अगस्त 31, 2016

अब राखी के धागे बने,फांसी के फन्दे


रिश्ते की दी बलि,बहन बनाकर नाबालिग की अस्मत लूटी
कलयुगी भाई ने इंसानियत के उड़ाए चीथड़े
अब राखी के धागे बने,फांसी के फन्दे
बहना अब भूल से ना बनाना भाई

गया से मुकेश कुमार सिंह की दो टूक--
जिश्म की अगन के सामने अब इंसानी रिश्ते धू--धू कर जलने लगे हैं ।एक तो सगे रिश्तों की गर्माहट ना केवल कम हुयी हैं बल्कि सगे रिश्ते के बीच भी जमकर जिस्मानी खेल हो रहे हैं ।
कल बुनियादगंज मे इंटर की छात्रा को एक ऑटो वाला जो उसकी बहन की ना केवल दोस्त थी बल्कि उस बच्ची को वह बहन और वह बच्ची भी उसे भैया बुलाती थी,को पहले तो अपनी ऑटो में झांसा देकर बिठाया ।फिर कुछ दूर चलने के बाद बच्ची को नशा खिलाकर बेहोश कर दिया ।बेहोशी की स्थिति में ऑटो ड्राईवर सह कलयुगी भाई उसे उठाकर एक कमरे में ले गया और अपने दोस्त के साथ मिलकर उसके जिश्म को नोंच डाले ।हवस के इन भेड़ियों ने उस बच्ची के अस्मत के चीथड़े उड़ा डाले और वहां से नौ दो ग्यारह हो गए । ईज्जत लुटाई बच्ची को जब होश आया तो वह बुनियादगंज थाने पहुंची और अपनी आपबीती सुनाई ।बच्ची इसे थाने के मानपुर गाँव की रहने वाली है ।जिसे वह भाई मानती थी,उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर उसका रेप किया ।इस विश्वासघात से लड़की सदमे में है ।पुलिस ने लड़की के बयान पर त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को ऑटो सहित गिरफ्तार कर लिया है। थानाध्यक्ष विपिन कुमार सिंह ने बताया कि मानपुर की रहने वाली 17 वर्षीय लड़की कोचिंग जा रही थी,इसी दौरान जोड़ा मस्जिद के निवासी सोनू और राहुल ने लड़की को अगवा कर लिया और बुनियादगंज थाना के शादीपुर बालूघाट के पास रेप की इस घटना को अंजाम दिया ।ऑटो चालक ने बहन बनाकर अपने दोस्त के साथ मिलकर इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया ।पुलिस के अनुसार ऑटो चालक पीड़िता को बहन कहकर बुलाता था ।पुलिस अब पीड़िता का 164 का बयान कराने के साथ--साथ दोनों आरोपियों को जेल भेजने की तैयारी कर रही है ।
यह एक बेहद शर्मनाक घटना है,जिसकी जितनी भी निंदा हो कम है ।अब बच्चियों के साथ--साथ उनके परिजनों को भी इस बात का ख्याल रखना होगा की वे बाहरी लोगों से रिश्ते बनाएं तो कैसे ?या फिर बनाएं ही नहीं ।अब रिश्ते जिश्म नोंचते हैं ।देह के लिए कोई भी रिश्ता ना हासिये पर पूरी तरह से लुढक जाता है बल्कि दम तोड़ जाता है ।चन्द लम्हों की आग बुझाने के लिए रिश्ता ना केवल भरभरा कर गिर जाता है बल्कि उम्र भर के लिए कलंकित भी हो जाता है ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।