मई 26, 2016

प्राइवेट स्कूल की कुव्यवस्था की एक नंगी तस्वीर .......


विद्यालय को "शिक्षा का मन्दिर" कहा जाता है, लेकिन आज आप लोगो के सामने एक ऐसी तस्वीर को बानगी बना कर पेश रहा हूँ जो प्राइवेट स्कूलों कि विधि-व्य्वस्था की पोल खोलने के लिए काफी है.
तस्वीर में जो स्कूल वाहन दिख रहा है वो दार्जिलिंग पब्लिक स्कूल का है. स्कूल से छुट्टी होने पर बच्चें घर रवाना होने के लिए स्कूल बस पे बैठ गये, लेकिन शंकर चौक पँहुचने पर स्कूल बस का इंधन समाप्त हो गया. इसके बाद इन्तेहा का आलम तब हुआ जब स्कूल बस के ड्राइवर स्कूली बच्चों से बस को धक्का दे कर साईड करवाने को कहा और चिलचिलाती धुप में कुछ बच्चो ने बस को धक्का देने में लग गए. 
जिस पर स्थानीय लोगो ने ड्राइवर को जम कर डाट--फटकार लगाया और कहाँ स्कूल प्रबंधक को फोन करने को कहा. अभिवाभक बड़े उम्मीद से अपने बच्चों को स्कूल भेजते है कि बच्चे का भविष्य संवरेगा, परन्तु यहाँ तो पूरा इंतेजामात भविष्य से खेलवार का है.
आगे बताना लाजमी होगा की प्राइवेट स्कूलों की सच ये है की सरकार के द्वारा बनाये गये नियमावली (शिक्षा का अधिकार अधिनयम,बिल 2009)में 25% बी० पी० एल० परिवार  बच्चों को मुफ्त पढ़ाई हो या स्कूल का निबंधन अधिकांश स्कूल इस सच से गुरेज करते है. कहे तो अपना सिस्टम ही इनका सब कुछ है.
आखिर कब--तक सच्चाई पे पर्दा गिरा रहेगा. लगातार सहरसा टाईम्स बेबाक और धार--धार रिपोर्टिंग से हर मजलूमों को उसका वाजिब हक दिलावाने का पुरजोर कोशिश करता है और करता रहेगा । 
जाहिरतौर से आज स्कूल प्रबंधक के लापरवाही से जो स्कूली बच्चों के द्वारा सड़क पे हरकत कराया गया वो बड़ी घटना को भी आमंत्रण दे सकता था. साथ ही इनके घर--आँगन को मातमी माहौल में बदलने में भी वक़्त नहीं लगता लेकिन किसी ने सही ही कहा है "जिसका कोई नहीं उसका खुदा है,यारों". खुदा अब तू ही सारे आलम के लोगों को सही सोच से नवाज ।  

2 टिप्‍पणियां:

  1. बेनामीमई 28, 2016 6:48 pm

    SAD....IT SHOULD NOT HAPPEN AS SUCH....BUT ...YOU MEDIA PEOPLE ...SCHOOL KI TAAREEF KARNE KE BAJAYE........BURAEE KARNE KE LIYE BHI APNA PROFILE CHAMKATE HAIN.......AGAR YEH TASWEER BURI HAI... TO ACHCHI TASWEER TO KABHI LAGATE NAHI.....

    BUS BEECH SADAK PAR HAI....AGAR BACHCHON NE DHAKKA DE HI DIYA TO ...JAAM HI HATA ROAD SE....KYA AAPKI GAARI ROAD PAR AISE FAS JAATI ...TO AAP KYA KARTE ...APNE BACHCHON KO BOLTE ...AARAM KARO BETA ...MASOOM HO.... DUNIYA KO DHAKKA LAGANE DO....APNI BAARI PAR AAPKAI KALAM SHAYAD NAHI CHALTI ....THORA PATIENCE RAKHKAR NEWS LIKHA KAREIN....ROJ ROJ AISI DURBHAGYAPURNA GHATNA NAHI HOTI HAI....BUS AAPKO INTZAAR REHTA HAI... AISI HI TASWEERON KA .....GOD BLESS YOU AND YOUR REPORTING STYLE......

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    1. नजरों के कैमरे में कैद हुई तस्वीर या फिर कोई मुद्दा मीडिया के लिए खबर होती है.बात रही तस्वीर पे बहस करने कि तो प्राईवेट या फिर सरकारी स्कूल सरकार के द्वारा बनाये गये नियमावली से चलता है और चलना भी चाहिये।पहले तो सूबे के सभी प्राईवेट या फिर सरकारी स्कूल सिस्टम आवे तभी तो कभी--कभी इनकी अच्छाई की भी बाते की जायेगी।लेकिन यहाँ तो सिस्टम में सौ छेद मौजूद है।

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