दिसंबर 04, 2015

सहरसा में फिर गरजी बन्दूक, एक की मौत......

सहरसा टाइम्स एक्सक्लूसिव 
**अपराधियों ने की ताबर तोर फाइरिंग........
**रितेश सिंह उर्फ़ टिक्लू की गोली लगने से हुई मौत......
**शम्भू दास को पैर में लगी गोली ........
**इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती........
मृत रितेश सिंह उर्फ़ (टिक्लू)
घायल शम्भू दास 
अजहर उद्दीन की रिपोर्ट : सहरसा में अपराधियों का हौसला बुलंद है अपराधी बड़े आराम से घटना को अंजाम देकर फरार होने में सफल हो रहा है और हमारी पुलिस के हाथ खाली खोखा मिल रहा है. डॉ पी. के. मल्लिक क्लिनिक के पास अपराधियों ने प्रोफेसर जनार्दन सिंह (सर्व नारायण सिंह कालेज) के पुत्र रितेश सिंह उर्फ़ (टिक्लू)  और शम्भू दास (निर्मला पैथोलाजी के संचालक)  पर ताबरतौर फाइरिंग की जिसमे रितेश सिंह उर्फ़ टिक्लू की घटना स्थल पर ही मौत हो गई और शम्भू दास को पैर में गोली लगी. जिसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
जाहिर तौर पर सहरसा में घटना पर पुलिस अंकुश लगाने में पूरी तरह से विफल है. हमारी पुलिस एक घटना की तफ्तीश में जुटी रहती है, लेकिन अपराधी दूसरी घटना को अंजाम देने में सफल हो जाता है. आखिर अपराधियों की गोली कब तक आवाम के सीनों को छल्ली करता रहेगा ये सवाल सहरसा टाइम्स सहरसा के पुलिसिया तंत्र से करता है. 

6 टिप्‍पणियां:

  1. Police to nil kami hai public kya achar ka maje leti hai sale sabhi gandi

    जवाब देंहटाएं
  2. Jungle Raaj 2 continues..........

    जवाब देंहटाएं
  3. bhagwan mritak ki atma ko shanti tatha kanun hatyaron ko kathor saja de.

    जवाब देंहटाएं
  4. Problem police me ya system me nhi
    Problem hmme he humlog kch nhi krte sirf haath haath rkkhkr tamasha dekhte he or crime hone ka wait krte he isiliye crime ho pata h Or criminals khule ghumte he...
    Pta h yha 100% me 1-2 % mostly criminals he fir v humlog dr jate h
    Or crime itna skriya ho jata h

    जवाब देंहटाएं
  5. Problem police me ya system me nhi
    Problem hmme he humlog kch nhi krte sirf haath haath rkkhkr tamasha dekhte he or crime hone ka wait krte he isiliye crime ho pata h Or criminals khule ghumte he...
    Pta h yha 100% me 1-2 % mostly criminals he fir v humlog dr jate h
    Or crime itna skriya ho jata h

    जवाब देंहटाएं


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।