फ़रवरी 13, 2012

रिहाई के लिए पूजा और हवन

बीते नौ फ़रवरी से सहरसा के विभिन्य मंदिर,मस्जिद और गुरुद्वारे में पूर्व सांसद बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई के लिए ईबादत--दुआ,पूजा--अर्चना और यज्ञ--हवन का दौर जारी है.पूर्व सांसद आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डी.एम जी कृष्णैया ह्त्या मामले में अभी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं और पिछले साढ़े चार वर्षों से जेल में बन्द हैं.जी कृष्णैया की ह्त्या और आजीवन कारावास मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट में आगामी 14 फ़रवरी से सुनवाई होनी तय है.इस बार अदालत अपना अंतिम फैसला सुनाएगी की आनंद मोहन की सजा बरकरार,सजा कम या फिर उनकी रिहाई होगी.जाहिर सी बात है की आनंद मोहन के समर्थकों के लिए आसमानी सत्ता की चिडौरी करना वक्ती जरुरत है और वे इसमें दिलो--जान से लगे हैं.मंदिर हो या मस्जिद या फिर गुरुद्वारा,हर जगह मोहन के समर्थक ईबादत--दुआ,पूजा--अर्चना और हवन --यज्ञ में लगे हुए हैं.इसी कड़ी में आज आनंद मोहन के समर्थकों ने सहरसा जिला मुख्यालय स्थित मत्स्गंधा स्थित रक्त काली मंदिर में ना केवल पूजा अर्चना की बल्कि यज्ञ और हवन भी किये.कहते हैं की उपरवाला बड़ा रहम दिल है और भक्त अगर सच्चे मन से कुछ मांगे तो वह जरुर मिलता है.यहाँ तो भक्तों का तांता लगा है.आगे देखना है की माँ काली इन भक्तों प़र कितना मेहरबान होती है.
आनंद मोहन की रिहाई होकर रहेगी,भक्तजन आशान्वित हैं.परम सत्ता के दरबार में अर्जी लगी हुई है.अब आगे यह देखना दिलचस्प होगा की मंदिर,मस्जिद से लेकर गुरुद्वारे तक में की गयी फ़रियाद कितनी सुनी जाती है और अदालत का फैसला क्या आता है.माँ काली के दरबार में आकर लोग यह ताल ठोंककर कह रहे हैं की करुणामयी माँ आनंद मोहन को रिहाई कराकर रहेगी

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।