सचेत हुई तो इस शहर में फिर से गुंडा राज स्थापित होगा और अपराध का एक से एक कहानी गढ़ी जाएगी.

नवंबर 20, 2015

हर्षोल्लास से मनाया गया छठ महापर्व

जीतापुर से सहरसा टाइम्स की रिपोर्ट: जिले के विभिन्न जगहों में लोक आस्था का महा पर्व छठपूजा शान्ति पूर्ण और बरे ही हर्षौल्लास से मनाया गया. इस मौके पर शहर के विभिन्न घाटों, पोखरों और तलोबों के पास छठव्रती ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया. मधेपुरा जिले के बबुआन टोले में ग्रामीण स्तर पर लोगों ने छठपूजा को लेकर जोरदार तैयारी की और छठ घाट को आकर्षक ढंग से सजाया दिया. 
गौरतलब है कि ये तस्वीर उस गाँव से ली गई है जहाँ न तो पोखर है न ही तलाब है लेकिन छठ मैया के लिए ग्रामीण स्तर से लोगों ने इस घाट को आकर्षक बना दिया. इस घाट कि यह विशेषता रही कि यहाँ कई जाति के लोगों ने बहुत ही शान्ति पूर्ण से छठ पूजा की. ग्रामीणों का कहना है कि प्रत्येक वर्ष हम लोग सारे गिले सिक्वे भुला कर शान्ति और सौहार्द्यापूर्ण वातावरण में इस पूजा को मानते है. जाहिर तौर पर सहरसा टाइम्स कि भी यही कोशिश है कि इसी तरह लोग शान्ति और सौहार्द्यापूर्ण वातावरण बनाये रखे.

नवंबर 09, 2015

हो सकता है कोशी का कायाकल्प............

सहरसा टाइम्स की रिपोर्ट:-  सहरसा के चारो विधान सभा से दिग्गजों की जीत से कोशी की तस्वीर बदल सकती है. एक से एक कद्दावर इस क्षेत्र से चुने गए है. श्री अरुण यादव, श्री दिनेश चन्द्र यादव, अब्दुल गफूर और रत्नेश सादा जैसे दिग्गजों की जीत से सिर्फ सहरसा जिले का ही नहीं बल्कि कोसी का काया कल्प हो सकता है. कायाश ये लगाया जा रहा है कि इस गठबंधन की सरकार में कोशी से बिहार मंत्रीमंडल में दो से तीन मंत्री पद मिल सकता है जिससे  कोसी के लिए विकास की नई इबादत लिखी जा सकती है. 
गौरतलब है कि आज भी सहरसा में कई ऐसे सरकारी योजनाये है जो सरकारी उदासीनता के कारण दम तोड़ रही है, इस क्षेत्र से विधायकों को लोगो ने पूर्ण बहुमत देकर जिताया है उससे लोगो में विकास होने की उम्मीद देखि जा रही है. ओवर ब्रिज हो या मत्स्यगंधा का सौन्द्रयकरण, पेपर मिल हो या डुमरी का पुल सरकार को इन सभी योजनाओं पर विशेष ध्यान देना होगा. 

नवंबर 08, 2015

मतगणना कार्यों पर अधिकारियों की रही पैनी नजर.............

कृष्ण मोहन सोनी की रिपोर्ट : बिहार विधान सभा 2015 की चुनाव के बाद आज शुरू हुए मतगणना कार्यो में परिणाम में जहां प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों की पैनी नजर रही वही चाक चौबंद सुरक्ष्ाा व्यवस्था के साथ अधिकारियों की भी रही है। जिले के सभी चार विधान सभा सहरसा ,सोनबरसा ,सिमरीबख्तियारपुर व महिषी का चुनाव परिणाम के लिए मतगणना कार्यो के लिए दो सेंटर बनाये गए जिसमे सहरसा व सोनबरसा की गिनती जिला स्कुल में किया गया वही महिषी व सिमरीबख्तियारपुर का राजकीय कन्या उच्च मध्य विधालय में किये गए इन दोनों जगहों पर चाक चौबंद सुरक्ष्ाा के साथ मतगणना का काम शुरू किये गए.
इन केन्द्रों परप्रेक्ष्क टी आर मीणा , निर्मल शर्मा , कोसी  प्रमंडलीय आयुक्त बिंधेश्वरी व जिला पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल, आरक्षीअधिक्ष्क विनोद कुमार सहित अन्य अधिकारियों ने मतगणना केन्द्रो पर अपनी पैनी नजर रखते हुए किसी  तरह की कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए हमेशा खोज खबर लेते रहे। मतगणना कार्यो में मीडिया कोषांग व अन्य व्यवस्था पर डी पी आर ओ बिन्दुसार मंडल खुद अपने नियंत्रण में  कार्यो का सम्पादन में जुटे रहे वही जिला स्कुल केंद्र पर मुक्तेश्वर मुकेश भी मतगणना के कामो में किसी तरह असुविधा न हो इसके लिए कन्टीन्यू केम्प में मॉनिटरिंग करते रहे केम्प से बाहर सभी चारो विधान सभा के प्रत्याशियों के समर्थको में मतगणना में किसकी जीत किसकी हार कौन आगे कौन पीछे की जानकारी पाने के लिए भीड़ जुटी रही। इधर शहर में रह रह कर अलग अलग जगहों पर मतगणना में बढ़त की सुचना मिलते ही उन प्रत्याशी के समर्थको में ख़ुशी व पटाखे भी छोड़ते देखे गए

