जनवरी 18, 2012

                                             सम्पादकीय


मुकेश कुमार सिंह
(Editor In Chief)
Saharsa Times 
 आपाधापी और अंधदौड़ में बहुत सारी चीजें पीछे छूटती जा रही हैं और व्यक्ति आगे निकलने की जुगात में जुटा हुआ है.सबसे पहले हम अपने कोसी की चीख साईट को देखने--समझने और गुनने वाले सुधि जनों को ह्रदय से नमन और कोटिशः उन्हें साधुवाद देते हैं.हमारे उदेश्य का कैनवास बड़ा है लेकिन अभी हम उसे थोड़े में जाहिर कर पाने में समर्थ हो पा रहे हैं.अभी हमने आपको महज सहरसा जिले की हर छोटी--बड़ी ऐसी खबर जो आमलोगों की सरोकार से जुडी हुयी हैं परोस पा रहे हैं.आगे हम चाहेंगे की कोसी प्रमंडल के दो और जिले मधेपुरा और सुपौल जिले की ख़बरों से आपको रूबरू करा सकें.हम यहीं पर थमने वाले नहीं हैं.आगे हम आपको यह भी बताना चाहते हैं की हमारे मन में पल रहा है की हम आपको बिहार के सभी 38 जिलों की ख़बरों से दो--चार करा सकें.हम अपनी ख़बरों के माध्यम से आप सभी को सिर्फ वक्ती जानकारी भर देना नहीं चाह रहे हैं बल्कि हमारा मकसद है की हम उन जरुरतजदा लोगों की आवाज बन सकें जो ना केवल अपने हक़ से महरूम हैं बल्कि जिनकी फ़रियाद नौकरशाहों से लेकर हुक्मरानों तक अनसुनी की जाती रही है.हम जज्बाती बनकर नहीं बल्कि सच का सिपहसालार बनकर लोगों के हक़ की आवाज बुलंद करने का पूरा माद्दा रखते हैं.खबर परोसने के दौरान हम ना तो सरकार पुलिस--प्रशासन या किसी सरकारी महकमे की कमियों को निकालकर उसकी नुक्ताचीनी करना चाहते हैं बल्कि हमारा मकसद है की पुरे तंत्र को उनकी कमियों से उन्हें परिचय कराकर उसका निदान ढूंढें--कराएं.हम पत्रकारिता धर्म की आंच में तपे हैं और मुद्दों के लिए लड़ाई लड़ने की ठानी है.शहर से लेकर गाँव तक की वह सारी ख़बरें आपतक पहुंचाने का हम वायदा करते हैं जो किसी ना किसी तकलीफ,पीड़ा और जरुरत से सनी हों.हम भीड़ का हिस्सा भर बनना नहीं चाहते हैं.हमारी यह साबूत कोशिश है की अपनी खबर की धार से हम जिस मुद्दा को लेकर आवाज बुलंद करें,उसे अंजाम तक पहुंचा कर रहें.हम किसी की निंदा करने नहीं निकले हैं लेकिन आलोचना हम जरुर करेंगे.जिस महकमे और जिधर से हमें किसी भी तरह की गड़बड़ी की बू आएगी,वहाँ हम दृढ़ता से आवाज बुलंद करेंगे.हमने एक मुहीम की शरुआत करी है जिसमें आपसभी का सहयोग अपेक्षित है.आप सभी हमें अपने सुझाव भी समय-समय पर देते रहें जिससे,पहले तो हम खुद में अकूत ताकत भर सकें और फिर अपनी कोशिशों को आसमानी परचम दे सकें.आखिर में,पुरे राज्यवासियों और देशवासियों के लिए उनके सुघड़,नैसर्गिक,मूल्यसंचित और लोगों के काम आने वाले पुख्ता और साबूत वजूद की कामना है.खुशियों से सराबोर सभी का जीवन हो,इसके लिए मेरी ईमानदार दुआ.आज यहीं पर अर्धविराम,.................................

3 टिप्‍पणियां:

  1. सहरसा टाइम्स की पूरी टीम को हार्दिक शुभकामनाएं कि वे अपने मकसद में उसी जज्बे के साथ कामयाबी प्राप्त करें जैसा वे अपने दिल में रखते हैं । कार्यविस्तार अधिक न कर छोटी ईकाई में अपने नेक इरादे के लिए मुकम्मल प्रयास करें । आशा करेंगें कि आपके कदम समाज हितैषी हों । पुनः शुभकामनाएं ।

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  2. saharsa times team ko mere taraf se subhkamnaye,ki aap sabhi apne maksad me kamyab ho,or mukesh uncle aapko special mere taraf se bahut-bahut subhkamnaye,sayad aap to hume pahchnte v nahi honge,but hum aapko jante hain,wase hum dines yadav ke room me rahte the wahi se 12 pass kiye,or cipet engg.college kolkata haldia me last year me hoon,or mera ghar khagaria dist ke mali chowk mera ghar hai.hum saharsa times par saharsa or saharsa ke aasps ki khabre milti hai,thank you mukeh uncle.............

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  3. saharsa times ke sbhi team ko mere taraf se subhkamanye.

    न हाथ एक शस्त्र हो
    न हाथ एक अस्त्र हो
    न अन्न वीर वस्त्र हो
    हटो नहीं ,दरो नहीं
    बढे चलो ,बढे चलो

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।