फ़रवरी 10, 2017


हौसलों की उड़ान ने लिखी नयी ईबारत.....

पहले झटके में ही सागर ने रचा इतिहास......
असिस्टेंट कमांडेंट की परीक्षा में देश भर में आया प्रथम.........
मुकेश कुमार सिंह की कलम से-----कहते हैं की हौसला और जुनून हो तो पहाड़ खोदकर भी दूध की दरिया बहाई जा सकती है । जिसने सपने देखकर,उसे शक्ल देने के लिए खुद को झोंका,सफलता उसके कदम चूमती है । बेहतर भविष्य की ख्वाहिश लिए जब युवा कदमताल करते हैं, तो उनकी पहली पसंद होती है की संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में उन्हें सफलता मिले । 
जाहिर तौर पर बेहतर कैरियर के लिए युवा बड़ी संख्यां में संघ लोक सेवा की परीक्षा में शामिल होते हैं ।लेकिन कामयाबी उन्हीं बन्दों को मिलती है,जिन्होंने अपनी लगन और मिहनत में ईमानदारी बरती हो ।सही मायने में जो इस पद के काबिल होते हैं,सेहरा उन्हीं के सर बंधता है ।देश की इस सम्मानित परीक्षा में शामिल छात्र--छात्राओं की नजर परीक्षाफल पर टिकी रहती है । परीक्षा देकर सभी प्रतिभागी रिजल्ट का बेसब्री इन्तजार करते हैं की सफल प्रतिभागी में कौन--कौन शामिल हैं ।यही नहीं देश के विभिन्य हिस्सों के लोगों को भी इस परीक्षा के परिणाम का इन्तजार रहता है ।जाहिर सी बात है की सफल प्रतिभागी से क्षेत्र और सूबे का भी नाम होता है ।
कोसी के बेहद पिछड़े इलाके से एक युवा ने अपनी लगन,मेहनत,समर्पण और अपने कौशल के दम से सफलता हासिल की है ।
UPSC द्वारा आयोजित असिस्टेंट कमान्डेंट की परीक्षा में सहरसा का 21 वर्षीय सागर कुमार झा ने पहली बार में ही ना केवल सफलता हासिल की है बल्कि सागर को देश भर में पहला स्थान मिला है ।सागर मूल रूप से सहरसा के चैनपुर गाँव का रहने वाला है ।उनकी इस सफलता पर सहरसा जिले के चैनपुर गांव में जहां खुशी का लहर दौड़ गयी है वहीं कोसी सहित पुरे सूबे का मान बढ़ा है । जाहिर तौर पर मौक़ा बेहद खास और अनमोल है । इलाके के लोगों के द्वारा सागर के परिजनों को बधाई दर बधाई दी जा रही है ।
सागर का पारिवारिक इतिहास
सागर कुमार झा चैनपुर के पूर्व मुखिया सोहन झा के पोते और मिहिर कुमार झा के पुत्र हैं ।सागर के पिता मिहिर कुमार झा झाड़खंड के पाकुड़ में कोआपरेटिव एक्स्टेन्शन ऑफिसर हैं ।सागर की माँ सविता देवी गृहिणी हैं ।फिलवक्त सागर का परिवार रांची के डोरंडो की मजिस्ट्रेट कॉलोनी में रह रहा है ।मूलतः सहरसा के चैनपुर के रहने वाले मिहिर कुमार झा के पिता लगातार 35 वर्षों तक चैनपुर के मुखिया रह चुके हैं ।कोआपरेटिव एक्स्टेन्शन ऑफिसर सागर के पिता एवं सागर के दादा चैनपुर के पूर्व मुखिया सोहन झा उर्फ़ चन्द्र मोहन झा अपने पोते की इस सफलता पर काफी खुश हैं और ग्रामीणों के बीच मिठाई बाँट रहे हैं । सोहन झा कहते हैं की उनका जीवन आज सफल हो गया ।उनका पोता अब देश के काम आएगा ।
सागर की शिक्षा
सागर के पिता मिहिर कुमार झा ने मोबाइल पर हुयी बातचीत के दौरान बताया की सागर शुरू से ही मेधावी रहा है और शुरूआती कक्षाओं में सदैव अव्वल आता रहा है ।उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सागर 10 वीं की परीक्षा में भी पुरे देश में तीसरे स्थान पर रहा था ।DPS रांची से 12 वीं परीक्षा में सागर ने 97 प्रतिशत अंक लाकर झाड़खंड का टॉपर बना था ।पहली बार में ही उसने IIT प्रवेश परीक्षा निकालते हुए वर्ष 2016 में IIT बीएचयू से कंप्यूटर साइन्स से करने के बाद सैमसंग बेंगलुरु में चार माह की नौकरी भी की ।लेकिन सागर के भीतर में कुछ और ही चल रहा था ।सागर अपने बड़े भाई के साथ दिल्ली में रहकर सिविल सेवा की तैयारी कर रहे थे ।उनकी मिहनत रंग लायी और आज वे असिस्टेंट कमांडेंट की परीक्षा में देश के टॉपर बने ।
सागर के चाचा शैलेन्द्र कुमार मिश्रा,जो अभी सुपौल जिले के छातापुर थानाध्यक्ष हैं,अपने भतीजे की सफलता से बेहद खुश हैं ।उनका कहना है की वे भी बड़ा अफसर बनना चाहते थे लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था ।लेकिन उनके भतीजे की इस कामयाबी ने उनके अंदर के दुःख को एक झटके में ना केवल खत्म कर दिया है बल्कि खुशियों से उन्हें तर कर दिया है ।
सागर की इस कामयाबी पर पूव सहरसा भाजपा विधायक संजीव कुमार झा, डॉक्टर आलोक रंजन, वर्तमान छातापुर भाजपा विधायक नीरज कुमार बबलू, विधान पार्षद नूतन सिंह, सहरसा जेल में बन्द पूर्व सांसद आनंद मोहन,पूर्व सांसद लवली आनंद,महिषी राजद विधायक डॉक्टर अब्दुल गफूर,सहरसा के राजद विधायक अरुण कुमार यादव,सिमरी बख्तियारपुर के राजद विधायक सह पूर्व सांसद दिनेश चन्द्र यादव,मधेपुरा के राजद विधायक सह आपदा मंत्री चंद्रशेखर यादव और कोसी के दुलारे मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव ने सागर की इस कामयाबी को कोसी का गौरव बताया है और सागर सहित उनके परिजनों को इस सफलता की मुश्ते बधाई दी है ।गौरतलब है की सफलता बड़ी है,इसलिए बधाई देने वालों की संख्यां में लगातार इजाफा हो रहा है ।सागर को हम भी तहे दिल से ना केवल बधाई देते हैं बल्कि सागर की सफलता का फलक और बड़ा हो,इसकी अंतरतम से दुआ भी देते हैं ।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।