सहरसा के सभी विधान सभा का परिणाम जानिए..........

सभी विधान सभा का मतगणना कार्य विलंब से प्रारंभ .................
  • महागठबंधन   -------   जीते -----------
  • एनडीए. --------------   अघोषित
  • जाप-------------------अघोषित
  • अन्य -----------------अघोषित

  • महागठबंधन   -------  जीते -----------
  • एनडीए. --------------अघोषित
  • जाप-------------------अघोषित
  • अन्य -----------------अघोषित

  • महागठबंधन   -------  जीते -----------
  • एनडीए. --------------अघोषित
  • जाप-------------------अघोषित
  • अन्य -----------------अघोषित

 
  • महागठबंधन   ------- जीते -----------
  • एनडीए. --------------अघोषित
  • जाप-------------------अघोषित
  • अन्य -----------------अघोषित

नवंबर 07, 2015

मधेपुरा सांसद पप्‍पू यादव के स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार.....


सहरसा टाइम्स की रिपोर्ट:- मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव का तबीयत बुधवार को अचानक ख़राब हो गया था जिसे प्राथमिक उपचार के लिए पूर्णिया के अस्पताल में ही भर्ती कराया गया था लकिन ब्लड प्रेसर और रक्त चाप बढ़ने के कारण उनकी स्थिति नाजुक बनती जा रही थी जिसे बेहतर इलाज के लिए एयर एम्बुलेस से दिल्ली पहचाया गया और एम्स में भर्ती होने के उपरांत ईलाज किया गया. सहरसा टाइम्स ने उनके निजी सहायक अजय जयसवाल से जब बात की तो उन्होंने कहा कि आज उनकी तबीयत सामान्य हुई है और अपने आवास पर परिवार के साथ है.
अपने परिवार के साथ सांसद पप्पू यादव
गौरतलब है की जब से माननीय सांसद महोदय का तबीयत ख़राब होने का समाचार लोगो में पहुँचा तब से लोग उन्हें सहानभूति  किसी न किसी रूप में देने लगा. पप्पू यादव कोसी का वह इकलौता सपूत है जिसने लोगो के हर दुःख दर्द में सामिल हुआ है, ख़ुशी और गम में सहयोग देने का हमेसा कार्य किया है. आज उनकी राजनीति में जीत या हार हो उससे में भी इतेफाक नहीं रखता हूँ लेकिन पप्पू यादव एक बेहतर सांसद के रूप में लोगों के दिलों में राज करता है और करता रहेगा। सहरसा टाइम्स का पूरा परिवार सांसद पप्पू यादव को स्वस्थ होने की कामना भगवान से करता है.

