दो स्कूल के बच्चों ने एक साथ मिलकर जिला
समाहरणालय पर किया हंगामा
रिपोर्ट
सहरसा टाईम्स: बीते दोपहर बाद
करीब एक बजे पोशाक राशि और छात्रवृति नहीं मिलने से बौखलाए दो स्कूल के
मासूम बच्चों ने एक साथ मिलकर जिला समाहरणालय पर जमकर हंगामा
किया।समाहरणालय गेट पर बच्चे और बच्चियों का सैलाब उमड़ा था जिसने यहाँ पर
घंटों न केवल बबाल काटे बल्कि स्कूल के हेडमास्टर और कुछ अन्य शिक्षकों पर
स्कूल में बच्चों को पढ़ाने की जगह शराब पीने का गंभीर आरोप भी लगाया।शिक्षा
के मंदिर में गबन और अन्य कल्याणकारी योजनाओं में लूट की बात तो अब पुरानी
बात हो गयी है लेकिन भविष्य संवारने वाले इस मंदिर में गुरुजनों
द्वारा मदिरा---शराब पिए जाने की बात ने रूह तक को सिहरा कर रख दिया
है।हांलांकि प्रशासन के वरीय अधिकारी ने सहरसा टाईम्स को इस पुरे मामले की
जांच कर उचित कारवाई का भरोसा दिलाया है।


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ए.डी.एम सतीश चन्द्र झा |
इस पुरे मामले को लेकर हमने पहले सहरसा के डी.एम मिसबाह बारी से
जबाब--तलब करना चाहा लेकिन वे किसी काम की वजह से जिला के किसी ग्रामीण
क्षेत्र में थे। ऐसे में हमने ए.डी.एम सतीश चन्द्र झा से जबाब--तलब
किया।पोशाक और छात्रवृति को लेकर इनका कहना था की सरकार के द्वारा
स्कूल में बच्चों को 75 प्रतिशत उपस्थिति के बाद ही अब इस योजना का लाभ मिल
सकेगा।अब जिन बच्चों ने स्कूल में आवश्यक उपस्थिति दर्ज नहीं कराई
है,उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। इनकी नजर में ये हंगामा वही
बच्चे कर रहे हैं।हमारे द्वारा यह पूछे जाने पर की बच्चे अपने गुरु पर
स्कूल में शराब पीने का अति गंभीर आरोप लगा रहे हैं के जबाब में इन्होनें
कहा की जिला से लेकर प्रखंड तक कई बड़े अधिकारियों का सप्ताह के अलग--अलग
दिन जनता दरबार लगता है।ऐसी शिकायत अभीतक वहाँ नहीं पहुंची थी।अब मुझसे
उन्हें जानकारी मिली है तो वे इसकी जांच अनुमंडल अधिकारी से करवाएंगे।एक
बजे दिन से हंगामा चार बजे शाम तक समाहरणालय पर बदस्तूर चलता रहा।
बिहार के अन्य जिलों
की तरह सहरसा जिले में भी बच्चों की पोशाक और छात्रवृति योजना स्कूल में
बच्चों की 75 प्रतिशत उपस्थिति के नए नियम की वजह से शिक्षा विभाग से लेकर
पुलिस---प्रशासन के अधिकारियों के गले की फांस बनती जा रही है।यहाँ पर यह
माजरा तो है ही।इससे इतर गुरुजनों के द्वारा रोजाना स्कूल में बैठकर
मदिरापान करने की बात ने अलग से एक नयी और बड़ी मुसीबत को सामने लाकर खड़ा कर
दिया है।आगे देखना दिलचस्प होगा की इस पुरे मामले में आलाधिकारी किस तरह
से संज्ञान लेकर जांच और कारवाई करते हैं।
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