अप्रैल 27, 2013

सेक्स रैकेट का पर्दाफ़ाश

सहरसा टाइम्स: सदर एस.डी.पी.ओ अशोक कुमार दास के नेतृत्व में सदर थाना के रेड लाईट इलाके में जबरदस्त छापामारी हुयी जिसमें देह व्यापार कराने के लिए अपने महबूब द्वारा बेचीं गयी बलिया उत्तर प्रदेश की दो नाबालिग लड़की को पुलिस ने बड़ी सफलता के तौर पर बरामद किया.यही नहीं पुलिस नेदेह व्यापार कराने वाले एक दंपत्ति के साथ---साथ दो महिला और देह व्यापार में संलिप्त चार लड़कियों को भी गिरफ्तार किया है.सूत्रों की मानें तो पुलिस को इस इलाके में बड़े पैमाने पर बाहर की लड़कियों को खरीदकर देह व्यापार कराये जाने की सूचना मिली थी लेकिन इस छापामारी की सूचना देह मंडी के दलालों को पहले ही हो गयी जिससे उन्होनें सभी लड़की को पुलिस के आने से पहले ही कहीं अन्यत्र शेफ जोन में शिफ्ट कर दिया.बताते चलें की सहरसा के भारतीय नगर स्थित इस रेड इलाके में 500 से ज्यादा ऐसे परिवार रहते हैं जिन्होनें दिखाने के लिए तो नाच--गाने का लाईसेंस ले रखा है लेकिन उसकी आड़ में खुलकर देह की दुकानें सजती है.
यह नजारा है सहरसा के भारतीय नगर स्थित नांच-गानों का लाईसेंस लेकर देह का कारोबार करने वाले लोगों की बस्ती का जिसे लोग रेडलाईट इलाके के नाम से जानते हैं.इस धंधे से जुड़े लोगों के 500 से ज्यादा परिवार यहाँ बसते हैं.यूँ कहने को यहाँ नांच और गाने होते हैं लेकिन सच यह है की इसकी आड़ में यहाँ खुलकर देह का खेल चलता है.सहरसा पुलिस पूरे आव-लस्कर के साथ D.S.P की अगुवाई में यहाँ छापामारी करने में जुटी थी.
यह दोनों बलिया की रहने वाली सादिका और संध्या है.प्रेम में बाबली हुयी ये दोनों नाबालिग बच्चियां अपने महबूब के साथ अपने--अपने घर से कुछ दिन पूर्व फरार हुयी थी.पहले तो इनके महबूब ने इनके जिश्म से खेला फिर उन्होनें इन्हें सहरसा के रेड लाईट इलाके के दलाल रंजीत उर्फ़ आलम के हाथों बेच दिया. सादिका को उसके महबूब नीरज सिंह और संध्या को उसके आशिक सुरेश कुमार ने इस नरक में धकेल दिया.दोनों बच्चियों के माता---पिता को सहरसा पुलिस ने सूचना दे दी है. इस पूरी फिल्म के यही मुख्य खलनायक और नायक रंजीत उर्फ़ आलम है.सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ इसके तार बिहार से बाहर के कई प्रान्तों से जुड़े हैं और ये बाहर की लड़कियों को मोटी कीमत अदा कर खरीदते हैं और फिर उनसे उनसे देह का धंधा करवाते हैं.
इस पुरे मामले में सहरसा पुलिस अधीक्षक अजीत सत्यार्थी का कहना है की सहरसा का भारतीय नगर जिसका एक हिस्सा रेड लाईट इलाके के नाम से जाना जाता है वहाँ पर लम्बे समय से देह की दूकान सजती है.नाच--गाने का लाईसेंस लेकर उसकी आड़ में देह व्यापार होता है।इस बार उत्तर प्रदेश के बलिया की रहने वाली दो नाबालिग लड़कियों को इस मंडी से बरामद किया गया है जिसे यहाँ पर खरीदकर लाया गया है.जाहिर सी बात है की खरीद--फरोख्त का यह धंधा पुराना है.गिरफ्त में लिए गए लोगों से पूछताछ जारी है.आगे बड़े खुलासे की संभावना है जिसमें कई लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है जो इस धंधे में ना केवल जुड़े हुए हैं बल्कि उनके तार बिहार के बाहर दुसरे प्रान्तों से भी जुड़े हुए हैं शरीर की भूख को शांत करने के लिए ना जाने कबतक बहू-बेटियाँ इसी तरह बिकती रहेंगी.चमरी से धनकुबेर बनने वालों पर एक दिन जरुर आसमानी कहर बरपेगा. अब इंसान की शक्ल में जिश्म के भूखे भेड़िये घूमते हैं इससे बचने के लिए मासूम बच्चियों और महिला जात को चट्टान की तरह मजबूत होना होगा.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।