अप्रैल 20, 2015

बेटी और बहन की अस्मत बचाने के खातिर किया खून ..............

 -::-बेटी और बहन की अस्मत को लुटने से बचाने के लिए वह कर डाला हत्या  -::
मुकेश कुमार सिंह की कलम से------- बीती रात सोनवर्षा राज थाना के मनौरी गाँव स्थित ईंट भट्ठे चिमनी पर ईंट भट्ठे चिमनी के मालिक पचपन वर्षीय मणि सिंह की हत्या चाक़ू से गोद--गोद कर और दबिया से काट--काट कर दी गयी.इस जघन्य हत्या की वारदात को उसी ईंट भट्ठे चिमनी पर काम करने वाले दो मजदूरों ने अंजाम दिया.हद की इंतहा देखिये की दोनों हत्यारों ने सदर थाना में हत्या में इस्तेमाल किये गए हथियार के साथ आज सुबह में आत्मसमर्पण कर दिया.हत्या के कारण का जो खुलासा इन हत्याओं ने किया है,उसे सुनकर आपका कलेजा मुंह को आ जाएगा.बेटी और बहन की ईंट भट्ठे के मालिक के हाथों लुटती अस्मत से आक्रोशित एक पिता और एक भाई ने यह जघन्य अपराध किया है.
 अब हम आपको लेकर सोनवर्षा राज थाना आये हैं. देखिये थाने के बरामदे पर बैठे ये सभी ईंट भट्ठे पर काम करने वाले मजदूरों के परिजन हैं.इनमें कुछ नाबालिग बच्चियां हैं जिनकी अस्मत बीते छह महीने से ईंट भट्ठा चिमनी मालिक लूटते आ रहे थे और और कुछ की लूटने की कोशिश में वे जुटे हुए थे.        आखिरकार गरीबों की अस्मत हवस की दरिंदगी पर भारी पड़ा और मौत का यह खेल खेला गया.चूँकि इनलोगों के परिजन ने इस घटना को अंजाम दिया है इसलिए ये सभी अपनी जान की सुरक्षा के लिए थाने में शरण लिए हुए हैं.मासूम बच्चियां और उनकी माँ अस्मत के चिथड़े उड़ाने की दास्ताँ सूना रहे हैं.

सोनवर्षा राज मुख्यालय स्थित मणि सिंह के आवास पर उनकी लाश पोस्टमार्टम के बाद पहुँच चुकी है.मेले की शक्ल में लोग वहाँ जमा हैं लेकिन सब के सब खामोश.देखिये यहां का नजारा. सहरसा पुलिस कप्तान के आवास पर यही वे दोनों हत्यारे हैं जिन्होनें अपनी बेटी और बहन की अस्मत का ना तो सौदा किया और ना ही अस्मत को चाक होने दिया. सिराजुल ने अपनी बेटी और प्रसन्नजीत ने अपनी बहन की अस्मत को लुटने से बचाने के लिए वह कर डाला जिसकी कल्पना मात्र से रूह काँप जाती है. आपको यह बता दें की मृतक मणि सिंह ने दो मासूम बच्चियों की अस्मत के लिए सौदा भी करना चाहा. मणि सिंह ने जहां सिराजुल को कीमती सोने की चेन दी वहीँ पर प्रसन्नजीत को पांच हजार रूपये दिए. मणि सिंह ने यह भी आश्वासन दिया की काम हो जाने के बाद वह उनलोगों के घर को रूपये और सामान से भर देगा. लेकिन इन दोनों मजदूरों की गरीबी इज्जत--आबरू भारी नहीं पड़ सकी और ये नहीं टूटे। आखिरकार हवस के भेड़िये का इन्होनें सफाया कर डाला.
पुलिस कप्तान पंकज कुमार सिन्हा
पुलिस कप्तान पंकज कुमार सिन्हा ने घटना की पूरी जानकारी तफ्सील से दी और घटना के साक्ष्य के आधार पर गहन अनुसंधान के बाद उचित कार्रवाई की बात कही. 
सहरसा टाईम्स - आखिर गरीबी ने हार नहीं मानी.मज़बूरी ने समझौता नहीं किया.दुनिया की चकाचौध और तमाम प्रलोभन के सामने फटेहाली ने घुटने नहीं टेके.अस्मत की दौलत के सामने सभी कुछ फीके और मंद पड़ गए.अस्मत के लुटेरे इस दरिंदे की जान इनदोनों ने ले ली.इन हत्यारों को हम कतई फरिश्ता नहीं कहेंगे लेकिन इतना जरूर कहेंगे की यह घटना पुरे देश को एक सन्देश दे रहा है"अस्मत की बोली लगाने वालों हो जाओ होशियार और खबरदार" वर्ना----?
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