जनवरी 06, 2015

पेंटावेलेंट टीकाकरण अभियान का शुभारम्भ 7 जनवरी से

कृष्ण मोहन सोनी की रिपोर्ट :- बच्चों में हिब जैसे जानलेवा बिमारियों को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार ने निःशुल्क पेंटावेलेंट सुई टीकाकरण अभियान चलाई है. अभियान को लेकर स्थानीय समाहरणालय सभागार में संवाददाता सम्मेलन जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित की गई. सम्मेलन में मुख्य रूप से ग्रामीण बच्चो में अधिकांश पाये जाने वाली गोलघोटू, काली खांसी, टिटनेस हेपटाइटिस बी. और हिमेंफिलिस,  इन्फ्लूएंजा टाइप बी से बचाव को लेकर जानकारी दी गई. इस टीकाकरण अभियान से खास कर ग्रामीण क्षेत्रो में गरीब बच्चो के बीच नि :शुल्क पेंटावेलेंट  टीका से बिमारियों से बचाव होगा। अभियान का शुभारम्भ  7  जनवरी 2015  से किया जाएगा।
सिविल सर्जन भोलानाथ झा
 इस मौके पर सिविल सर्जन भोलानाथ झा ने सरकार की इस योजना को जिले के सभी प्रखंडो सामुदायिक व स्वास्थ्य केन्द्रों, उपकेन्द्र एवं  आँगनबाड़ी में नि:शुल्क दिए जाने की बात कही है. उन्होंने कहा की बिमारियों की रोक थाम और बचाव के उपाय को गंभीरता पूर्वक लागू करना है ताकि एक भी बच्चे न छूटे। डॉ संजय सिंह ने विस्तार पूर्वक वेंटावेंलेंट सुई से लाभ की बात कही जिस में  शून्य से एक वर्ष के बच्चो को राज्य सरकार अब मुफ्त में पेंटावेलेंट  टिका लगाएगी। यह टिका सभी जिला के अस्पतालों में उपलब्ध होगा.  जिसमें पांच  घातक रोंगो से बचायेगा। सम्मेलन में कहा गया की यह टिका हिमफिलिस इंफ्लूंइजा टाइप बी से होने वाले गंभीर रोगों जैसे निमोनिया मैनिंजाइटिस ,सेप्टीसेमिया और एपिग्लोटाइटिस आदि की रोक थाम करता है. अब पेंटावेलेंट टिका बच्चे को लगने वाली सुइयों की संख्या कम करेगा अब बच्चों को अलग से  डी पि टी, हेपटाइटिस बी और निमोनिया का टीका नही लगाना पड़ेगा।  इस हिब टीके से निमोनिया के एक तिहाई मामलो की और  मैनिंजाइटिस के 90 प्रतिशत मामलों की रोक थाम हो सकती है.  इस मौके पर डॉ यु.सी. मिश्रा, डी.पी.एम, डी.पी.आर.ओ. सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.
हिब के बारे में मुख्य सन्देश :------१. हर वर्ष विश्व भर में हिब रोग ५ वर्ष से कम आयु के 370000 बच्चों की मृत्यु का  कारण बनता है. इनमे से  लगभग 20 % बच्चे भारत के होते है. २- हिब रोग के पश्चात जीवित अधिकतर बच्चों में दीर्घकालीन प्रभाव रह जाते है. जैसे लकबा, बहरापन हो जाना या मस्तिष्क छतिग्रस्त हो जाना।३- हिब टीके  से निमोनिया के एक तिहाई मामलों की और हिब मैनिंजाइटिस के 90 % की रोकथाम हो सकती है.  

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