जनवरी 01, 2015

खास अंदाज में नए साल का आगाज


नए साल का आगाज सहरसावासियों ने अपने अंदाज में किया. हांलांकि अहले सुबह से यहाँ शीतलहर और कुहासे के बीच बारिस की बूंदों ने लोगों की जान निकालकर रख दी थी लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया मौसम ने अपना मिजाज बदला और करीब नौ बजे दिन से मौसम कुल मिलाकर साफ़ हो गया.सहरसा में चूँकि कोई पिकनिक स्पॉट नहीं है इसलिए यहाँ के लोग अमूमन घरों में ही पिकनिक मनाने और मजे करने के आदी रहे हैं. इसबार लोगों ने इस नए साल का आगाज ना केवल जिले के विभिन्य मंदिरों सहित खासकर महिषी के उग्रतारा पीठ, काठो का मटेश्वर धाम और जिला मुख्यालय स्थित रक्तकाली चौंसठयोगिनी धाम में पूजा अर्चना के साथ की.
2015  के आगवन पर मुकेश कुमार सिंह की कलम से ख़ास  रिपोर्ट -----

सहरसा जिला मुख्यालय स्थित रक्तकाली चौंसठ योगिनीधाम का है. सुबह में तो मौसम को लोग बुरा-भला कहकर अपने घरों में दुबके थे लेकिन जैसे ही मौसम साफ़ हुआ की लोगों का हुजूम यहाँ पहुँचने लगा.इस मंदिर परिसर में ही एक महीने तक चलने वाला महायोगिनी मेला लगा हुआ है. पहले ये सभी यहाँ माँ काली की पूजा-अर्चना कर रही हैं फिर मेले में जाकर भरपूर मजे लूट रही हैं.इस साल के आगाज को मनोरंजक और यादगार बनाने में इस मेले की अहम् भूमिका है.लोग यहाँ दिनभर खाने और खरीददारी से लेकर विभिन्य तरह के मजे लुटने में लगे हैं.यह सिलसिला यूँ ही देर रात तक चलता रहेगा.रक्तकाली चौंसठयोगिनी धाम में लोकगाथा भगैत गाकर भी लोगों ने बेहद खास अंदाज में इस नए साल की शुरुआत की.खास बात यह रही की इसी रक्तकाली चौंसठयोगिनी धाम मंदिर परिसर में एक महीने तक चलने वाले महायोगिनी मेला में लोगों ने जमकर खरीददारी की और छककर विभिन्य व्यंजनों का मजा लिया.हर वय के लोग इस मेले में झूले,ब्रेक झूले,नावं की सवारी सहित अन्य तरह के मजे लिए.इसमें कोई शक नहीं की महायोगिनी मेला ने लोगों के इस साल को यादगार बनाकर रख दिया.
जिला मुख्यालय से अठारह किलोमीटर पश्चिम अवस्थित इस प्रसिद्ध पीठ का देखिये नजारा. नए साल का आगाज यहां लोग माँ की पूजा-अर्चना के साथ कर रहे हैं.जाहिर सी बात है की यह बेहद खास नजारा है,क्योंकि इस भागम--भाग भरे भौतिकवादी युग में ईश्वर की असीम कृपा लेकर लोग नए साल की शुरुआत करना चाह रहे हैं.इस महान शक्तिपीठ में भक्तों का जन--सैलाब उमड़ा है और लोग पंक्ति में खड़े होकर अपनी बारी का इन्तजार कर रहे हैं.इस मौके पर रश्मि ठाकुर,सोनू तोमर जैसे कई श्रद्धालुओं से हमने बात की.सभी का समवेत कहना था की माँ उनके घर--परिवार में खुशियां भरने के साथ---साथ चहुँदिश खुशियों की बरसात करे जिससे सभी के लिए यह वर्ष मनोरम और यादगार बन सके.
सहरसा के लोगों के लिए इस साल की शुरुआत पूजा--अर्चना के साथ बड़े उमंग और उल्लास के साथ की है.जिले के विभिन्य प्रसिद्ध मंदिरों में मसलन माँ उग्रताराधाम,विशिष्ट कन्दाहा सूर्य मंदिर,मटेश्वर धाम शिव मंदिर और देवन वन शिव मंदिर में लोगों ने पहले जाकर पूजा--अर्चना की फिर अपनी दिनचर्या की शुरुआत की.जिला मुख्यालय में लोगों ने नए साल का आगाज मत्स्यगंधा रक्त काली चौंसठ योगिनी मंदिर में पूजा--अर्चना के साथ की.उनके आगाज को मजेदार तरीके से तब्दील करने में मंदिर परिसर में लगे महायोगिनी मेला की महती भूमिका रही है.उसपर भगैत ने चार चाँद लगा दिए.इस मौके पर हम सहरसावासियों के सर्वोत्तम,सफल और आदर्श जीवन की कामना के साथ-साथ लोकगाथा भगैत को भी संरक्षित रखा जा सके इसकी ह्रदय से कामना करते हैं.नए साल के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं---------------सभी के लिए.
नोट-----आज सुबह से शाम तक मत्स्यगंधा मंदिर में करीब 80 हजार,उग्रतारा शक्तिपीठ में 60 हजार और काठो के मटेश्वर धाम में 40 हजार लोगों के पहुँचने की संभावना है.

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