जुलाई 28, 2016

सहरसा में अपराधियों का नंगा नाच, डॉक्टर की गाड़ी पर बरसाई गोली

 बाल--बाल बचे डॉक्टर ब्रजेश ............
पीड़ित डॉक्टर से अपराधियों ने पहले ही मांगी है 25 लाख की रंगदारी
सुशासन में धरती के भगवान् पर आफत............
मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट ------ 
महिला कॉलेज के समीप डॉक्टर ब्रजेश कुमार सिंह की गाड़ी पर अपराधियों ने गोलीबारी की । इस गोलीबारी में डॉक्टर ब्रजेश बाल--बाल बचे। घटना मंगलवार की रात साढ़े नौ बजे के बाद की है। गोलीबारी को पहले डॉक्टर सहित गाड़ी पर सवार अन्य लोगों ने किसी गाड़ी का टायर फटना समझा और रात में इस बात को लेकर कोई गंभीर नहीं हुआ । आज दिन में डॉक्टर ब्रजेश जब नया बाजार स्थित क्लीनिक के लिए अपने घर से रवाना हो रहे थे, तो ड्राईवर ने उस समय गाड़ी में छेद दिखाया । छेद से पहले डॉक्टर ब्रजेश कुछ नहीं समझे ? लेकिन ड्राईवर ने गोली से छेद होने की आशंका जाहिर की । फिर डॉक्टर ब्रजेश का दिमाग ठनका और वे अपने डॉक्टर मित्रों को फोन करते चले गए ।बहुत सारे दोस्त घर पर आये और यह बात साफ़ हो गयी की बीती रात किसी गाड़ी का टायर नहीं फटा था बल्कि उनपर जानलेवा हमला हुआ था ।
कल दोपहर में डॉक्टर का एक प्रतिनिधिमण्डल एसपी अश्वनी कुमार से प्राण रक्षा की गुहार लगाने के लिए पहुंचा ।एसपी ने इस घटना को बेहद गंभीरता से लेते हुए इस घटना का त्वरित गति से अनुसंधान और डॉक्टर की बेहतर सुरक्षा का तत्काल डॉक्टर्स के प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया ।इस घटना से इलाके के सभी डॉक्टर्स बेहद दहशत में और डरे--सहमे हुए हैं ।
बीते कुछ महीनों की बात करें तो, अपराधियों ने सहरसा के ख्यातिलब्ध डॉक्टर आई.डी.सिंह से एक करोड़, डॉक्टर ब्रजेश कुमार सिंह से बीस लाख, डॉक्टर ललन कुमार से दस लाख, कोसी पैथोलॉजी से दस लाख, डॉक्टर सिद्दार्थ से पांच लाख रूपये रंगदारी की मांग की है । यही नहीं डॉक्टर गणेश यादव के अपहरण की कोशिश भी की गयी है ।इसके अलावे ग्रामीण क्षेत्र के कुछ डॉक्टरों से भी रंगदारी की मांग की गयी है ।
जाहिर सी बात है की डॉक्टर समुदाय डरा--सहमा हुआ है ।पुलिस की अबतक की हुयी कार्रवाई इनके खौफ को कम करने में कहीं से भी कामयाब नहीं हो पा रहा है ।मसला बेहद गंभीर और डॉक्टर्स की जान और कमाई पर मंडराते गुंडों की काली नजर को लेकर है ।आखिर डॉक्टर करें तो क्या करें ?और जाएँ तो जाएँ कहाँ ?यहां यह बताना भी बेहद जरुरी है की अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित यहां के डॉक्टर ने कई दिनों तक ना केवल जिलेभर में हड़ताल किया था बल्कि थोक में डॉक्टरों ने जिला प्रशासन से हथियार के लायसेंस भी मांगे थे ।लेकिन डॉक्टर्स को अभीतक हथियार का लायसेंस मुहैया नहीं कराया गया है ।
डॉक्टर ब्रजेश पर हुयी गोलीबारी, यह जाहिर करने के लिए काफी है की ना केवल पुलिस का खौफ अपराधियों के बीच नहीं रहा बल्कि अपराधियों के निशाने पर डॉक्टर्स पूरी तरह से हैं ।अब आगे यह देखना बेहद जरुरी है की इस मामले में पुलिस कितनी गंभीरता सेतफ्तीश करती है और कितनी तेजी से फलाफल सामने लाती है ? वैसे डॉक्टर समुदाय एक बार फिर से हड़ताल पर जा सकते हैं,इसकी पृष्ठभूमि तैयार हो चुकी है।आमलोगों के सामने फिर से एक बड़ी मुसीबत आने वाली है ।आखिर हम अपने पाठकों को यह जरूर कहेंगे की सहरसा पुलिस को अपराध पर लगाम लगाने से ज्यादा धन उगाही की ज्यादा फ़िक्र रहती है ।अपराधियों की धड़--पकड़ की जगह ये पुलिस वाले दूसरे रास्ते से कैसे मोटी रकम आएगी,इसपर ज्यादा माथा--पच्ची कर रहे हैं ।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।