प्रेम में अपनों से साजिश.....
एमडी कर रही छात्रा ने प्रेमी के साथ मिलकर रची अपहरण की गहरी साजिश........
रिहाई के बदले पहले एक करोड़,फिर 70 लाख की मांगी फिरौती....
अपराधियों की जगह स्वार्थ में,खुद दे रहे अपराध को अंजाम......
पुलिस की जितनी भी तारीफ की जाए कम है.......

आपको जानकार बेहद हैरानी होगी की शाश्वती का प्रेमी दिल्ली के एक नामी अस्पताल में डॉक्टर है ।उसका नाम केतन आनंद है ।घटना के दिन वह दिल्ली से भागलपुर आकर कचहरी चौक के राजहंस होटल में ठहरा हुआ था ।
आखिर कैसे हुआ साजिश का खुलासा ?
पुलिस अधिकारियों की माने तो मोबाइल के लोकेशन ने इस पूरे प्रकरण को उजागर करने में मुख्य भूमिका निभायी ।पुलिस ने अपनी जांच को जैसे ही आगे बढ़ाया तो पाया की शाश्वती के मोबाइल लोकेशन भागलपुर और पटना के बीच कई स्थानों पर मिले ।इतना ही नहीं उसके व्हाट्सएप एकाउंट का टुडे लास्ट सीन का विवरण भी शुक्रवार शाम का दिखा रहा था । गौरतलब है की अपहृता के परिजनों ने बताया था कि उन्होंने उसी शाम शाश्वती को अपने मामा के लड़के के साथ भागलपुर के पुलिस लाईन के पास रिक्शे से जाते हुए देखा था ।शाश्वती के परिजनों द्वारा दी गयी इस सूचना के बाद पुलिस ने अपने तरीके से जांच शुरू की ।जांच में यह साफ हो गया कि मामला प्रेम प्रसंग और झूठी अपरहण की साजिश से जुडी हुयी है ।पुलिस ने शाश्वती के प्रेमी डॉ. केतन को होटल से अपने कब्जे में ले लिया और जब उनसे सख्ती से पूछताछ की गयी तो पूरा मामला आईने की तरह साफ हो गया ।
क्या करते है शश्वती के पिता ?
जानकारी के मुताबिक शाश्वती के पिता अजय रॉय भागलपुर में आर्यभट्ट इंस्टिट्यूट चलाते हैं और लॉ कॉलेज में टीचर भी हैं ।मोटे तौर पर आमदनी अच्छी है और बैंक अकाउंट में भी मोटी राशि जमा है ।इस घटना में भागलपुर में आरोपी डॉक्टर के ठहरने के लिये उसके मित्र ने कमरा बुक कराया था ।
अब क्या होगा इनका ?डॉक्टर केतन आनंद और शाश्वती दोनों पुलिस की हिरासत में हैं ।अब इस मामले में पुलिस अधिकारी आगे क्या करते हैं,यह देखना बेहद जरुरी है ।वैसे यह मामला बेहद हाई प्रोफाइल है । सरकार में बने कई लोग और कई अधिकारी अजय रॉय से जुड़े हुए हैं ।इससे यह कह देना की अब अपराधियों की तरह इनके साथ सलूक होगा,यह कतई सम्भव नहीं है ।

लेकिन इस घटना ने इतना तो साफ कर दिया है की '"बाप बड़ो ना भइयो,सबसे बड़ो रूपयिओ" । पैसा हो तो रिश्ता भी अब खरीदा जा सकता है । वैसे रूपये के दम से कुकर्म और भोग-विलास तो होते ही रहते हैं ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
THANKS FOR YOURS COMMENTS.