
किन्तु विभागीय उदासीनता और स्थानीय लोगो की लापरवाही के कारण यहाँ रोगियो का तो इलाज नही हो पाया किन्तु ये उपस्वास्थ केंद्र आज खुद एक रोगी बन बैठा है. जाहिरतौर से सरकारी व्यवस्था की हालत किसी से छुपी नहीं हुई है. सरकारी हर तंत्र विफल है इसमें यदि समाज की भागीदारी नहीं हुई तो सरकारी सभी सिस्टम का यही हाल होगा जो आज इस उपस्वास्थ केंद्र का है.
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