मार्च 04, 2017

ईटीवी पत्रकार से जदयू नेता ने की थी मारपीट हुई गिरफ्तारी....


पत्रकारों की लड़ाई में ABPSS की पहल ने रचा इतिहास
जदयू नेता दिनेश सिंह पटना से गिरफ्तार

सहरसा टाईम्स ने इस खबर को प्रमुखता से दिया था तवज्जो
सहरसा टाईम्स का बड़ा इम्पेक्ट
पटना से चन्दन सिंह की खास रिपोर्ट----
सारण में बीते कल शाम में जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश सिंह ने ईटीवी संवाददाता संतोष गुप्ता के साथ मारपीट की थी और उनका कैमरा और बूम माईक छीन लिया था। इसको लेकर ABPSS ने जोरदार तरीके से अपना ना केवल विरोध दर्ज कराया था बल्कि ABPSS के शीर्ष ओहदेदारों ने जदयू के वरीय नेताओं के अलावे राज्य के डीजीपी पर लगातार दबाब भी बनाये रखा था।
जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश सिंह गिरफ्तार
 हांलांकि यहां यह उल्लेख करना बेहद जरुरी है की इस लड़ाई में सारण जिला पत्रकार संघ और श्रमजीवी पत्रकार संघ से जुड़े पत्रकारों ने भी जमकर अपनी भागीदारी दी। 
ABPSS की पहल के बाद अन्य पत्रकार संगठन में भी नयी ऊर्जा का संचार हुआ ।खासकर के ABPSS के राष्ट्रीय सचिव मुकेश कुमार सिंह जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव,जदयू के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव के.सी.त्यागी सहित राज्य के कई नेता और मंत्री के ना केवल लगातार संपर्क में थे बल्कि दबंग नेता दिनेश सिंह की गिरफ्तारी हो इसकी जिद पर भी अड़े थे ।
ईटीवी संवाददाता संतोष गुप्ता
ABPSS के बिहार प्रदेश अध्यक्ष विनोद पांडेय लगातार इस मुहीम में मुकेश कुमार सिंह के साथ थे ।यही नहीं ABPSS के सारण जिलाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह,सारण प्रमण्डल अध्यक्ष डॉक्टर विद्या भूषण श्रीवास्तव और ABPSS के ही धीरज पाठक ने स्थानीय स्तर पर एसपी सहित अन्य अधिकारियों पर दबाब बनाये रखा था ।तमाम गतिविधि का फलाफल आखिरकार बेहद सुखद निकला और जदयू नेता दिनेश सिंह की आज शाम पटना से गिरफ्तारी हो ही गयी ।
पत्रकारों के साथ जुल्म और ज्यादती की इंतहा के बीच जदयू नेता दिनेश सिंह की गिरफ्तारी निसंदेह पत्रकार एकता का प्रतिफल है ।बातचीत के दौरान ABPSS के राष्ट्रीय सचिव मुकेश कुमार सिंह ने बताया की उन्हें जदयू के वरिष्ठ नेताओं और राज्य के डीजीपी के द्वारा आरोपी जदयू नेता की गिरफ्तारी का आस्वासन मिला था ।इन्होंने अपने भरोसे को अमली जामा पहनाया ।श्री सिंह ने सभी नेताओं और अधिकारियों धन्यवाद देते हुए कहा की अब पत्रकारों पर हाथ डालने की कोई जुर्रत ना करे,वर्ना देशव्यापी आंदोलन से सभी को उनकी औकात समझायी जायेगी ।
सहरसा टाईम्स इस खबर को करीने से परोसकर पत्रकार हित का अलग से साझीदार बना ।सहरसा टाईम्स का भी एकमात्र मकसद है की पत्रकार हित के साथ--साथ आमलोगों का भला हो ।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।