जनवरी 02, 2015

सामूहिक दुष्कर्म

कृष्ण मोहन सोनी की रिपोर्ट:- बीती देर रात सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर थाना के करुआ गाँव में दो दरिंदों ने एक महिला की अस्मत के चीथड़े उड़ा डाले. हद और जुल्म की इंतहा देखिये की अस्मत को चाक कर के ये दरिंदे बेहोश पड़ी महिला के शरीर के सारे जेवरात भी उड़ा ले गए. गंभीर रूप से जख्मी महिला को देर रात ग्रामीणों ने सिमरी बख्तियारपुर अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन उसकी स्थिति नाजुक देखते हुए डॉक्टरों ने उसे बेहतर ईलाज के लिए आज सदर अस्पताल भेज दिया है. इंसानियत एक बार फिर शर्मसार हुयी, मानवता एक बार फिर कलंकित हुयी. 
हवस के दो दरिंदों ने एक अबला की अस्मत को तार--तार कर के रख दिया. गरीबी की वजह से पति सुरेश मुखिया पंजाब में रहकर कमाता है. चार छोटे--छोटे बच्चे हैं जिसकी परवरिश में यह अबला जुटी रहती थी. बीती देर रात अपने घर से निकलकर यह महिला पानी लेने के लिए चापाकल पर गयी थी की अस्मत के दो लुटेरे नीरो यादव और धीरो यादव ने उसके मुंह पर कपड़ा डालकर उसे वहाँ से उठा लिया और बगल के एक घर में जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. 
नीरो यादव जहां करुआ गाँव का रहने वाला है वहीँ धीरो यादव बगल के गाँव बड़खुड़वा गाँव का रहने वाला है. महिला इस घटना के बाद बेहोश हो गयी. होश आते ही उसने हल्ला किया तब जाकर आसपास के लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया जहां उसकी स्थिति नाजुक बनी हुयी है. पीड़िता की स्थित बेहद नाजुक है और अस्पताल में वह रह--रह कर बेहोश हो जा रही है. पीड़िता और उसके परिजन यशमन मुखिया घटना के बाबत जानकारी दे रहे हैं.
महिला थानाध्यक्षा आरती सिंह
सदर अस्पताल में जिले की महिला थानाध्यक्षा आरती सिंह पीड़िता का बयान ले रही हैं.इनका कहना है की महिला ने दो लोगों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है.पीड़िता का मेडिकल कराया जा रहा है और जैसा रिपोर्ट आएगा,वैसे अग्रतर कार्रवाई होगी. जाहिर सी बात है की आगे पुलिस की कार्रवाई पीड़िता के मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर होगी. लेकिन यहां यह बताना जरुरी है की जिस करुआ गाँव की रहनेवाली पीड़िता है, उसी गाँव के रहने वाले सिमरी बख्तियारपुर के जदयू विधायक डॉक्टर अरुण कुमार यादव हैं. आगे देखना दिलचस्प होगा की जिस गाँव के रहने वाले सुशासन के विधायक हैं वहाँ की पीड़िता को कितनी तेजी से न्याय मिलता है और पुलिस की कार्रवाई आगे कैसी होती है.

