फ़रवरी 21, 2016

जे.एन.यू. घटना पर.............. चेतन आनंद

 सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट: - जे.एन.यू. की घटना का शोर दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. घटने का नाम हीं नहीं ले रहा है. संसद पर हमले का साजिशकर्ता अफजल गुरु को शहीद बतलाना कैम्पस में जो हुआ वह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. केंद्र के पास यदि इसका ठोश प्रमाण है तो उसे राष्ट्र द्रोही के खिलाफ कार्रवाई करने से हिचकना नहीं चाहिए। कैम्पस में जो राष्ट्र विरोधी नारे लगे और पाकिस्तान का झंडा लहराया गया यह कतई बर्दास्त के काबिल नहीं है. ऐसा करने तो कौन सोचने पर भी ऐसे तत्वों को सौ टुकड़े कर दे तो काम है. उक्त बातें चेतन आनंद राष्ट्रीय अध्यक्ष, छात्र हम (से०) ने कहा.
इसके साथ उन्होंने ये भी कहा की वोट के लिए और मुस्लिम तुष्टिकरण के नाम पर ऐसी शर्मनाक हरकत निंदनीय है. क्योंकि तारीख गवाह है कि भारत के मुसलमान किसी से भी ज्यादा राष्ट्रभक्त है. छदम सेक्युलरवादियों की ऐसी अोछी राजनीति ही हिन्दू चरमपंथियों को ताकत मुहैया कर रही है. लेकिन घटना के विरोध के नाम पर किसी पार्टी के दफ्तर पर हमला, पत्रकारों की पिटाई, पुलिस अभिरक्षा में एक पक्ष के वकीलों द्वारा कोर्ट परिसर में आरोपी पर हमला ये सभी जनतंत्र विरोधी आचरण है. इन सब पर भी कार्रवाई की जरुरत है. याद रहे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रा लोकतंत्र की खूबसूरती है, पर इस नाम पर हर किसी को रास्त्र विरोधी गतिविधियों या उदंडता की छूट नहीं दी जा सकती।।।।।।।।।।।।।   चेतन आनंद राष्ट्रीय अध्यक्ष, छात्र हम (से०) के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।