नवंबर 25, 2015

कोसी में जमीनी विवाद में खेली जाती है खून की होली ......

फ़ाइल् फोटो 
मो० अज़हर उद्दीन की रिपोर्ट :- सहरसा टाईम्स ने आप सभी के बीच समाज से जुड़े हर समस्यां की खबर दिखायी है, चाहे वह पुलिस की चरमराती व्यवस्था हो या सरकारी योजनाओं का बंदर बाँट लेकिन आज सहरसा टाईम्स कोशी की सबसे बड़ी समस्यां लेकर आप सभी के बीच दस्तक दी है. ये बड़ी समस्यां इतनी भयानक रूप ले चुकी है कि जिससे कोशी की धरती प्रत्येक दिन लाल रंगो के रंग में रंग जाती है. ये विवाद "भूमि विवाद"  के नाम से कोशीवाशियों के बीच दहशत फैला चुकी है. 
गौरतलब ये विवाद का फैलाव कोशी के साथ - साथ पूरे बिहार को अपने कब्जे में ले चुकी है. आगे अहम बात ये है.की भूमि विवाद का फैलाव इतनी तेजी क्यों और कैसे हो रहा है. इस विषय बिन्दू पर चर्चा करने की जरूरत है जहाँ तक मेरा सोच है वो ये है कि............
(1) जमीनों की खरीद बिक्री करने के लिए बढ़ते जा रहे है,दलाल ।  
(2) सर्वे विभाग कर्मचारी के दुआरा माल गुजारी  रशीद काटने में सावधानी नहीं बरतना । 
(3) बिना किसी प्रमाण के जमीन सम्बंधित रशीद काट देना । 
(4) जमीनी विवाद मामले के निपटारे में विभाग दिख रहा है,सुस्त । 
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अमूमन इन सभी बिन्दुओं पर विभाग को काफी संजीदगी से जल्द प्रकाश डालना होगा कोशी  ये इलाका जमीनी विवाद में जो नई इबारत लिख रहा है. दलालों और दबंगों की प्रभाव से आम जनता को खूब परेशानी के साथ - साथ अपना खून भी बहाना पड़ता  है. दबंग व्यक्ति के दुआरा कमजोर वर्ग के लोगों के जमीन को ताकत के बल पे कब्जा करना अब यहाँ दबंगो की परम्परा बन गयी है.--अगर कोशी इलाके से इस खुनी खेल को बन्द करना है,तो दलाल और दबंगो को चिन्हित कर लगाम लगाने की जरूरत है.तभी ये खून का खेल थम पायेगा और लोगों को उसका वाजिब हक मिल पायेगा । 

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।