जनवरी 01, 2015

मत्स्यगंधा का दर्द

कृष्ण मोहन सोनी की रिपोर्ट:-  कोसी ही नहीं बल्कि पुरे राज्यों  के लिए कभी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र था सहरसा का मतस्यगंधा झील । जहाँ पड़ोशी  देश नेपाल से लेकर देश के अन्य कई राज्यों से आये पर्यटकों की चहल कदमी व सुन्दर सुसज्जित रंग बिरंगे प्राकृतिक फूलो की खुशबुओं से लोगो को अपनी ओर खींच लेने की क्षमता थी. पार्को ओर झीलों में बने परासर मुनि की बाँहों में सत्यवती ओर छोटे नन्हे बालक वेद व्यास की भव्य मूर्तियां चौसठयोगिनि रक्तकालि मंदिर में होते पूजा अर्चना  भजनों से गुंजायमान  इस परिसर में महाभारत काल की कथा और भारतीय संस्कृति व सभ्यताए  जहाँ नजर आती थी वंही कुछ देर ही  सही  आने वाले पर्यटकों के लिए हजारो वर्ष पुरानी कहानी को अक्षुण्ण बनाये रखने  लिए प्रेरणा देता था. यंहा आये सभी भारतीय सभ्य संस्कृती ओर लोक आस्था देव मुनि आदि की कथाओं को सहेजने और अपने जिगर में रखने के साथ मनोरंजन कर आनन्द का लुफ्त उठा कर जाते थे. 
सुन्दर सुन्दर आकृतिओं से सजा मत्स्यगंधा जिनकी कुछ वर्ष बितने के साथ ही पुरानी शमशान घाट जहाँ कभी इस स्थान पर मुर्दा घर और मरणोपरांत मानवों का कंकाल ही शेष रहा करता था की और समाहित हो भूल गया की हम कभी करोड़ो की लागत से सुसज्जित हो कोशी की इस सहरसा की धरती पर स्वर्ग सा स्थापित हुआ था आज यहाँ आये पर्यटकों की भीड़ मायुश चेहरे चिन्तित हो आपने घर की ओर जाते हैं।  एक प्रशन यहाँ की दुर्दशा उजड़े फूलो की बाग़ और जीर्णशीर्ण हो चुके कला कृतियों को देख कहीं न कहीं स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधिओं से लेकर सरकार की उदासीनता को सामने ला  खड़ा  करता है.
नव वर्ष २०१५ पर उमड़ी हजारों की भीड़ और परिसर में फैले गंदगियों से स्पष्ट होता है की कोसीवासियो का एकलौता पर्यटन स्थल का केंद्र  गंदगियों, दुर्गन्ध एवं कई बिमारिओं का  केन्द्र  बन गया है।  फूलों की खुशबू अब तो नहीं आती लेकिन मलमूत्र के गंध से वहाँ खड़ा रहना मुशकिल  हो गया है.

खास अंदाज में नए साल का आगाज


नए साल का आगाज सहरसावासियों ने अपने अंदाज में किया. हांलांकि अहले सुबह से यहाँ शीतलहर और कुहासे के बीच बारिस की बूंदों ने लोगों की जान निकालकर रख दी थी लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया मौसम ने अपना मिजाज बदला और करीब नौ बजे दिन से मौसम कुल मिलाकर साफ़ हो गया.सहरसा में चूँकि कोई पिकनिक स्पॉट नहीं है इसलिए यहाँ के लोग अमूमन घरों में ही पिकनिक मनाने और मजे करने के आदी रहे हैं. इसबार लोगों ने इस नए साल का आगाज ना केवल जिले के विभिन्य मंदिरों सहित खासकर महिषी के उग्रतारा पीठ, काठो का मटेश्वर धाम और जिला मुख्यालय स्थित रक्तकाली चौंसठयोगिनी धाम में पूजा अर्चना के साथ की.
2015  के आगवन पर मुकेश कुमार सिंह की कलम से ख़ास  रिपोर्ट -----

