जनवरी 11, 2015

सदर अस्पताल की कुव्यवस्था आखिर कब तक

कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट:- कोसी का पी.एम.सी.एच. कहा जाने वाला सहरसा का सदर अस्पताल इनदिनों भगवान भरोसे  चल रहा है. सरकार के स्वास्थ्य विभाग भले हीं दावा करे,मगर अस्पताल के विभिन्न वार्डो में जाने के बाद वहाँ गंदगियों व बदबुओं से ठहर पाना मुश्किल भरा रहता है.अस्पताल के अंदर जहाँ गंदगियों  का अम्बार रहता है वही बदबुओं से मरीज परेशान रहते हैं.सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर करोड़ों रुपये खर्च करती है मगर सहरसा के सदर अस्पताल में पूरी व्यवस्था बदहाल है.अस्पताल परिसर व वार्डो में मरीजों के लिए शौचालय की व्यवस्था की गई है लेकिन कहीं कोई शौचालय ठीक नही है जिससे मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना  करना परता है. सदर अस्पताल के वार्डो में शौचालय काफी  जर्जर है.किसी में खिड़की तो किसी में गेट नहीं है आखिर मरीज शौच के लिए जाएँ तो  जाएँ कहाँ,यह एक बड़ी समस्या बनी हुई है. 
सबसे ख़ास व \दुःखद बात यह है की महिला मरीजों के लिए बनाये गए शौचालय का भी हाल वही है. अपने लोकलाज को बचाने की खातिर महिला मरीजों को नाक और मुँह पर कपड़े रख कर और शर्म से सर को झुका लेना पड़ता है.जाहिर तौर पर इसका मुख्य कारण शौचालय के गेट व खिड़की टूटा हुआ होना है. इस दिशा में सहरसा स्वास्थ्य विभाग कोई ठोस  पहल नहीं  कर पा रहा है. अस्पताल आये कुछ महिला व पुरुष मरीजों के परिजनों ने अस्पताल की इस बदहाल व्यवस्था को देख विभागीय अधिकारियों को जिम्मेबार बताया.मरीज के परिजनों ने बताया की वे इलाज कराने मरीजों के साथ आये थे. मगर यहाँ तो मरीज के साथ आये अन्य लोग भी बीमार पड़ जाएंगे.परिजन  सुकनी देवी,रमेश यादव,रणधीर सिंह,आशा देवी, रेणु  देवी ,अनिल कुमार, आदि ने अस्पताल की बदहाल व्यवस्था, पर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा की यह कोसी का पी.एम.सी.एच. सहरसा का सदर अस्पताल भगवान भरोसे है. काश!स्वास्थ्य विभाग इस कुव्यवस्था पर गंभीर हो तो व्यवस्था को ठीक किया जा सकता है और यहां आने वाले सभी  मरीजों को कम से कम शौच जैसी बड़ी समस्या से निजात तो मिल ही जायेगी.  

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