अगस्त 13, 2016

पत्रकारिता की शाख बचने की जगी उम्मीद

प्रेस कार्ड बेचने वालों पर दर्ज होगा अपराधिक मामला
अब बेजा प्रेस कार्ड पर लगेगा लगाम
सरकार के विभिन्य विभागों में घूम--घूम कर वसूली करने वालों को बड़ा झटका
पत्रकारिता की शाख बचने की जगी उम्मीद 

मुकेश कुमार सिंह------
पत्रकारिता के गिरते स्तर तथा पत्रकारिता जगत में असामाजिक तत्वों के प्रवेश से चिंतित केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा समाचार पत्रों के पंजीकरण,समाचार पत्र/पत्रिका व टीवी चैनल तथा न्यूज एजेंसी द्वारा जारी प्रैस कार्ड के लिए नियमावली तैयार की जा रही है तथा मौजूदा नियमावाली में संशोधन किए जाने पर गंभीरता से मंथन चल रहा है ।मिली जानकारी के अनुसार देशभर में बढ़ रहे अखबारी आंकड़े और पत्रकारों की बढ़ रही संख्यां से पाठकों की जागरूकता में वृद्धि हुई है,वहीं कुछ ऐसे चेहरों ने भी पत्रकारिता जगत में दस्तक दे दी है, जिसके कारण पत्रकारिता पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गए हैं ।
अब पत्रकारिता क्षेत्र में होगी शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य.....
बता दें की अभीतक समाचार पत्र,पत्रिका के पंजीकरण के बाद प्रकाशक व संपादक एक-दो अंक प्रकाशित कर,अनगिनत लोगों को प्रैस कार्ड जारी कर देते थे जिनका पत्रकारिता से कोई लेना--देना नहीं होता है ।ऐसे चेहरों की बदौलत पत्रकारिता पर लगातार उंगलियां उठती रही है ।केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय समाचार पत्र, पत्रिका के पंजीकरण के लिए आवेदक की शैक्षणिक योग्यता पत्रकारिता में डिग्री की शर्त को अनिवार्य करने जा रहा है ।यह खबर बेहद सुकून भरा इसलिए है की पत्रकारिता के मानक और उसकी कसौटी को अब नजरअंदाज करना मु।किन नहीं होगा ।

समाचार पत्रों का प्रकाशन बंद कर सकती है केंद्र सरकार
हमारी जानकारी के मुताबिक़ दैनिक समाचार पत्रों,न्यूज एजेंसियों और टीवी चैनल के रिपोर्टर के लिए संबंधित जिला मैजिस्ट्रेट की स्वीकृति,उनका पुलिस वैरीफिकेशन होने उपरांत जिला सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा प्रैस कार्ड तथा प्रैस स्टीकर जारी किए जाने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है ।अन्य समाचार पत्र,पत्रिकाओं के प्रकाशक व संपादक का प्रेस कार्ड सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी किया जाएगा ।सरकारी तंत्र द्वारा जारी प्रेस कार्ड और प्रेस स्टीकर ही मान्य आगे से होंगे ।केंद्र सरकार द्वारा उन समाचार पत्र व पत्रिकाओं का प्रकाशन बंद किया जा सकता है, जिन्होंने पिछले तीन वर्ष से अपनी वार्षिक रिपोर्ट जमा नहीं करवाई है ।
प्रेस कार्ड बेचने वालों पर दर्ज होगा अपराधिक मामला......
चर्चा तो यह भी है कि किसी भी क्षेत्र से अपना प्रतिनिधि नियुक्त करने वाला दैनिक समाचार पत्र,न्यूज चैनल और न्यूज एजेंसीज को प्रतिनिधि नियुक्त करने के लिए जिला मैजिस्ट्रेट को आवेदन करना होगा । फिर जिला सूचना व जनसंपर्क अधिकारी के तकसीद के उपरांत जिला मैजिस्ट्रेट स्वीकृति प्रदान करेंगे ।जिला सूचना व जनसंपर्क अधिकारी अपनी रिपोर्ट में दर्शाएंगे की अमूक दैनिक समाचार पत्र, न्यूज चैनल और न्यूज एजेंसीज को इस क्षेत्र से प्रतिनिधि की जरूरत है । संशोधित नियमावाली के चलते,यह साफ़ है की प्रेस  कार्ड की खरीद-फरोख्त तथा प्रेस लिखे वाहनों पर सरकारी तंत्र की नजर रहेगी ।नियम और कानून के खिलाफ तथ्य पाए जाने के उपरांत अपराधिक मामला कार्ड धारक,कार्ड जारी करने वाले हस्ताक्षर तथा प्रेस लिखे वाहन के मालिक पर दर्ज होगा ।इसमें कोई शक--शुब्बा नहीं है की केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की इस संभावित योजना पर अमल होने से पत्रकारिता का मानचित्र बदल जाएगा ।
क्या कहती है पुलिस....
पुलिस अधिकारी से लेकर पुलिस जवान तक कहते हैं की हम खुद प्रेस कार्ड वालो से परेशान हैं ।कैसे पता किया जाये की कोन सही पत्रकार है और कोन फर्जी ।इसके लिये जैसे ही नए आदेश आते हैं,वैसे ही प्रेस लिखे सभी वाहनों की जाँच की जायेगी और जो भी सूचना जनसम्पर्क विभाग की लिस्ट में नहीं होगा उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा ।
साभार---दून वेदना हिन्दी दैनिक समाचार पत्र,उत्तर प्रदेश / उत्तराखण्ड /देहली से प्रकाशित ।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।