सहरसा जिला मुख्यालय स्थित रक्तकाली चौंसठ योगिनीधाम का है. सुबह में तो मौसम को लोग बुरा-भला कहकर अपने घरों में दुबके थे लेकिन जैसे ही मौसम साफ़ हुआ की लोगों का हुजूम यहाँ पहुँचने लगा.इस मंदिर परिसर में ही एक महीने तक चलने वाला महायोगिनी मेला लगा हुआ है. पहले ये सभी यहाँ माँ काली की पूजा-अर्चना कर रही हैं फिर मेले में जाकर भरपूर मजे लूट रही हैं.इस साल के आगाज को मनोरंजक और यादगार बनाने में इस मेले की अहम् भूमिका है.लोग यहाँ दिनभर खाने और खरीददारी से लेकर विभिन्य तरह के मजे लुटने में लगे हैं.यह सिलसिला यूँ ही देर रात तक चलता रहेगा.रक्तकाली चौंसठयोगिनी धाम में लोकगाथा भगैत गाकर भी लोगों ने बेहद खास अंदाज में इस नए साल की शुरुआत की.खास बात यह रही की इसी रक्तकाली चौंसठयोगिनी धाम मंदिर परिसर में एक महीने तक चलने वाले महायोगिनी मेला में लोगों ने जमकर खरीददारी की और छककर विभिन्य व्यंजनों का मजा लिया.हर वय के लोग इस मेले में झूले,ब्रेक झूले,नावं की सवारी सहित अन्य तरह के मजे लिए.इसमें कोई शक नहीं की महायोगिनी मेला ने लोगों के इस साल को यादगार बनाकर रख दिया.
जिला मुख्यालय से अठारह किलोमीटर पश्चिम अवस्थित इस प्रसिद्ध पीठ का देखिये नजारा. नए साल का आगाज यहां लोग माँ की पूजा-अर्चना के साथ कर रहे हैं.जाहिर सी बात है की यह बेहद खास नजारा है,क्योंकि इस भागम--भाग भरे भौतिकवादी युग में ईश्वर की असीम कृपा लेकर लोग नए साल की शुरुआत करना चाह रहे हैं.इस महान शक्तिपीठ में भक्तों का जन--सैलाब उमड़ा है और लोग पंक्ति में खड़े होकर अपनी बारी का इन्तजार कर रहे हैं.इस मौके पर रश्मि ठाकुर,सोनू तोमर जैसे कई श्रद्धालुओं से हमने बात की.सभी का समवेत कहना था की माँ उनके घर--परिवार में खुशियां भरने के साथ---साथ चहुँदिश खुशियों की बरसात करे जिससे सभी के लिए यह वर्ष मनोरम और यादगार बन सके.
सहरसा के लोगों के लिए इस साल की शुरुआत पूजा--अर्चना के साथ बड़े उमंग और उल्लास के साथ की है.जिले के विभिन्य प्रसिद्ध मंदिरों में मसलन माँ उग्रताराधाम,विशिष्ट कन्दाहा सूर्य मंदिर,मटेश्वर धाम शिव मंदिर और देवन वन शिव मंदिर में लोगों ने पहले जाकर पूजा--अर्चना की फिर अपनी दिनचर्या की शुरुआत की.जिला मुख्यालय में लोगों ने नए साल का आगाज मत्स्यगंधा रक्त काली चौंसठ योगिनी मंदिर में पूजा--अर्चना के साथ की.उनके आगाज को मजेदार तरीके से तब्दील करने में मंदिर परिसर में लगे महायोगिनी मेला की महती भूमिका रही है.उसपर भगैत ने चार चाँद लगा दिए.इस मौके पर हम सहरसावासियों के सर्वोत्तम,सफल और आदर्श जीवन की कामना के साथ-साथ लोकगाथा भगैत को भी संरक्षित रखा जा सके इसकी ह्रदय से कामना करते हैं.नए साल के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं---------------सभी के लिए.
नोट-----आज सुबह से शाम तक मत्स्यगंधा मंदिर में करीब 80 हजार,उग्रतारा शक्तिपीठ में 60 हजार और काठो के मटेश्वर धाम में 40 हजार लोगों के पहुँचने की संभावना है.

दिसंबर 15, 2014

मासूम की हत्या


सहरसा टाईम्स रिपोर्ट: बीते चार दिसम्बर से लापता बारह वर्षीय अंकुर कुमार की लाश सदर थाना के गांधी पथ स्थित एक जल जमाव वाली जगह पर जल कुम्भी के अंदर से मिली.लोगों को इस लाश की भनक तब मिली जब कुत्ते उसे नोंच रहे थे.फिलवक्त लाश को कब्जे में लेकर पुलिस जहां तफ्तीश में जुट चुकी है वहीँ हत्या की आखिर वजह क्या हो सकती है,इसको लेकर परिजन कुछ भी बताने में असमर्थ हैं.बड़ा सवाल यह है की आखिर इस मासूम से किसकी दुश्मनी थी जिसने उसे असमय दुनिया से कूच करा दिया.
सदर थाना के गांधी पथ का यह रिहायशी इलाका.जलकुम्भी वाली जगह के अंदर छुपा कर रखी गयी थी.कुत्ते ने नोंच--नोंचकर लोगों को इस लाश की सच्चाई से रूबरू कराया.बच्चा बीते चार दिसंबर से लापता था.परिजनों ने उसकी तलाश में हर संभव कोशिश की,लेकिन वह नहीं मिला.मृतक अंकुर गांधी पथ की महिला वार्ड पार्षद रेशमा शर्मा का भतीजा है.मृतक के परिजन को आखिर इतनी बड़ी वारदात को किसने अंजाम दिया होगा को लेकर कुछ भी जानकारी नहीं है.सारे लोगों का यही कहना है की पुलिस अब हत्यारे को ढूंढे और हत्या की वजह को खंगाले.
पुलिस के अधिकारी प्रेम सागर,एसडीपीओ,सदर लाश को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज रहे हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही यह पता चल सकेगा की हत्या कैसे की गयी है.वैसे बच्चे के जिश्म पर तेज़ाब से जलाये जाने के निशाँ हैं.पुलिस के अधिकारी विभिन्य विन्दुओं पर जांच को आगे बढाकर ह्त्या की वजह और हत्यारे को ढूंढ निकालने की बात कर रहे हैं.
फिलवक्त इलाके में सनसनी है.लोगों के मन में एक ही सवाल है आखिर इस मासूम से किसकी और कैसी दुश्मनी थी.इस मासूम ने किसका क्या बिगाड़ा था की उसकी ईहलीला ही खत्म कर डाली.इस मामले की आगे जैसी तफ्तीश हो लेकिन अभी तो इतना साफ़ है की दुश्मनी अथवा किसी भी वजह को लेकर मासूम नौनिहाल की भी जिंदगी लील ली जा सकती है.

