अगस्त 20, 2016

अपराधियों का नंगा नांच


अपराधियों का नंगा नांच
दुकान में घुसकर व्यवसायी को मारी गोली
पांच दिन पहले नेपाली नंबर से मांगी गयी थी 20 लाख की रंगदारी |
ग्राहक बनकर तीन अपराधी दूकान के अंदर दाखिल हुए...
गोली मारकर पैदल निकल गयेघटनास्थल से एक जिंदा कारतूस बरामद.....
शहर की हुई नाकेबंदी.....

मोतिहारी से मुकेश कुमार सिंह की दो टूक----सदर थाना के ठीक बीचो--बीच शहर में अपराधियों ने शुक्रवार के सरेशाम गणपति ट्रेडर्स के मालिक विक्रम कुमार को गोली मार दी । घटना मधुबन छावनी चौक के पास की है ।बताना लाजिमी है की व्यवसायी से पांच दिन पहले अपराधियों ने नेपाली नंबर से 20 लाख की रंगदारी मांगी थी ।मिली जानकारी के मुताबिक़ शुक्रवार की शाम करीब 8 बजे तीन की संख्या में अपराधी कस्टमर बनकर गणपति ट्रेडर्स पहुंचे । और बिना कोई सवाल,आग्रह--अनुग्रह किये कमर से पिस्टल निकाला और व्यवसायी को गोली मार दी ।अपराधी की हिम्मत और इनके मनसूबे को को समझिये की गोली मारकर पैदल ही वे छतौनी चौक की तरफ फरार हो गये ।घटना के तुरंत बाद आसपास की दुकानें धड़ाधड़ बंद होने लगीं । घायल व्यवयायी को स्थानीय लोग रहमानिया नर्सिंग होम लेकर पहुंचे,जहां जख्मी व्यवसायी की स्थित गंभीर है ।गोली पेट में लगी है ।घटनास्थल से एक जिंदा कारतूस भी मिला है ।सदर डीएसपी पंकज कुमार रावत व छतौनी इंस्पेक्टर विजय कुमार यादव नर्सिंग होम में जमे हुए हैं ।जानकारी के अनुसार,व्यवसायी शहर के तेलियापट्टी मुहल्ले के रहने वाले हैं ।मधुबन छावनी चौक के समीप बैंक रोड में केनरा बैंक के नीचे गणपति ट्रेडर्स नामक इंलेक्ट्रॉनिक्स की उनकी दुकान है ।घटना के वक्त विक्रम दुकान में स्टॉफ के साथ बैठे हुए थे ।जबकि उनके बड़ा भाई श्याम कुमार बाजार में बकाया वसूलने गए थे ।घटनास्थल पर एक स्टॉफ ने खुलकर बताया की पांच दिन पहले नेपाली नंबर से अपराधियों न व्यवसायी से 20 लाख की रंगदारी मांगी थी ।रंगदारी नहीं मिलने पर जान मारने की अपराधियों ने धमकी भी दी थी ।इसको लेकर श्याम कुमार ने छतौनी थाना में अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी थी ।पुलिस का कहना है कि रंगदारी नहीं मिलने पर अपराधियों ने व्यवसायी को गोली मारी है ।जिस मोबाइल नंबर से रंगदारी मांगी गयी है,उसका कॉल डिटेल निकाला जा रहा है ।
क्या कहते हैं अधिकारी ?एसपी जितेंद्र राणा ने बताया कि शहर की नाकेबंदी कर अपराधियों की धर-पकड़ के लिए छापेमारी की जा रही है ।व्यवसायी से पांच दिन पहले नेपाली नंबर से रंगदारी मांगी गयी थी । दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे से अपराधियों की तस्वीर निकाली जा रही है ।पूरे मामले की तहकीकात कर अपराधियों को बहुत जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा ।
आखिर पुलिस कार्रवाई में क्यों हुयी देरी ?यही है बिहार पुलिस का असली चेहरा ।घटना के बाद वह थोड़ी देर के लिए जागती है ।कुछ काम करती है और तीसमार खां वाले जुमले पढ़ती है । आखिर जब पांच दिन पहले नेपाली नम्बर से व्यवसायी से बीस लाख की रंगदारी मांगी गयी थी,तब पुलिस ने मोबाइल के कॉल डिटेल्स लेने का प्रयास क्यों नहीं किया ।क्या पुलिस व्यवसायी की ह्त्या का इन्तजार कर रही थी ?बीते दिनों ही  कटिहार से अगवा हुयी सृष्टि को नेपाल से सुरक्षित बरामद किया गया है ।उस मामले में पुलिस की जमकर तारीफ़ हो रही है ।यही नहीं अपनी बेशर्मी के लिए जाने जाने वाली सहरसा पुलिस ने भी शुक्रवार को ऐसे कुख्यात अपराध सरगना को दबोचा है,जो डॉक्टरों से लाखों की रंगदारी माँगा करता था और रंगदारी नहीं देने पर गोलियां भी बरसाता था ।
आखिर खाकी का असर क्यों कम हो रहा है ?बड़ा और मौजूं सवाल है की आखिर खाकी का असर दिनों--दिन कम क्यों हो रहा है ?मेरी बेबाक जानकारी यह है की किसी भी थाने में थानेदारी के लिए एक बंधी--बंधाई रकम माहवारी तय होती है । फिर थानेदार अलग से साहब लोगों पर दिल खोलकर स्वागत की बारिश भी करते हैं और घरेलु काम भी निपटाते हैं ।ऊपर के अधिकारियों को ऊपर से ऊपर तक सेवा करनी पड़ती है ।ऐसे में पुलिस वालों से त्वरित गति से ईमानदार कार्रवाई की उम्मीद करना दिवा-स्वप्न और बेमानी है ।
आखिर व्यवसायी की मदद के लिए लोग क्यों नहीं आये आगे ?
अब दुनिया बदल चुकी है ।पहले के लोग दूसरे की मुसीबत को हंसकर गले लगा लेते थे लेकिन अब वह बात नहीं रही ।तीन अपराधी एक व्यवसायी को गोली मारकर पैदल फरार हो रहे थे और बगल के व्यवसायी उन्हें दबोचने की जगह अपनी--अपनी सुरक्षा की गरज से दूकान का शटर गिरा रहे थे ।अगर इंसानियत होती तो अपराधी वहीं दबोच लिए जाते ।लेकिन तुम पर पड़ी,तो तुम जानो ।रिश्तों की गर्माहट अब हासिये पर है जिसका नतीजा है की अपराधियों का मनोबल सातवें आसमान पर है ।और रही बात पुलिस की तो पुलिस वाले अपराध पर लगाम लगाते बेहद कम और अपराध को हवा देते ज्यादा नजर आते हैं


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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।