जून 06, 2013

जहरीली मिठाई का कहर

बीती रात जिले के पूर्वी कोसी तटबंध के भीतर बसे जलई थाना के समानी गाँव के महादलित बस्ती में कहर बरपा।नौ मासूम बच्चों ने संदेश में आई मिठाई को छंककर खाया लेकिन यह मिठाई उनके लिए जानलेवा साबित हुयी।इस मिठाई को खाकर गंभीर रूप से नौ बच्चे बीमार हुए हैं जिनमें से चार की हालत काफी नाजुक बनी हुयी है।  रिपोर्ट सहरसा टाईम्स:--
सदर अस्पताल के बच्चा वार्ड की फर्श पर ये नौ मासूम बच्चे किस तरह से बेसुध पड़े हुए हैं।पेट की भूख को मिटाने के लिए मिठाई खायी थी लेकिन यह मिठाई इनके लिए जानलेवा साबित हो गयी।ये सभी बीमार और जिन्दगी से जंग लड़ते बच्चे महादलित परिवार के हैं।बगल के गाँव से रिश्तेदार ने सन्देश में मिठाई भेजी थी।बीती रात बच्चों ने जी के स्वाद की खातिर और पेट की भूख मिटाने की गरज से छंककर मिठाई खायी।मिठाई खाने के कुछ लम्हे बाद ही इन बच्चों की हालत बिगड़ने लगी।कैय--दस्त शुरू हुआ और देखते ही देखते वे बेहोश हो गए।आनन्--फानन में गाँव के झोला छाप डॉक्टर से पहले इनके इलाज की कोशिश की गयी लेकिन स्थिति बिगडती देख परिजनों ने इस घटना की सुचना जलई थाना को दी।पुलिस के अधिकारी बिना समय गंवाए मौके पर पहुंचे और बच्चों को सदर अस्पताल पहुंचाया जहां उनका इलाज चल रहा है।बच्चे की स्थिति अभी नाजुक बनी हुयी है।सभी बच्चों की उम्र पांच से लेकर बारह वर्ष के बीच है और ये सभी आपस में रिश्तेदार हैं।घर के लोग मुकेश सदा और प्रमिला कुमारी तफसील से घटना के बाबत जानकारी दे रहे हैं।
पुलिस के अधिकारी जलई थानाध्यक्ष पवन पासवान ने मौके पर तुरंत पहुंचकर बच्चों को सदर अस्पताल पहुंचाया था।वे घटना को लेकर जानकारी देते हुए कह रहे हैं की बच्चों की स्थिति गंभीर है।पुलिस अधिकारी की मानें तो वे यह पता करने की कोशिश कर रहे हैं की मिठाई कहाँ से आई और मिठाई में कौन सी जहरीली चीज मिली हुयी थी।जांच के दौरान जिसका दोष निकलेगा उनपर कठोर कारवाई होगी।सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर आर.एस.रामखुद बच्चों के उपचार के इंतजाम में जुटे हुए हैं।उनकी मानें तो बच्चों की स्थिति गंभीर थी लेकिन उपचार के बाद उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है।
 पहले से क्या गम कम था जो ऊपर वाले तूने ये सितम ढाया।बामुश्किल जीवन की साँसे बचाकर किसी तरह से जिन्दगी जी देने वाले इन महादलित बच्चों पर वाकई आफत का पहाड़ टूटा है।इन बच्चों की सेहत शीघ्रता से सुधरे इसके लिए हम दिल से दुआ करते हैं।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।