मुकेश कुमार सिंह की कलम से :- रूपये दो फिर होगा ईलाज ।बिना रूपये के यहां नामुमकिन है ईलाज ।रूपये नहीं हैं तो आपके मरीज की चली जायेगी जान ।यह कोई फ़िल्मी डायलॉग नहीं बल्कि कोसी इलाके के पीएमसीएच कहे जाने वाले सदर अस्पताल की हकीकत है ।बीती देर रात एक गर्भवती महिला का ईलाज ठीक से इसलिए नहीं हुआ,क्योंकि उसके परिजनों ने दस हजार रूपये नहीं दिए ।ईलाज के अभाव में आज सुबह जच्चा---बच्चा दोनों की मौत हो गयी ।घटना से आहत परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया ।


सदर अस्पताल में पैसे के दम पर ईलाज का यह कोई पहला वाकया नहीं है ।सहरसा टाईम्स के हस्तक्षेप से आज से पहले भी कई अस्पताल कर्मी निलंबित किये जा चुके हैं ।वैसे सबसे अहम् बात यह है की सदर अस्पताल में आखिर गरीब अपनी जान कबतक यूँ ही और बेजा गंवाते रहेंगे ।जाहिर तौर पर पहले से मुफलिसी और फटेहाली की मार झेल रहे इन गरीबों को सरकारी अस्पताल में भी भगवान् की जगह यमराज से सामना होता है ।सिस्टम आखिर कब ईमानदारी से इन गरीबों के लिए खड़ा होगा ।आजादी से लेकर आजतक गरीबों की सियासी चिंता और उनकी अल्फाजी वकालत खूब हुयी है।लेकिन ये गरीब आजतक ना केवल ठगे गए हैं बल्कि बेहतर कल की उम्मीद पाले इस दुनिया को अलविदा भी कहते रहे हैं।
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