अक्टूबर 10, 2015

महिषी विधान सभा में फहराये जायेगे माले पार्टी की जीत का लाल परचम.......

कम्युनिस्ट पार्टी माले के उम्मीदवार ललन यादव
कृष्ण मोहन सोनी की रिपोर्ट:- बिहार विधान सभा चुनाव 2015 में विभिन्न राजनितिक दल अपने गठबंधन के तहत उम्मीदवार को विभिन्न विधान सभा में खड़ा किया है इसके साथ ही कुछ जगहों पर निर्दलीय उम्मीदवार भी अपना भाग आजमाऐगे. आगामी 5 नवंबर 2015 को सहरसा जिले के चार विधान सभा सहरसा, सिमरी बख्तियारपुर, सोनबर्षा और महिषी है. जहां से प्रत्याशी अपना अपना भाग आजमाएंगे  जिसकी तैयारी जिला प्रशासन ने कर रखी है.  इस चुनाव मैदान में जाने के लिए कई प्रत्याशियों ने अपना अपना नामांकन का पर्चा जिला निर्बाचन पदाधिकारी के समक्ष् भरना शुरू कर दिया है.
शनिवार को महिषी विधान सभा से नामांकन हेतु कम्युनिस्ट पार्टी माले के उम्मीदवार ललन यादव ने अपने साथ दस प्रस्तावक व समथक अशोक यादव, मुकेश यादव , प्रमोद साह, बिजय यादव, सीताराम यादव, अशोक कुमार, गणेश कुमार, मनीष कुमार, परवीन कुमार, रामकुमार के साथ पर्चा भरा है. पर्चा भरने के बाद सहरसा टाइम्स से रूबरू होते हुए बताया की इस बार की चुनाव ऐतिहासिक होगा क्योंकि इस बार महिषी विधान सभा से माले ने गरीबो दलितों शोषितो, बदहाल हो रहे किसानो, वेरोजगारो के हक की लड़ाई लड़ने वाले व माँ व बहनो की मान सम्मान के लिए संघर्षःरत, अस्तित्व  बचाने वाली पार्टी माले ने मुझे खड़ा किया है। उन्होंने ने कहा कि जनता की इस बार कोसी के इस सहरसा की धरती महिषी  विधान सभा में कम्युनिस्ट पार्टी माले का लाल परचम लहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र वर्षो से कभी कोशी की कहर तो कभी प्रतिनिधियों के सौतेलेपन से जूझती रही है. यहां से जीते हुए उम्मीदवार हमेशा जनता के साथ छल किया है जिसकी बजह से इस क्षेत्र की जनता विकास की रौशनी से कोशो दूर रही, लेकिन माले ने अपना उम्मीदवार दिया है और क्षेत्र की जनता इसबार की इस महासंग्राम में अपना मत देकर महिषी विधान सभा से  माले उम्मीदवार के रूप में मुझे जीता कर भेजेगी जहां इन गरीबो की आवाज को बुलंद करना है. 
माले प्रत्याशी ने एक से अपना पर्चा दाखिल किया जिसमे करीब 30 लाख की चल अचल  सम्पति का व्योरा दिया है। इस मौके पर पार्टी के राज्य से पर्यवेक्ष्क के रूप में नवलकिशोर भ मौजूद  थे.  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।