नवंबर 06, 2015

चुनाव में 106 वर्ष की राधा व विकलांग अनिल की जज्बे को सलाम

कृष्ण मोहन सोनी की रिपोर्ट:- इस चुनाव में ऐसे मतदाताओं की तस्वीर को आपके सामने लाये है जिसे हम सहरसा टाइम्स की टीम इनके जज्बे को सलाम करते हैं. शायद आप भी इनके जज्बे को जानेंगे तो आप भी करेंगे इन्हे सलाम. 
हम ले चलते है आपको अंतिम चुनाव में लोकतंत्र की ताकत को मजबूत करने वाले ऐसे मतदाता के पास जिनके अंदर आज भी कायम है और रखते है लोकतंत्र को मजबूत करने की ताकत. 
इनके अंदर की दर्द व दस्ताओँ को सुन आप जरूर एक बार नही बार बार सलाम करने पर होंगे मजबूर.
ये तस्वीर है 106 वर्षीय मसोमात राधा देवी की जो सहरसा विधान सभा क्षेत्र के कहरा स्थित एक मतदान केंद्र पर अपना वोट गिरायी है। इनके इस उम्र में भी लोकतंत्र की ताकत को मजबूत करने की  क्ष्मता व उत्साह  है इनके बुलंद इरादे इतने है कि ये  इस चुनाव में अपना वोट दी है. कहना भी है कि आखिर लोकतंत्र हमसे है इस लोकतंत्र से हम और हमारा समाज राज्य ,व देश का भविष्य जुड़ा है। इनके इरादे मजबूत है मतदान को लेकर वह पूरी तरह सजग व संवेदनशील भी दिखाई दे रही है।इनको चलने फिरने व बोलने में शक्ति नही रही है। सही सही बोल नही पति है अपने घर में बैठी थी तभी इनके सहपाठी ने कहा वोट गिर रहा है आज चुनाव है इतना सुनते ही उत्साहित हो वोट गिराने के लिए तैयार हो गयी  अपने एक बेटे के सहारे बूथ पर आकर अपना मतदान किया. ये बहुत पूछने पर बताती हैं कि जब भी चुनाव आये अपना वोट जरूर देना ताकि हमारे इस वोट से ही लोक तंत्र मजबूत होते है जिसमे हम सबका भविष्य जुड़ा है.
इसी तरह अपने शरीर व पैर से लाचार कहरा निवासी स्वर्गीय लक्ष्मण साह के पुत्र 35 वर्षीय अनिल कुमार साह व उनकी धर्म पत्नी रिंकू देवी की है। अनिल का एक एक्सीडेंट में दोनों पैर ,कमर व हाथ क्ष्ति ग्रस्त हो गया वैसे तो खुद जिंदगी कि नैया खीच पाने में बेवस व लाचार है लेकिन मतदान करने अपनी पत्नी रिंकू के दिए सहारे से अपना मताधिकार का प्रयोग किया।
 हमे भी इनके जज्बे व बुलंद इरादो से एक सीखलेनी है और करनी है हमे भी एक वोट ताकि हम अपने लोकतंत्र को मजबूत बनाने में कामयाब हो सके ऐसे जज्बे को हम सहरसा टाइम्स की टीम सलाम करते हैं।            

पाँचवे चरण के अंतिम चुनाव शान्तिपूर्ण,वोटरों में दिखा उत्साह

कृष्ण मोहन सोनी के साथ मो० अजहर उद्दीन की रिपोर्ट जिले के चार विधान सभा क्षेत्र में हुए चुनाव शान्तिपूर्ण रहा. इस चुनाव में सभी  मतदान केन्द्रो पर आये महिला व पुरुषो के वोटरों में उत्साह देखे गए. सहरसा, सोनवरसा, सिमरिबख्तियापुर व महिषी विधान सभा में पांचवे चरण की अंतिम चुनाव सम्पन्न हुए. इस चुनाव में फिर एक बार महिलाएं पुरुषों से आगे बढ़ चढ़ कर वोट की सुबह से ही वोटर लाइन में लग गए व बूथों पर लम्बी कतार लगी रही और उत्साह के साथ वोट किये. वही इस बार भी मतदान के लिए लाये गए ई बी एम बूथों पर धोखा दिया जिससे मतदान करने  में वोटरो को परेशानी भी हुई। बूथ पर इबीएम के खराब होने की शिकायत मिलने के बाद वहां दूसरे मशीन को भेजा गया।इस  चुनाव में ग्रामीण क्षेत्रो में शहरी क्षेत्रो से अधिक मतदाताओं में उत्साह देखे गए। सीमा सुरक्ष्ा बलों के जवानों ने  भी जगह जगह तैनात रहे।
 सबसे दिल चस्प तो यह रहा की इस बार आदर्श मतदान केंद्र भी बनाये गए  जिसमे वोटरों के लिए चिकित्सा व्यवस्था का केम्प व अन्य सुविधाए भी देने का था मगर वोटरो को कोई सुविधा नही मिलने की शिकायत भी मिली है। इस चुनाव में अधिकारियों की तरफ से मॉनिटरिंग भी किये व सभी बूथों का  जायजा भी लिया।  हलांकि इन मतदाताओ के लिए प्रशासनिक तोड़ पर  सुरक्ष्ा का पुख्ता इंतजाम भी किये गए थे। खराब इबीएम के  कारण घंटो बाधित रहा पोल.      

नवंबर 03, 2015

बहती है विकास की गंगोत्री तो हम आज भी क्यों है खानाबदोश ? ..........


