
जानकारी के अनुसार, अपराधी पहले से ही महिला पर घात लगाए बैठे थे। शनिवार की सुबह जब सिमरिया घाट गंगा स्नान करने जाने के लिए पति-पत्नी सवारी ट्रेन से हथिदह स्टेशन उतरे तो अपराधियों ने बोलेरो में दोनों को जबरदस्ती बैठा लिया। बोलेरो में पहले से ही चार लोग बैठे थे। अपराधी महिला के पति को पीटकर बेहोश करने के बाद दो घंटे तक इधर से उधर घुमाते रहे और बारी-बारी से दुष्कर्म करते रहे. सड़क किनारे फेंके गए दंपति की हालत देख एक रिक्शेवाले ने मदद की और उन्हें बड़हिया रेफरल अस्पताल पहुंचाया, जहां महिला के जख्मी पति का प्राथमिक इलाज हो रहा है। (श्रोत दैनिक हिंदुस्तान)
जाहिरतौर से मानव अपनी मानवीयता पूरी तरह से खो चुकी है इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि इस वक्त कोई पत्नी अपने पति के साथ भी सुरक्षित नहीं है. मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं होगा कि हिन्दू समुदाय की महिलाये अब घर से लेकर तीर्थों के स्थल तक सुरक्षित नहीं है.
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