
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस गिरोह में कई लोग होते है, ये बस्ती के इर्द गिर्द कहीं जंगलझार में में छुपा रहता है और रात होते हीं इस गिरोह का तांडव शुरू होता है, ये कच्छा, गंजी और मुँह में नक़ाब पहना रहता है. कई बार इस गिरोह के गलत मनसूबे को ग्रामीणों की तत्परता से रोका गया है और इसे पकड़ने की कोशिश भी की गई लेकिन जंगल में जा छिपता है. स्थानीय लोग ख़ास कर पिछड़े, दलितों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर काफ़ी लोग काफ़ी चिंतित है अपनी सुरक्षा को लेकर ग्रामीण रतजगा करते कर रहे है.
जाहिर तौर से इस घटना से लोग पूरी तरह से भयभीत है. जनप्रतिनिधि अपने वोट को लेकर परेशान है और जनता चोर के आतंक से भयभीत है. इस तरह का गिरोह इस क्षेत्र में होना कही कच्छा बनियान गिरोह का तो साकेत नहीं है. सवाल तो कई है लेकिन पुलिसिया तंत्र क्या कोई बड़ी घटना का इंतजार कर रही है या इस गिरोह से खुद भयभीत है.
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