फ़रवरी 21, 2012

टेम्पो हादसा


मृत सदानंद ठाकुर
आज सुबह मधेपुरा की तरफ से बैजनाथपुर आ रही एक तेज रफ़्तार टेम्पो बैजनाथपुर ओ.पी के सवैला चौक के समीप असंतुलित होकर पलट गयी जिसमें एक व्यक्ति की मौके प़र ही मौत हो गयी जबकि एक महिला सहित तीन लोग जख्मी हो गए.जख्मियों को आनन्--फानन में सदर अस्पताल लाया गया जहां उनका इलाज हो रहा है.गंभीर रूप से जख्मी महिला की स्थिति नाजुक बतायी जा रही है.बताते चलें की मधेपुरा के नवटोल गाँव से लड़की की विदाई कराके ला रहे ये सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं जो बैजनाथपुर ओ.पी के उटेसरा अपने गाँव लौट रहे थे की यह हादसा हो गया.
जख्मी संगीता
टेम्पो हादसे में दुनिया को असमय अलविदा कह गए सदानंद ठाकुर की लाश सदर अस्पताल की सीढ़ी पर पड़ी हुयी है.सदानंद अपनी भतीजी संगीता की विदाई उसकी ससुराल मधेपुरा के नवटोल गाँव से  कराके वापिस टेम्पो से अपने गाँव उटेसरा लौट रहे थे की अचानक टेम्पो सवैला के समीप पलट गयी जिसमें सदानंद ने तो मौके पर ही दम तोड़ दिया वहीँ भतीजी संगीता सहित तीन लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए.
देखिये संगीता को ऑपरेशन थियेटर में किस तरह से उपचार किया जा रहा है.यहीं पर संगीता के एक और चाचा रामानंद का भी उपचार किया जा रहा है.इस हादसे में संगीता के छोटे भाई दीपक को भी गंभीर चोट आई है.फिलहाल सभी जख्मियों का सदर अस्पताल में इलाज किया जा रहा है.जख्मियों में संगीता की हालत नाजुक है.
-छोटी से लेकर बड़ी गाड़ियों की रफ़्तार असमय लोगों को लीलती चली जा रही है लेकिन रफ़्तार का यह कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है.इस साल अभीतक सड़क दुर्घटना में नौ लोगों की जान जा चुकी है लेकिन इससे ये रफ़्तार के सौदागर सबक लेने को कहीं से भी तैयार नहीं दिख रहे हैं.रब जाने मौत का यह अंतहीन सिलसिला कब थमेगा. 

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।