जनवरी 26, 2015

66 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर सदभावना यात्रा : इंसान बनने की नसीहत

सहरसा टाईम्स   रिपोर्ट:-  66 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर आज दोपहर बाद कोशी समाज सेवा संगठन के बैनर तले एक विशाल सदभावना यात्रा निकाली गयी जिसमें हिन्दू,मुस्लिम, सिख,ईसाई धर्म के प्रबुद्ध लोगों के साथ--साथ स्कूली बच्चों ने भी हिस्सा लिया.इस यात्रा का एकमात्र उद्देश्य यह था की हम किसी भी धर्म के होने से पहले एक इंसान हैं.आपस में हमसभी मिलजुलकर ऐसे रहें जिससे हमारा राज्य और देश खूब तरक्की करे. यह सदभावना यात्रा सहरसा जिला मुख्यालय के कुंवर चौक से निकली जो स्थानीय थाना चौक,डीबी रोड,शंकर चौक और दहलान चौक होते हुए चांदनी चौक स्थित शहीद चौक पर पहुंची. 
वहाँ पर सभी ने वीर शहीदों को पहले श्रद्धांजलि दी फिर वहाँ से सभी रिफ्यूजी चौक पहुंचे जहां पर नेताजी सुभास चन्द्र बोस की प्रतिमा को माल्यार्पण कर के इस कार्यक्रम का समापन हुआ.आपसी भाइचारे और प्रेम को परवान देने के मकसद से आयोजित इस यात्रा में डॉक्टर,प्रोफ़ेसर,इंजीनियर सहित समाज के प्रबुद्ध जनों ने हिस्सा लिया था.खास बात यह थी की सैंकड़ों की तायदाद में स्कूली बच्चे भी इस यात्रा में शामिल थे.इस यात्रा के दम से समाज को इंसान बनने का नया सन्देश दिया जा रहा था.
संस्थापक मीर रिजवान और सहयोगी पिंटू शर्मा 
संगठन के संस्थापक मीर रिजवान और सहयोगी पिंटू शर्मा सरदार स्वर्ण सिंह और सरदार सूरज सिंह के साथ--साथ यात्रा में शामिल कोसी इलाके के जाने--माने ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर अबुल कलाम और डॉक्टर वृजेन्द्र देव  ने  समवेत स्वर में कहा की इस यात्रा का एक मात्र मकसद समाज में प्रेम--प्यार की दरिया बहाना है और अनवरत वे सभी मिलकर इस प्रयास में आगे भी जुटे रहेंगे.
एक तरफ जहां धर्म और जाति के नाम पर देश और समाज को तोड़ने की नापाक साजिश हो रही है वहाँ इस यात्रा ने आम से लेकर ख़ास लोगों को पहले इंसान बनने की नेक और बड़ी नसीहत दी है.आगे देखना दिलचस्प होगा की कोसी इलाके के लोगों में इस यात्रा का रंग कितना चढ़ता है और वह कितना टिकाऊ होता है.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।