अक्टूबर 29, 2015

सहरसा में सभी राजनीति पार्टियों का दिखा असली चेहरा .....


** भाड़े के चन्द गुण्डों ने सहरसा की संस्कृति को किया अपमानित …  
मो० अजहर उद्दीन की रिपोर्ट : सहरसा के धरती पर विधान सभा चुनाव 2015 को लेकर आज तक न्यूज चैनल की ओर से सहरसा के जिला परिषद् प्रांगण में "किसका होगा राजतिलक" कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें सहरसा टाईम्स की टीम ने रखी पैनी नज़र.
आजतक न्यूज़ चैनल के द्वारा कार्यक्रम को बेहतर और नायाब आगाज देने लिए विधान सभा चुनाव से जुड़े सभी राजनितिक पार्टी के दिग्गज़ों को दावत दे कर बुलाया गया. जिसमें सभी ने अपनी उपस्तिथि भी दर्ज़ करवायी आगे बताना लाजमी होगा की जनप्रतिनिधि के साथ आये सभी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ऐसा गुल खिलाया की जो इस 30 मिनट के LIVE कार्यक्रम को 5 मिनट भी नहीं करवाया जा सका. कुर्सी की तोड़-फोर और पार्टी के लोगों के द्वारा खूब लगाई गयी नारेबाजी से पूरी दुनिया में फिर से सहरसा की संस्कृति को बदनाम करने में पीछे नहीं रहा. साथ ही जनप्रतिनिधि के साथ आये हुए लोगों ने इस तरह से अपनी - अपनी पार्टी के ताकत को दिखलाना शुरू किया कि कार्यक्रम 5 मिनट भी चलने में उफ बोल दिया. पार्टियों के नारेबाजी से हालत तनाव पूर्ण हो गया. 
हालत को नियंत्रण में लाने के लिए दल - बल के साथ वज्रवाहन को भी बुलवाया गया. प्रशासन के घंटों प्रयास करने के बाद हालत समान्य हो सकी, लेकिन जो बड़ी घटना को सहरसा के बड़े - बड़े राजनीति करने वालों ने अंजाम दिलवाया है वो केवल एक घटना बन कर ही नहीं रह गयी बल्कि सहरसा के दामन को दागदार भी कर चुकी है.
बहरहाल इस प्रोग्राम को लेकर स्थानीय लोगो के साथ- साथ देश-विदेश में रह रहे कोसी के सपूतों ने सहरसा टाईम्स को USA,सऊदी अरब, दुबई से अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है और इस घटना की घोर निंदा करते हुए काफी मर्माहत भी है. सहरसा के राजनीति करने वाले एक कार्यक्रम को अगर बेहतर से नहीं करवा सकें तो जिला या राज्य को कैसे चलायेंगे -----उफ फिर हुई सहरसा की धरती बदनाम.

11 टिप्‍पणियां:

  1. यह जंगल राज का एक आगाज है ,यदि भाजपा नहीं जीता तो अंजाम की कल्पना से भी डर लगताहै।

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  2. Jis shaam ko saharsha ke sunhare din me sumaar hota...woh chand safedposh ulluo ki wajah se kali syah raat ban gyi...bahut hi apriye ghatna thi...isse saharsha ke kuchek log apne aap ko sharminda mehsoos Kr rahe hai jisme main bhi hoon...par un ulluo ko is baat ka pachtawa tak nahi...bik gye sanskar bik gayi sarkar...samman milta nhi maangne se...milta hai toh sirf sorgul se bhara janaadhaar

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  3. DEVLOPMENT KYA KHAK HOGA JAB HUM EK DUSREY KO SUNNEY TAK KO TAIYAR NAHI HONGY

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  4. agar ye party or party worker itne mahnat saharsa k vekash k liye ke hote to sayad aaj hamara sir saram se ne jhukta...

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  5. jaalsaaj hain ye log jo sahar ki asmita ka khyal nahi rakhte

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  6. अमित कुमारअक्टूबर 29, 2015 9:30 pm

    सहरसा के जनप्रतिनिधियों से और क्या उम्मीद की जा सकती है । शर्म इनको फिर भी आती नहीं ....

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  7. अमित कुमारअक्टूबर 29, 2015 9:32 pm

    सहरसा के जनप्रतिनिधियों से और क्या उम्मीद की जा सकती है । शर्म इनको फिर भी मगर आती नहीं ......

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।