अक्टूबर 10, 2015

ऐसी मुकम्मल व्यवस्था का परिचायक है, सहरसा का नगर परिषद

मो० अजहर उद्दीन की रिपोर्ट: :- ये तस्वीर किसी गाँव या गली की नहीं है. ये तस्वीर सहरसा मुख्यालय के अति व्यस्तम रोड अशोक सिनेमा रोड (मीर टोला वार्ड न०07), सहरसा की है. जहाँ कुड़ो के अम्बार पे जानवरों की धमा चौकड़ी जो नगर परिषद् के कार्यशैली को बयां करती है. नगर परिषद की ऐसी व्यवस्था जो पुरे शहरवासियों को बीमार कर सकती है. इस व्यवस्था को स्वच्छ रख पाने में नाकामयाब साबित हो रही है. इस दिशा में कोई ठोस पहल न तो स्वास्थ्य विभाग कर रही है न ही नगर परिषद् के आलाधिकारी ही व्यवस्था को स्वच्छ रख पाने में. नगर परिषद के सभी अधिकारी गहरे नींद में सोये हुए है. 
हर मुद्दे की तरह इस मुद्दे पर भी सहरसा टाईम्स इस तस्वीर को बानगी बना कर समाज की जनता को होशियार और सावधान कराना चाहती है. आगे बताना लाजमी होगा कि डेंगू का कहर इन दिनों कई राज्यों में है जिसका प्रभाव अब बिहार में भी होने लगा है. इस महामारी बिमारी से विगत कई महीनों से कई लोगों की जाने भी जा चुकी है इसके लिए सरकार से लेकर प्रसाशन तक बचाव को लेकर काफी मसक्कत कर रहे है अब बिहार के अधिकांश जिलों में डेंगू का खतरा और डर लोगों के जेहन में जज्ब हो चूका है.लेकिन सहरसा नगर परिषद् तमाशबीन बन कर सिर्फ तमाशा देख रहा है और इन्तेजार किसी महामारी की हो रही है. जलजमाव व कूड़े कचड़े के साथ साथ फैली गंदगियों से दुर्गन्ध से लोग परेशान है.  
सहरसा टाईम्स नगर परिषद्,सहरसा को आगाह कर रहा है कि समय रहते इस तरह की समस्यों से शहर वासियों को निजात दिलाये नहीं तो इस शहर में महामारी को फैलने से आप नहीं रोक सकते।  

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।