और वह सती हो गयी

मुकेश कुमार सिंह की कलम से------
जहाँ हम इक्कीस वी सदी में चाँद पर पहुँच चुके है वही अभी भी कुछ एसे गांव है जहाँ पत्थर से लिखी हुई संस्कृति से जिंदगी के मायने गढ़े जाते है.जी हाँ सहरसा शहर से महज 10 किमी दूर परविनिया गांव में पति की मौत के बाद पत्नी ने उसी चिता में कूद कर जान दे दी जो चिता उसके पति के नहीं होने की आग उगल रहा था.परिवार सहित गाँव वाले उन्हें सती का नाम दे रहे है.:---

चिता जल--जल कर अब खामोश हो चुकी है लेकिन सवालों के धुंएँ अब भी उठ रहे हैं.जाहिर तौर पर यह कोई आम चिता नहीं है.इस चिता में दो लोग जले है..एक की मौत बीमारी से हुई और दुसरे ने उसके प्रेम में जान दे दी.राम चरित्र मंडल की तबियत काफी दिन से ख़राब थी.ईलाज के दौरान कल सुबह उनकी मौत हो गई मगर इनकी मौत का गम पत्नी दिवा देवी सहन नहीं कर पाई.परिवार वालों ने राम चरित्र मंडल के अंतिम संस्कार करने के लिए तैयारी की लेकिन दिवा देवी सभी कुछ अपनी सुनी आँखों से बस देखती रही.तब इस दुःख की घडी में बिल्कुल खामोश थी.बीती देर शाम राम चरित्र मंडल का अंतिम संस्कार कर परिजन घर लौट गए लेकिन राम चन्द्र मंडल की चिता अब भी जल रही थी.घर लौटे परिजन विधि--विधान में जुट गए और दूसरी तरफ हल्ला हुवा की चिता में किसी ने छलाग लगा दी है.
जब तक परिवार वाले और गाँव वाले कुछ समझ पाते उससे पहले ही दिवा देवी पूरी तरह से जल चुकी थी.ग्रामीणों में इस घटना को लेकर चर्चा बनी हुई है.लोग इस प्रेमी जोड़े की प्रेम कथा को शुरू से ही जानते थे लेकिन इस उम्र में इतना प्रेम किसी ने सोचा न था. शिवपुराण में सती होने की कथा या कहानी लोगो ने तो सुनी थी.
मगर लोगो ने इस घटना को सहरसा के अपने गांव में देख लिया.बेटा रमेश कुमार मंडल,पुतोहु रेनू देवी,ग्रामीण दीपक कुमार गुप्ता सहित परिवार के सभी सहित और अन्य ग्रामीण कह रहे हैं की दिवा देवी सती हो गयी हैं.उनलोगों को इस मौत से दुःख है लेकिन चूँकि वे सती हुयी हैं इसलिए पूरा गाँव आज खुद को धन्य समझ रहा है. इधर पुलिस के अधिकारी डी.एस.पी.प्रेम सागर इस मामले को लेकर कह रहे हैं की यह मामला सती की जगह ख़ुदकुशी का है. मध्यकालीन भारत की सती प्रथा की याद ताजा होते ही आज भी रूह थर्रा जाती है.कुछ साल पहले राजस्थान की रूपकंवर ने सती होकर आदमजात को हिला कर रख दिया था.प्रेम में अंधी हुयी एक बुजुर्ग महिला ने अपनी जान देकर प्रेम को नए सिरे से ना केवल परिभाषित किया है बल्कि तमाम कुंद पड़ चुकी किवदंतियों को एक बार फिर से हवा दे दी है.लेकिन यह वाकया खुश और गौरवान्वित कराने की जगह मातम और अंधविश्वास की पटकथा लिख रहा है.

