जनवरी 26, 2017

जरूरतमंदों के बीच कम्बल वितरण.....

कृष्ण मोहन सोनी की रिपोर्ट-  हमारे देश में दो तरह के लोग बसते हैं एक सत्ता  सम्पन्न धनिकों का तो दुसरा सर्वहारा गरीबो का ऐसी परिस्थिति में गरीबों की अधिकार पर भी बड़े लोग ही काबिज हो जाते थे और गरीब एवं जरूरतमंद अपने अधिकारो से बंचित हो जाते थे ।यही कारण है की आज भी कुछ ऐसे लोग है जिसके कारण हमारे समाज में जरूरतमंद लोग समाज के मुख्य धारा से अलग थलग है और उन्हें सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओ से बंचित होना पर जाता है. 
जबकि हमारे देश की संबिधान में सबको अधिकार दिए गए हैं ऐसे लोगों के लिए सरकार की भी कई योजनाए भी चल रही  है बाबजूद आज भी सरकार की  योजनाए गरीबो तक सही सही नही पहुंच पाती है । 
इसके लिए मानवाधिकार आयोग भी सख्त कानून के तहत  जरूरत मंदों के लिए गम्भीरता से लिये  है । आयोग के लिए मानव अधिकारों की लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं तक जरूरत मंदों की अधिकार को देने के लिए सुरक्षा उतना  महत्वपूर्ण हो गया है जितना की प्रजातंत्र की सुरक्षा एक ऐसा प्रजातंत्र जो प्रत्येक नागरिकों के हित का ध्यान रखता है 
सहरसा में ऐसे जरूरतमंदों बेबस व लाचारों को जीने का अधिकार,भोजन पानी,आवास,सरकारी योजनाओं व न्याय दिलाने का अधिकार को दिलाने के लिए भारतीय आम जनता मानव अधिकार संगठन सह भारतीय मजदुर अधिकार संगठन के कार्यकर्ताओं ने ऐसे जरूरतमंदों के बीच कम्बल बितरण किया इस बितरण समारोह में विभिन्न  जिले से संगठन के अधिकारियों ने भी शिरकत की संगठन के द्धारा  सहरसा जिले के नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड न० 27 में जरूरतमंदों के बीच कम्बल का वितरण किया गया । 
कम्बल वितरण समारोह का विधिवत उद्धघाटन संगठन के राष्ट्रीय मजदुर संगठन अध्यक्ष अनिल महा सेठ,महिला जिला अध्यक्ष संजना देवी तांती,संगठन जिला अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह,संगठन उप सचिव सनोज कुमार,मधेपुरा से आये मो० परवेज,अंकित कुमार सोनी ने संयुक्त रूप से दीप प्रजवलित कर किया।  मंच संचालन शेखर कुमार रॉय ने की ।इस मौके पर विभिन्न वार्डो के सैकड़ों महिला व पुरुष जरूरतमंदों समारोह में भाग लिया । सबसे दिलचस्प तो यह रहा की इस समारोह में सहरसा जिला पदाधिकारी , अनुमंडल पदाधिकारी व नगर परिषद के कार्यपालक महोदय को आमन्त्रित किया गया था और उनकी स्वीकृति भी मिली थी लेकिन इन जरूरतमंदों के बीच कम्बल बितरण में नही आ सके जबकि इन पदाधिकारियों का इन्तजार भी घण्टो की गयी पदाधिकारियों के हाथ गरीबों को कम्बल बितरण करना था पदाधिकारियों के नही  आने से  लोगों में नाराजगी भी देखने को मिला ।       

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।