जनवरी 10, 2015

कालाजार मरीजों से पटा शहर का सदर अस्पताल

कृष्ण मोहन सोनी की रिपोर्ट: सरकार ने कालाजार जैसे भयानक बीमारियो से निजात दिलाने को लेकर  कई कारगर योजनाये चला रखी है  मगर अब तक इन बिमारियों पर अबतक  काबू नहीं  पाया जा सका है. इसके लिए स्वास्थ्य  विभाग को कड़े निर्देश  भी दिए गए है और इस  भयानक बीमारियो के लिए एक से एक दवाओ की व्यवस्था भी की गई है, मगर कालाजार की मरीजों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रही है. इन दिनों कालाजार मरीजों से सदर अस्पताल सहरसा पटा हुआ है. अस्पताल में सहरसा जिले के विभिन्न क्षेत्रों  से आये कालाजार मरीज बेहतर इलाज को लेकर पहुंचे है. 
जिला मुख्यालय से सटे करीब ४.७७ किलो मीटर की दुरी पर बसा आरण भेलवा  गाँव निवासी अनिल यादव की ४० वर्षीय पत्नी  रेणु देवी कला जार रोग से ग्रसित है. जिसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उसी तरह सोनवर्षा कचहरी बिशनपुर निवासी कमल किशोर साह की पुत्री १६ वर्षीय स्वीटी कुमारी ,सिमरीबख्तियारपुर तुर्की भटौनी गांव निवासी सत्तो सदा केपुत्र १८ वर्षीय विकास कुमार कहरा  के रामेश्वर सादा  के पुत्र, २४ वर्षीय अनिल सदा सत्तर कटैया, बरहशेर गंडोल मझोळ के निवासी अशोक साह की पुत्री ज्योति कुमारी, पटुआहा के केलु यादव की पत्नी बीणा देवी, बेलवारा बटखोरा टोला के रविन्द्र पासवान के पुत्र विनोद कुमार ,महिषी सहरवा घेमपुर के हरेराम सदा के पुत्र विमलेश कुमार जैसे दर्जनो मरीज है जो कालाजार रोग से ग्रसित है.  जिसे बेहतर इलाज हेतु सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सहरसा का सदर अस्पताल जहाँ  कालाजार रोगियों से पटा हुआ है।  इस जानलेवा बीमारी से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों  में  हड़कंम मचा हुआ है.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।