सितंबर 13, 2016

विभाग और सामाजिक संवेदनाओं का बेदर्द बेशर्म सच.....

ये आदत है पुरानी है साहेब, 
घटना घटने के बाद जागता है विभाग.....
कहाँ है जनाब इस वार्ड के वार्ड पार्षद जी ? 
मो० अजहर उद्दीन की रिपोर्ट--- सच तो सच होता है ।हम ना तो किसी विभाग,ना ही किसी अधिकारी और ना ही किसी जनप्रतिनिधि के खिलाफ हैं ।लेकिन सच को दिखाने से हम कतई गुरेज नहीं करते । खामोश रह भी नहीं सकते.क्योंकि गलत देखने के बाद बेचैनी बढ़ जाती है हुजूर....आज सहरसा टाईम्स आप सभी के सामने इस तस्वीर को बानगी बना कर पेश कर रहा है । कहने को तो यह तस्वीर बिजली विभाग की पोल खोल रही है ।
लेकिन साहब आज हम बिजली विभाग की लापरवाही पर सवाल नहीं खड़ा करना चाहते हैं । बल्कि आज बदलते परिवेश में मानवीय संवेदना कितनी मर सी गई है उस पर हम सवाल उठा रहे हैं । इस तस्वीर को देखिये ये बिजली का खम्भा है जो अपनी आयु पूरी कर चूका है ।ये खम्भा कृष्णा नगर के व्यस्तम सड़क, डोमा लाल स्कूल के बगल वाली गली में है । तस्वीर में दिख रहा है की बिजली का पोल पिछले कई सालों से इसी हालत में है ।कुछ दिन पूर्व इस खम्भे से बिजली के तार को विभाग द्वारा हटा दिया गया और पोल को इसी अवस्था में छोड़ दिया गया है ।जाहिर तौर पर अब इस खम्भे से कभी भी बड़ी घटना घट सकती है ।
सवाल यह है की क्या विभाग के बिना इस खम्भे को रास्ते से नहीं हटाया जा सकता है ? क्या हमारे स्थानीय लोगों की कुछ जिम्मेदारियाँ नहीं बनती हैं ? क्या सामाजिक सरोकार का हनन हो चूका है ? कहाँ है जनाब वार्ड पार्षद जी ? 
नोट --- खबर पोस्ट होने तक ये खम्भा काफी झुक चूका है ....

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।