मार्च 03, 2015

मोर पंक्षी का अभ्यारण बना आरण गाँव


कृष्णमोहनसोनी की रिपोर्ट:- कोसी प्रमंडल क्षत्र के सहरसा जिला के सत्तरकटैया प्रखंड क्षेत्र आरण गाँव जहां राष्ट्रीय पक्षी मोर व मोरनी का अभ्यारण बना हुआ है. इन पंक्षियों की कलरव और चहल कदमी खेत व खलिहानों खासकर घर व आँगन में खेल रहे ग्रामीण बच्चों के बीच है.मोर का नृत्य बड़ा ही मनोरम सा लगता है. जिला मुख्यालय से महज ५ किलो मीटर की दुरी पर बसा आरण गाव जहां खेतों  व जंगलों में खुलेआम बिचरण करते मोर मोरनी की संख्या हजारों में है. यहाँ ग्रामीणो के बीच एक तरफ इन पंक्षियों को लेकर खुशियाँ है दूसरी ओर सुरक्षा को लेकर वन विभाग के  विभागीय अधिकारीयों की उदासीनता को लेकर चिंताएं भी है. ग्रामीणों द्वारा विभाग को बार बार सूचना देने के बाद भी कोई ठोश पहल नही हुई है. आरण गावं  के ग्रामीणों का कहना है कि सुरक्षा को लेकर हमलोग परेशान है, ग्रामीण मुकेश यादव, महेंद्र यादव,रामनंदन यादव, रंजीत यादव रामनरायन यादव, ने बताया की यहां हजारों की संख्या में मोर पाये जाते है. बताया  जाता है कि स्थानीय ग्रामीण ७५  वर्षीय अभिनंदन यादव उर्फ़ कारी  यादव किशोरा वस्था में ही  यूपी गए थे जहां से एक जोड़ी नर मादा मोर लाये थे  धीरे धीरे प्रजनन के बाद संख्या भढती गयी. आज यह गाँव  मोर का अभ्यारण बना है.सबसे दिलचस्प बात यह है कि इन  पंक्षियों की  सुरक्षा कैसे हो. सरकार ने पशु -पंक्षी संरक्षण कानून भी बना दी वावजूद विभाग उदासीन है.



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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।