दिसंबर 04, 2014

मर गया संजय-----

न्यूज़ अपडेट :-
बनमा ईटहरी थाना के बथनाही गाँव में आज सुबह खेत जोतने से पहले रंगदारी नहीं देने से हुयी गोलीबारी में जख्मी संजय यादव की मौत हो गयी.संजय की स्थिति सहरसा सदर अस्पताल में बेहद नाजुक थी.डॉक्टर ने उसे बेहतर ईलाज के लिए डीएमसीएच रेफर कर दिया था.जख्मी संजय के परिजन एम्बुलेंस से संजय को डीएमसीएच ले जा रहे थे लेकिन उसकी मौत रास्ते में सुपौल में ही हो गयी.

खेत जोतना है तो रंगदारी दो

पुलिस के अधिकारी अरविन्द कुमार मिश्रा
रिपोर्ट सहरसा टाईम्स:  खेत जोतकर फसल लगानी है तो एक लाख रूपये रंगदारी दो वर्ना जान से मार डालेंगे.मामला बनमा ईटहरी थाना के बथनाही गाँव का है जहां खेत को जोत रहे एक परिवार को अपराधियों ने पहले तो रोका और फिर एक लाख रूपये की रंगदारी मांगी.रंगदारी से इंकार करने पर अपराधियों ने ना केवल जमकर खुनी तांडव किया बल्कि खुलकर फरसे चलाये और गोलियां भी बरसाई।  इस खूनी वारदात में एक शख्स के गले में गोली मार दी गयी जबकि दो अन्य को फरसे से हमला कर जख्मी कर दिया गया.
                 तीनों जख्मी को सदर अस्पताल लाया गया है.गोली से जख्मी हुए शख्स की हालत काफी नाजुक है, उसे बेहतर ईलाज के लिए डीएमसीएच रेफर कर दिया गया है. इस मामले में पुलिस के अधिकारी अस्पताल पहुंचकर जांच में जुट चुके है.  पुलिस के अधिकारी अरविन्द कुमार मिश्रा, पीड़ित के सूर में सूर मिलाते हुए अग्रतर कार्रवाई की बात कर रहे हैं. बताते चलें की पीड़ित ने विजेंद्र यादव,दुलारचंद यादव,सिंहेश्वर यादव सहित नौ लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कराया है.

दिसंबर 03, 2014

सहरसा पुलिस की बेशर्मी देखो सरकार

मुकेश कुमार सिंह की कलम से----- विगत कई वर्षों से अपनी बिगड़ैल और काली करतूतों के लिए खासा बदनाम रही सहरसा पुलिस ने एक बार फिर हैरतअंगेज और चौंकाने वाली घटना को अंजाम दिया है.ताजा वाक्या सहरसा जिले के नवहट्टा थाना का है, जहां के पुलिस अधिकारी ने जमीन विवाद के एक मामले में चार मासूम बच्चे और एक सौ वर्ष के बीमार और अपाहिज बने बुजुर्ग के खिलाफ 107 का नोटिस भेजा है.पुलिस के अधिकारी को इस बुजुर्ग और इन मासूमों से ना केवल बलवा का अंदेशा है बल्कि उन्हें लग रहा है की ये सभी मिलकर बड़ी से बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं.इस वाकये से पीड़ित परिवार जहां सदमें में और परेशान हाल है वहीँ सहरसा टाईम्स की दखल के बाद पुलिस के आलाधिकारी इस बड़ी गलती की सुधार का भरोसा दिला रहे हैं.
मामला नवहट्टा थाना के बेहद करीब पश्चिमी टोला का हैं.मुहम्मद जुबेर का अपने गोतिया से जमीन का विवाद है.इसी मामले में नवहट्टा पुलिस अधिकारी एस.आई मनोज शर्मा ने चार मासूम नौनिहाल और एक बुजुर्ग के खिलाफ धारा 107 का नोटिस भेजा है.पुलिस अधिकारी ने चार नौनिहालों को मुजरिम समझकर नोटिस भेजा है.ये बच्चे पढ़ना चाहते हैं लेकिन पुलिस का खौफ इन्हें सता रहा है.रात में इन्हें नींद नहीं आती है और ये डरे--सहमे रहते हैं

