जनवरी 09, 2015

विरोध का परचम-----



कृष्ण मोहन सोनी की रिपोर्ट: बीते सात जनवरी  की       
रात में हुई व्यवसायी की हत्या के विरोध में आज ना केवल सहरसा बाजार पूरी तरह से बंद रहा बल्कि शहर के एक दर्जन से अधिक जगहों पर आंदोलनकारियों ने जाम लगाकर यातायात को भी पूरी तरह से बाधित कर दिया।दिनभर  आम जीवन अस्त--व्यस्त रहा और लोग हलकान और परेशान रहे.इस आंदोलन में व्यवसायी संघ, एनडीए और सीपीआई मुख्य रूप से शामिल रहे लेकिन ख़ास बात यह थी की जदयू के बागी विधायक नीरज कुमार बबलू मुखर होकर आंदोलन को नेतृत्व दे रहे थे.नीरज कुमार बबलू खुद अपने समर्थकों के साथ मोटरसाईकिल से घूम--घूमकर विभिन्य बाजार की दुकानों को बंद करा रहे थे.इस मौके पर नीरज बबलू सहित अन्य नेताओं ने गिरती कानून व्यवस्था को लेकर जमकर अपनी भड़ास निकाली।
जदयू के बागी विधायक नीरज बबलू कैसे मोटरसाईकिल खुद से चलाते हुए काफिला में बाजार बंद करा रहे थे.शंकर चौक पर एनडीए के नेता--कार्यकर्ता के साथ--साथ व्यवसायी संघ के नेता और सीपीआई के नेता--कार्यकर्ता भी जमा हुए और वहाँ पर जमकर नारेबाजी की.फिर घूम--घूमकर इन्होने बाजार बंद कराया.एनडीए के साथ सीपीआई और जदयू के बागी विधायक नीरज बबलू को एक साथ देखने से कयास लगाया जा सकता है की कोसी इलाके में राजनीति की एक अलग धारा ही बह रही है.कोसी इलाके में बढ़ते अपराध और सात जनवरी को व्यवसायी सुनील कुमार की हत्या से आंदोलित लोगों का आक्रोश दिनभर सड़कों पर उबलता रहा.   
 इस मौके पाकर जदयू के बागी विधायक नीरज बबलू ने कहा की सहरसा में विधि व्यवस्था गिर गयी है. यहां प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं है. इसलिए लगता है की हमलोगों को ही प्रशासन का काम सम्भालना होगा. समाज के लोग आज रोड पर उतरे हैं. शासन--प्रशासन या तो दुरुस्त हो जाए या फिर ये लोग सारा काम आमलोगों को सौंपकर यहां से चले चलें जाएँ. बिहार में जंगल राज पार्ट टू का आगाज हो चुका है और कोसी इलाके में जब से लोकसभा का रिजल्ट आया है तभी से अपराध में बढ़ोतरी शुरू हुयी है. बबलू का सीधा हमला मधेपुरा के राजद सांसद पप्पू यादव पर था. उन्होनें आमलोगों की राय बताते हुए पप्पू को कटघरे में खड़ा किया. 
सहरसा के पूर्व बीजेपी विधायक संजीव कुमार झा का बयान:---
हद का बयान तो सहरसा के पूर्व बीजेपी विधायक संजीव कुमार झा ने दिया. इनका कहना था की जब से पप्पू सांसद बने हैं,तभी से अपराध बढ़ा है.जो अपराधी,अपराध छोड़कर ट्रैक्टर चलाने लगे थे,वे फिर से अपराध करने लगे हैं.इनकी मानें तो जिसका अपराध से जन्म हुआ हो और फिर वह सांसद बना हो तो वह अपराधी का सरगना है.तमाम अपराधी उसके साथ हैं.इसी तरह का कुछ तल्ख़ बयान वर्तमान बीजेपी विधायक आलोक रंजन ने भी दिया.

1 टिप्पणी:

  1. Riding bike without helmet..Itself shows the insensitivity of so called JUNTA KE PRATINIDHI.. People think its normal to ride like this .. and others along seems to be enjoying this without any responsibility.. and Jaming roads and Troubling AAM JUNTA is never a solution

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।