अक्टूबर 31, 2015

नेता नही बेटा के रूप में चुने, सेवा किया हूँ और करूंगा------गौतम कृष्ण

कृष्ण मोहन सोनी की रिपोर्ट :- महिषी विधान सभा क्षेत्र से जन अधिकार पार्टी के उम्मीदवार बने गौतम कृष्ण इसी क्षेत्र के नवहट्टा प्रखंड में बी.डी.ओ. थे. अपने स्वाभिमान को डिगने नही दिया, जनहित के लिए सरकार की इतने महत्व पूर्ण पद से इस्तीफा दे दिया ये आज इस महिषी विधान सभा से चुनावी मैदान में खड़े है. अपने सेकड़ो समर्थको के साथ जनसम्पर्क अभियांन में जनता से एक वोट आशिर्वाद के रूप में मांग रहे है जिस गांव व घर पहुंचते इन्हे जबरदस्त समर्थन मिल रहा है लोगो का मानना है की इन्होने गरीबो के हित में काम किया है जब ये नवहट्टा प्रखंड में बी.डी.ओ. थे तो सरकार की जनकल्याण कारी योजनाओ को ईमानदारी से लाभुकों के घर तक पहुँचवाया है. समर्थको व मतदाताओ में  इनके प्रति आस्था है. वैसे जनता किसे चुनती है यह तो मतदान के बाद पता चलेगा. जनसम्पर्क के दौरान प्रत्याशी गौतम कृष्ण ने बताया की में भ्रष्टाचार, के विरोध में चुनाव मैदान में आया हूँ, मेरी हमेशा से भ्रष्टाचार के विरुद्ध सेवा कार्य रहा है परिणाम मुझे बी.डी.ओ. पद से इस्तीफा देना पड़ा कारण की में कभी भी विचौलियो के भ्र्ष्टाचार होने नही दिया ईमानदारी से सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओ को हर अधिकार पाने वालो तक पहुंचवाया है जिसके कारण में प्रताड़ित भी हुआ। 
उन्होंने कहा की वर्तमान में जो सड़ा व्यवस्था है उसमे भ्र्ष्टाचार कूट कूट कर भरा हुआ है ऐसी व्यवस्था के खिलाफ मेरी लड़ाई है. में गरीब घर का बेटाहूँ बहुत कठिन समस्याओ से गुजरकर पढ़ाई किया बी डी ओ बना लेकिन ईमानदारी से कार्य करने वालो को विचौलिये द्वारा प्रताड़ित किया जाता था अपने स्वाभमान के लिए मेने इस्तीफा दे दिया।भ्र्ष्टाचार के कारण गरीबो की हक मारी हो रही है. इसी  कोसी की धरती पर मेरा  जन्म हुआ है गरीबी को जानता हूँ वैसे भी यह धरती मंडन मिश्र, लक्ष्मी नाथ गोसाई, बाबा कारु खिड़हरी की है समाजवादियो की जिसने सवारा है लेकिन कुछ राजनितिक कूटनीतियो व भ्र्ष्टाचरियो विचौलियो ने गंदा किया है जिसके चलते  समाज में सही सही  विकास की रौशनी नही पहुंच पा रही है अगर महिषी की जनता का आशिर्वाद मिला तो हम एक बेटा बनकर सेवा करेंगे।हमे नेता नही बल्कि बेटा समझकर चुने एक मौका दे. 

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।