.इन बेबसों में तीन बच्चियां शाजदा खातून,जुरेदा खातून और रिफत खातून हैं जिनकी उम्र सात से दस साल के भीतर है.एक लड़का मोहम्मद परवेज है जिसकी उम्र करीब दस साल है.हद की इंतहा तो यह है की पुलिस अधिकारी ने सौ वर्ष के मोहम्मद इदरीस को भी नहीं बख्सा है.लाचार और बेबस बुजुर्ग बिना सहारे के चल भी नहीं पाते हैं.पुलिस अधिकारी को इनसे भी बड़ा खतरा है.हद की इंतहा है और सारे बच्चे और बुजुर्ग अब सहरसा टाईम्स से इन्साफ की गुहार लगा रहे हैं. घर का मुखिया मोहम्मद जुबेर भी खासा परेशान है.पूरी घटना को तफ्सील से बताते हुए वह कह रहे हैं की पुलिस के अधिकारी उनकी एक नहीं सुन रहे हैं.उनके परिवार के सभी लोग डरे--सहमे हैं.पुलिस के खौफ से रात में कोई सोता नहीं है.सहरसा टाईम्स से ये मदद और इन्साफ की गुहार लगा रहे हैं.
पुलिस के बड़े अधिकारी मृत्युंजय कुमार चौधरी,ए.एस.पी,सहरसा इस गंभीर मसले को बड़ी चूक मान रहे हैं.सहरसा टाईम्स को ये इस वाकये पर अपनी सफाई देने के साथ--साथ इस भूल को सुधारने का भी भरोसा दिला रहे हैं. 
जाहिर तौर पर यह हैरतअंगेज और चौंकाने वाली घटना है.इसमें कोई शक नहीं है पुलिस के अधिकारी मौक़ा ए वारदात पर जाने की जगह अपने कार्यालय,या फिर अपने आवास से तफ्तीश करते हैं,यह उसी की बानगी है.आगे देखना दिलचस्प होगा की पुलिस के बड़े अधिकारी इस बड़ी भूल का किस तरह से सुधार कराते हैं और जांच अधिकारी पर कैसी कार्रवाई करते हैं.वैसे सहरसा टाईम्स इस मामले में पीड़ित को इन्साफ मिलने और जांच अधिकारी पर कार्रवाई होने तक,इस मामले को सिद्दत से उठाता रहेगा.

दिसंबर 01, 2014

साढ़े तीन घंटे का ग्रहण

आज सुबह करीब आठ बजे प्लेटफॉर्म संख्यां दो पर बड़ी लाईन की एक इंजन पटरी से उत्तर गयी.इंजन के पटरी पर से उतरने की वजह से करीब आधा दर्जन गाड़ियों का परिचालन साढ़े तीन घंटे तक ठप्प रहा.इस दौरान यात्रियों को काफी परेशानी हुयी और वे काफी हलकान रहे.रेल प्रशासन के लाख मशक्कत के बाद इंजन को फिर से पटरी पर चढ़ाया गया और रेल परिचालन को फिर से से शुरू किया जा सका.
मुफ्त का तेल लूटते रहे लोग 
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आज अहले सुबह रलवे के तेल भण्डार का तेल भीतर बिछी पाईप के फट जाने की वजह से बाहर बहने लगा.तेल बहकर बगल के एक जल--जमाव वाले हिस्से में जाने लगा.आसपास के लोगों को जैसे ही इस बात की भनक लगी वे भीड़ की शक्ल में वहाँ पहुंचे और विभिन्य तरह के बर्तनों से तेल को वहाँ से उठाकर अपने-अपने घर ले जाने लगे.बाद में पता चला की सैंकड़ों लीटर डीजल  डीजल बहे थे जो आमलोग लूट कर ले गए.जाहिर तौर पर रेल प्रशासन को एक तो देरी से सूचना मिली दूजा फटे पाईप की खोज करने में उन्हें वक्त लगा.तक़रीबन चार घंटे तक इलाके के लोग इस दौरान मनमाफिक तरीके से तेल लूट कर ले गए.

