जेल में बन्द पूर्व सांसद आनंद मोहन ने उनपर लगाए थे गंभीर आरोप ..
तबादले से आनंद मोहन के समर्थकों में दौड़ी खुशी की लहर.......
बीते एक महीने से जेल का वातावरण था अशांत ........
तबादले से आनंद मोहन के समर्थकों में दौड़ी खुशी की लहर.......
बीते एक महीने से जेल का वातावरण था अशांत ........
मुकेश कुमार सिंह की दो टूक---
आखिरकार सहरसा मण्डल कारा के अधीक्षक नप ही गए । उन्हें सरकार सासाराम जेल
अधीक्षक बनाकर सहरसा से चलता किया है। बताना लाजिमी है की सहरसा जेल में
बन्द पूर्व सांसद आनंद मोहन ने उनपर अपनी ह्त्या करवाने की साजिश का ना
केवल गंभीर आरोप लगाया था बल्कि एक सप्ताह तक ढ़ाई सौ से ज्यादा बंदियों के
साथ मिलकर भूख हड़ताल भी की थी । बाद में सरकार इस मसले पर गंभीर हुयी थी और
राज्य मुख्यालय से जेल के दो बड़े अधिकारी सहरसा जेल पहुंचकर पूर्व सांसद की
भूख हड़ताल को खत्म कराया था ।

जेल अधीक्षक के तबादले से आनंद मोहन के समर्थकों के बीच ख़ुशी की लहर दौड़
गयी है ।
फ्रेंड्स ऑफ आनंद के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव सह हम के प्रदेश
युवा महासचिव राजन आनंद ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है ।राजन आनंद
ने कहा की एक महीने के भीतर जेल के अंदर चार बार पगली घंटी बजाकर आतातायी
जेल अधीक्षक संजीव कुमार ने निरीह बन्दियों की भरपूर पिटाई की थी ।इस
काराधीक्षक से पूर्व सांसद आनंद मोहन की जान को ख़तरा था ।जेल में खूंखार
बंदी आपस में गुटबाजी करते थे जिसका काराधीक्षक विरोध करने की जगह हौसला
आफजाई करते थे ।श्री राजन ने कहा की पूर्व सांसद आनंद मोहन की सजा अब पूरी होने वाली है ।अब वे जेल से बाहर निकलेंगे ।जेल में बंद कुछ खूंखार अपराधी इसका नाजायज फायदा उठाना चाहते हैं ।जेल की पूरी स्थिति से सरकार और महामहिम राज्यपाल को अवगत करा दिया गया है ।इस तबादले का जो भी मायने हो,लेकिन हम यह ताल ठोंककर कहते हैं की जेल के भीतर की स्थिति अभी भी सामान्य नहीं है ।जेल अधिकारी के साथ--साथ पुलिस और प्रशासन के अधिकारी को भी जेल पर नजर रखनी होगी ।
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