मुहब्बत में गयी जान या की फरेब में ?
मामला कहीं ऑनर किलिंग का तो नहीं ?
नहीं बजी शहनाई,उठी अर्थी....
पुलिस के लिए बड़ी चुनौती
मुकेश कुमार सिंह की कलम से---

लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था . डीएमसीएच में जिन्दगी और मौत के बीच जूझते हुए इस अभागी बच्ची ने कल सुबह दम तोड़ दिया .बच्ची के दम तोड़ने की खबर मिलने के बाद मृतका के माँ-बाप से अधिक चौसा थानाध्यक्ष सुमन कुमार सिंह सदमे में आ गए.यहां यह बताना बेहद जरुरी है की ये वही थानाध्यक्ष हैं जिन्होंने मानवता की मिसाल पेश की और तबतक अज्ञात रही लड़की को बचाने का खुद से भगीरथ प्रयास किया .खुद के पैसे खर्च किये और हरदम अपना एटीएम तक साथ लेकर खर्च के लिए तैयार रहे .


इस मामले में एसपी विकास कुमार ने बताया की लड़की शंकरपुर थाना क्षेत्र स्थित मधेली गांव स्थित अपने नाना के घर से एक माह पूर्व भागी थी। .किशोरी के पिता ने बच्ची को अपने पुत्री के रूप में पहचान कर लिया है .पुलिस जांच में जुटी हुई है की किशोरी को मरा समझकर चौसा थाना क्षेत्र में किसने फेंका था.पुलिस बहुत जल्द दोषी की पहचान कर उसे सजा दिलवाने का काम करेगी .
बहरहाल मामला जो भी हो लेकिन अभी लड़की को लेकर तरह-तरह की चर्चा जोरों पर है .अब इस मामले में पुलिस अनुसंधान में जो भी सच निकलकर सामने आये और कार्रवाई के नाम पर जो भी हो लेकिन बड़ा सच यह है की गुड़िया अब लौटकर कभी नहीं आएगी .गुड़िया ने अपने प्राण की आहुति दे दी है ।
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