अगस्त 30, 2012

इतनी आक्रोश क्यों ? जो किसी मासूम की जान ले ले .....

रिपोर्ट चन्दन  बीते मंगलवार को बेलगाम अपराध से कराहते सहरसा में एक बड़ी वारदात ने लोगों की आँखों की नींद छीन ली है.सदर थाना क्षेत्र के पोलिटेक्निक मैदान के समीप दो युवकों ने एक किशोर को चाक़ू मारकर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया और वहाँ से उड़न छू हो गए.खून से लथ--पथ किशोर को स्थानीय लोग और जख्मी किशोर के कुछ मित्रों ने आनन्--फानन में इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.मृतक विकास कुमार झा सहरसा जिले के लगमा गाँव का रहने वाला था और जिला मुख्यालय के एक लौज में रहकर इंटर की पढाई कर रहा था.वह राजेन्द्र मिश्रा कॉलेज का छात्र था.पुलिस और अन्य सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पोलिटेक्निक मैदान पर क्रिकेट खेल के दौरान कुछ लड़कों के साथ उसका विवाद हुआ था.इसी विवाद को लेकर अभिनव और प्रणव नाम के दो लड़कों ने विकास को चाक़ू मारकर जख्मी कर दिया जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गयी.अभिनव और प्रणव दोनों सगे भाई हैं जो सहरसा जिले के शाहपुर गाँव के रहने वाले हैं.ये दोनों भी सहरसा में किसी लौज में रहकर पढाई करते हैं. 
पूर्व भाजपा विधायक संजीव कुमार झा ने इस घटना को लेकर बड़े साफ़ लहजे में कहा की बिगड़ती कानून व्यवस्था की वजह से आज भय नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है.इसी का नतीजा है की अपराधियों का मनोबल काफी बढ़ गया है.आवश्यकता है की ऐसे तत्वों से शख्ती से निपटा जाए. 
नव निर्माण मंच के युवा अध्यक्ष मो लुकमान अली ने कहा सूबे के मुखिया कहते है की कानून अपना काम कर रही है लेकिन ऐसा इस जिले में दिख नहीं रहा है अपराधी खुली चुनैती देते हुए अपने मकसद में कामयाब हो रहे है लेकिन सहरसा प्रशासन के कानों में जू भी नहीं रेंगती...
जाहिर तौर पर सहरसा पुलिश के ऊपर लगातार सवाल तो दागे जाते है लेकिन इनकी कार्यशैली की प्रणाली क्या है इससे हम भी नहीं वाकिफ़ है. फ़िलहाल तो पुलिस ने जाँच की शुरुआत क्रिकेट में हुए विवाद को सामने रखकर की है.आगे देखना दिलचस्प होगा की इस चाकूबाजी और ह्त्या के पीछे की वजह सिर्फ यही है या फिर कुछ और.फिलवक्त इस घटना से चारों ओर सनसनी फ़ैल गयी है.इसमें कोई शक नहीं है की इस घटना की एक बड़ी वजह सहरसा पुलिस की नाकामियों की लम्बी फेहरिस्त और उसकी सुस्ती भी है.
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2 टिप्‍पणियां:

  1. kanun ko mjak bana kar rakh diya hai saharsha me

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  2. its not gud for our society we should v to stop it soon..i reqst to govt. n dere system to please take strict againt dese events..

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।