जनवरी 08, 2015

गोली मारकर व्यवसायी की हत्या


सहरसा में आतंक राज कायम हो चुका है.यहां की पुलिस काहिल और निक्कमी है जबकि अपराधियों का मंसूबा सातवें आसमान पर है.अपराधी मन--माफिक तरीके से घटना को अंजाम दे रहे हैं और पुलिस महज मामला दर्ज करने का कर्तव्य निभा रही है.ताजा वाकया सदर थाना के पंचवटी इलाके का है जहां बीती रात करीब सवा नौ बजे अज्ञात अपराधियों ने एक युवा व्यवसायी को गोल मार दी.गंभीर स्थिति में जख्मी को ईलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. अपराधियों की गोली से जख्मी हुए युवा व्यवसायी सुनील कुमार गुप्ता अपनी दूकान को बंद करने ही वाले थे की दो मोटरसाईकिल पर सवार चार अज्ञात अपराधी आ धमके.व्यवसायी सुनील गुप्ता कुछ समझ पाते,इससे पहले ही अपराधियों ने उनपर गोली दाग दी और वहाँ से नौ दो ग्यारह हो गए.घर के लोग और स्थानीय लोग मौके पर जबतक आये तबतक सुनील फर्श पर खून से लटपट छटपटा रहा था.आनन--फानन में उसे सदर अस्पताल लाया गए जहां से उसे तुरंत रेफर कर दिया गया.जान बचाने की गरज से लोग जख्मी को लेकर एक निजी नर्सिग होम पहुंचे लेकिन तमाम प्रयास के बाबजूद सुनील की मौत हो गयी.अपराधियों ने लूटपाट अथवा किस नीयत से गोली चलायी है फिलवक्त इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है.
घटना की सूचना मिलते ही मौके पर जदयू के बागी सह निष्कासित विधायक नीरज कुमार बबलू पहुंचे और उन्होने सरकार के साथ--साथ पुलिस को खूब खरी --खोटी सुनाई.नीरज बबलू ने कहा की यह जंगल पार्ट टू का नजारा है.पुलिस--प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है.हर जगह आतंक राज कायम हो रहा है.
पुलिस अधिकारी प्रेम सागर,एसडीपीओ,सदर हर बार की तरह इस बार भी घटना को लेकर जानकारी देने के साथ--साथ जांच के बाद उचित कार्रवाई का भरोसा दिला रहे हैं.अधिकारी अपने जुमले को दुहराते हुए कह रहे हैं की किसी भी सूरत में दोषी बख्से नहीं जाएंगे.  बहरहाल घटना के कारण का खुलासा नहीं हो पा रहा है.लेकिन सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक़ मृत व्यवसायी एक बड़ा कारोबारी था और यह हत्या रंगदारी के लिए की गयी है.वैसे व्यवसायी की दूकान में कुछ लूटपाट किये जाने की भी खबर आ रही है.अब आगे देखना दिलचस्प होगा की पुलिस किस--किस बिंदु को आधार बनाकर आगे की कार्रवाई करती है.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।