नवंबर 29, 2014

सरे राह किसने भरी मांग में सिंदूर------

रजनीश कुमार
मुकेश कुमार सिंह की कलम से-----
अगर आपके घर में कोई मासूम बच्ची है और वह पढ़ने के लिए स्कूल,कॉलेज या फिर कोचिंग जा रही है तो हो जाइए होशियार.जनाब राह चलता कोई मनचला कहीं आपकी घर की ईज्जत की मांग में सिंदूर ना डाल दे.ताजा वाकया सहरसा के सदर थाना के नया बाजार की है जहां एक मनचले आशिक ने अपने कुछ मित्रों साथ मिलकर दशवीं कक्षा की एक छात्रा को कोचिंग जाने के दौरान जबरन ना केवल उसकी मांग में सिंदूर डाल दिया बल्कि उसे अगवा कर ले भागने की कोशिश भी की.हांलांकि किसी तरह लड़की ने अपनी जान बचाई और अपने परिजन के साथ थाने पहुंची,जहां पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए मुख्य आरोपी को अपनी गिरफ्त में ले लिया है.दिन--दहाड़े घटी इस घटना से इलाके में सनसनी फैली हुयी है.
 
सदर थाने में मौजूद यह बच्ची राजकीय कन्या हाई स्कूल की दशवीं कक्षा की छात्रा है.आज सुबह यह सदर थाना के न्यू कॉलोनी स्थित अपने आवास से वह नया बाजार पढ़ने के लिए कोचिंग जा रही थी.कोचिंग से कुछ पहले ही सदर थाना के न्यू कॉलोनी मोहल्ले का रहने वाले रजनीश कुमार अपने चार--पांच साथियों के साथ घात लगाए हुए बैठा हुआ था.मासूम जैसे ही वहाँ पहुंची रजनीश ने पहले तो उसे दबोच लिया फिर जबरन उसकी मांग में सिंदूर डाल दिया.इतना ही नहीं रजनीश ने पुलिस लिखे नंबर प्लेट वाली मोटरसाईकिल से मासूम को लेकर भागने की कोशिश भी की.लेकिन किसी तरह से अपना हाथ छुड़ाकर मासूम पड़ोस के एक घर में घुसकर पहले तो अपनी जान बचाई फिर वहीँ से अपने परिजन को फोन किया.फिर वह अपने परिजन के साथ थाने पहुंची जहां मासूम के पिता सतीश कुमार झा के आवेदन पर मामला दर्ज करते हुए पुलिस ने त्वरित गति से मुख्य आरोपी को अपनी गिरफ्त में ले लिया.गौरतलब है की रजनीश पिछले कई महीने से मासूम के साथ छेड़खानी और जोर--जबरदस्ती कर रहा था.
इधर पुलिस की गिरफ्त में आये रजनीश का कहना है की मासूम उससे एकतरफा प्यार करती थी.वह बीए पार्ट वन का छात्र है.बीते कई महीने से मासूम उसे ना केवल फोन करती थी बल्कि उसे गिफ्ट भी देती थी.लेकिन वह मासूम से प्यार नहीं करता था.उसने पहले भी मासूम को कई दफा समझाया था की वह उससे प्यार नहीं करता है.आज भी वह मासूम को समझाने की कोशिश कर रहा था लेकिन मासूम ने अपने पर्स में रखे सिंदूर को जबरन निकालकर उसके हाथ में दे दिया और जबरदस्ती अपने मांग में लगा लिया.खुद को बेकसूर बताते हुए रजनीश कह रहा है की प्यार में अंधी हुयी मासूम ने उसे फंसा डाला.पुलिस के अधिकारी मृत्युंजय कुमार चौधरी,ए.एस.पी,सहरसा घटना के बाबत जानकारी देते हुए कह रहे हैं की मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी की जा चुकी है और पुलिस आगे का अनुसंधान कर रही है.आगे अगर इस मामले में अन्य की संलिप्तता की बात सामने आएगी तो उनकी भी गिरफ्तारी होगी.
घोर कलयुग आ गया है.कानून और पुलिस वाले दहशतगर्दों के सामने बिल्कुल बौने साबित हो रहे हैं.आगे इस मामले में जैसी भी कार्रवाई हो लेकिन फिलवक्त इलाके के वैसे माँ--बाप जिनको बेटियां हैं वे अपनी--अपनी बेटी को लेकर खासे चिंतित और खौफजदा हैं.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।