कृष्ण मोहन सोनी के साथ मो० अज़हर उद्दीन की रिपोर्ट :सहरसा टाईम्स बार - बार लोगों के दर्द और विभाग की लापरवाही को कैमरे में कैद कर उस तस्वीर से आप लोगों को रू ब रू कराया है, लेकिन यहाँ तो जख्म एक हो तो बताऊ यहाँ तो जहाँ दवाये वहाँ मवाद ही मवाद है. आईये आप लोगों को  लोकतंत्र के इस महापर्व में कई बादे घोषणाओं की झड़ी लगाने वाले स्थानीय छोटभैए  नेताओ से लेकर राज्य स्तर तक के नेताओ ने भी एक ऐसे गांव के परिवारो को उनके अधिकारों से वंचित  रखा जहां, उन्हें सिर्फ तो सिर्फ वोट देने तक का ही अधिकार है, इनके लिए सरकार की जनकल्याण कारी योजनाये एक सपने से कम नही, आखिर इन्हे भी  तो जीना है पर कैसे ? अपनी जिंदगी व अपने बच्चो के लिए ये परिवार हर रोज समाज व गांव में आज भी लोगो से सहयोग व भीख मांग कर जीने के लिए मजबूर है.
ये कहानी कोई फ़िल्मी  नही बल्कि आजादी के पूर्व से ही यहां उनके पूर्वजों ने डेरा डाला था लेकिन आजादी के बाद भी अब उन पूर्वजों के वारिस भी वही जिंदगी जीने के लिए बेवस व लाचार है आखिर कौन होगा इनके तारणहार. 
आज चुनाव का फिर आया मौसम और वोट के लिए नेता कर रहे हैं इन बेवस लाचार को एक वोट देने के लिए मजबूर, ये दर्द  है सोनवर्षा विधान सभा क्षेत्र व सिमरीबख्तियारपुर अनुमंडल के बीच छोटी घोड़दौड़ पंचायत के लाठौड़  समुदाय  के बंजारन परिवार की जो सड़कों के किनारे तम्बू में अपना शेष जिंदगी गुजार रहे हैं हम इन परिवारों की तस्वीर व इनके दास्ताँ को सिर्फ आपसे रूबरू कराते है. सुनकर आपकी आँखे भर जायेगी. 
ये बंजारन परिवार तकरीबन 70 वर्षो से यहाँ पे रह रहे है.इस परिवार के सदस्यों की संख्या 50 से 60 के बीच है. इन परिवार के कुछ बच्चों को छोड़ कर सभी लोगों का मतदाता सूची में नाम दर्ज है, और ये हर चुनाव में अपने वोट का प्रयोग करते है. इन परिवारों के मुखिया 80 वर्षीय दशई  लाठौड सहित अन्य परिवार के लोग आज भी इन्तजार करते है किसी तारणहार की ये बताते है की हम देते है वोट बनती है सरकार, क्या सरकार की जनकल्याण कारी योजनाओ पर हमें नही है. अधिकार सरकार और जनप्रतिनिधि सत्ता में आते है.लेकिन क्षेत्र के विकास से लोग मरहूम रह जाते है.

इस परिवार के लोगों के पास ना ही राशन कार्ड, विधवा पेंशन,वृद्ध पेंशन,स्मार्ट कार्ड,बेहतर रोजगार एवं बंजारन परिवार को जो सरकार की ओर से सुख - सुविधा मिलती है.उन सभी चीजों से ये परिवार वंचित है.क्या इन्हें जीने का अधिकार नहीं है.इनका तो पल-पल मानवाधिकार का हनन हो रहा है. ये परिवार तो पूरी तरह से खानाबदोस की तरह अपनी ज़िन्दगी गुजार रहे है.
छोटे - छोटे बच्चें भूख के कारण ये खामोश चूल्हे को टकटकी लगा के देखते है कि कब इस चूल्हे में आग सुलगेगी और हमारी पेट कि आग बुझेगी.कई रात को तो इस परिवार के लोग भूख को अपनी करबट बना कर सो जाते है.फिर सुबह उठते ही दर्द भरा सिलसिला शुरू होता है. इस दर्दनाक दास्ता को सुनने और समझने के बाद आगे बताना लाज़मी होगा कि पूरा तंत्र इन लोगों के लिए विफल दिख रहा है. जब सारे आलम के लोगों कि ज़िन्दगी बेरंग से रंग भरी होगी और बेंजा से मजबूत बनेगी तभी हमारा पूरा तंत्र विकास का सेहरा अपने सर पर पहन पायेगा.    

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।