सितंबर 18, 2016

दुधारू भैंसों की हो रही लगातार मौत..

पशुपालकों में भय का माहौल
पशु चिकित्सक के साथ कोई नहीं ले रहा है सुधि 

मुकेश कुमार सिंह-->>

ये घटना सहरसा के सत्तर कटैया प्रखंड अन्तर्गत सत्तर गाँव के वार्ड संख्या 2(गौंठ टोला) एवं वार्ड संख्या 6(छिपा टोला) की हैं,जहाँ दस दिनों के अन्दर पीड़ीत गंगा राय, लालो राय ,विश्नाथ राय,विजय यादव, सुरेश यादव,बुचो यादव समेत दर्जनों पशुपालको की भैंस की मौत गाँव में फैली नई बीमारी के कारण हो चुकी हैं ।जबकि वर्तमान में बलराम यादव, विजय यादव,बोदो यादव समेत आधे दर्जन से अधिक पीड़ितों की भैंसों में यह जानलेवा बिमारी लगी हुयी है ।हजारों रुपए ईलाज के नाम पर ठग कर झोला छाप डॅाक्टर जा रहे हैं ।लेकिन मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है ।जाहिर तौर पर सभी को मौके की ताक है और ये झोला छाप डॉक्टर पशुपालको की मजबूरी का फायदा उठाते हैं ।अभी तक किसी को इस नयी बीमारी के होने का कारण समझ में नहीं आया है ।हद की इंतहा तो यह है की थोक में भैंसों की मौत हो रही है लेकिन अभीतक गाँव में ना तो पशुपालन विभाग की कोई टीम पहुंची है और ना ही कोई पशु चिकित्सक ।पशुपालक पूरी तरह से बेबस,लाचार और हताश हो गए हैं । गाँव के लोग इस रोग से छुटकारा पाने के लिए ओझा--भगता की भी अब मदद मेने लगे हैं ।जहां तक बीमारी के लक्षण का सवाल है तो भैसो में बच्चा देने के बाद योनि का फूलकर लाल हो जाना बताया जा रहा है ।जैसा की तस्वीर में दिखाई भी  देता है ।और तीन से चार दिनों के अंदर उस पशु की मौत हो जाती है । हमारी समझ से इस रोग को समझने और इसके उपचार में अगर सहरसा पशुपालन विभाग सक्षम नहीं है तो, फिर पटना से टीम बुलाई जानी चाहिए ।इस मामले में अब कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए ।अगर समय रहते सरकार और सम्बद्ध विभाग नहीं जागा तो कई इलाके पशुविहीन हो जाएंगे ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।