जुलाई 19, 2016

कह गया अलविदा, युवा कलम का सिपाही

स्याही से जो रंग उकेरे थे, छोड़ गए आधे--अधूरे 
नहीं रहे सुदीप .....  
सहरसा टाईम्स --- 
वह युवा था,खूबसूरत, बहादुर और लेखनी का जादूगर भी था ।अपनी लेखनी के हुनर और जौहर से खबरों में जान डालना उस शगल था ।युवा पाठकों के दिलों पर वह राज करता था ।जी हम बात कर रहे हैं  दैनिक जागरण ग्रुप पटना के आई नेक्स्ट के सीनियर पत्रकार सुदीप सिन्हा की जो अब हम सबों के बीच नही रहे । सहरसा के कायस्थ टोला निवासी गोपाल कृष्ण सिन्हा के पुत्र सुदीप सिन्हा (35 वर्ष ) का निधन सोमवार को पटना में ईलाज के दौरान हो गया । प्राप्त जानकारी के अनुसार युवा पत्रकार सुदीप कई वर्षो से डायबिटीज के मरीज थे ।गत दिनों अत्यधिक बीमार पड़ने के बाद इन्हें पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था,जहां वे सोमवार को इस दुनिया को अलविदा कह गए ।
जानकारी के अनुसार सुदीप सिन्हा का बचपन सहरसा जिला मुख्यालय के न्यू कॉलोनी में ही बीता ।उस वक़्त सुदीप सिन्हा के पिता गोपाल कृष्ण सिन्हा कमिश्नरी ऑफिस में कार्यरत थे ।बाद में सेवानिवृत के बाद कायस्थ टोला में सेवानिवृत पिता ने अपना घर बना लिया और सभी वहीँ रहने लगे ।तीन भाई--बहन में सुदीप मंझले थे और सभी को बेहद प्यारे थे ।सुदीप बचपन से ही निडर,मिलनसार और काफी तेज तर्रार थे ।पत्रकारिता में अभी उन्हें कई सीढियां चढ़नी थी ।कई अनोखे और ऐतिहासिक काम करने थे ।लेकिन उनके तमाम हौसलों को ब्रेक लग गया और एक सितारा झटके में हम सभी को छोड़ गया ।
युवा तेजतर्रार इस पत्रकार की असमायिक निधन से पूरा इलाका मर्माहत है ।इलाके के पत्रकारों ने शोक व्यक्त करते हुए दिवंगत पत्रकार की आत्मा की शान्ति के साथ--साथ इस दुःख को सहने की अकूत ताकत उनके परिजनों को मिले,इसकी कामना ईश्वर से की है ।

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।