अक्टूबर 20, 2015

जीत का परचम लहरा सकते है, रितेश रंजन ....

मो० अज़हर उद्दीन की रिपोर्ट :-  अभी का समय पूरी तरह से विधान सभा चुनाव 2015 का चुनावी मौसम के रंगों -रंग में आ चूका है. सभी पार्टी एवं निर्दलीय उम्मीदवार अपना-अपना पर्चा भर कर जनसम्पर्क अभियान में ऐड़ी - चोटी का जोड़ लगा चुके है. लेकिन विधान सभा चुनाव में खड़े सभी उम्मीदवारों को एक फिल्मी गीत याद दिलाना चाहता हूँ. "भैया ये पब्लिक है, सब जानती है,.... पब्लिक है".... सहरसा जिले के एक विधान सभा सिमरी बख्तियारपुर से कई उम्मीदवार ने पर्चा भरा है. 
आज सहरसा टाईम्स सिमरीबख्तियारपुर विधान सभा क्षेत्र पे गौर और फ़िक्र करेंगे. जहाँ से चर्चित उम्मीदवार लोजपा के महबूब अली कैसर के पुत्र मो० युसूफ, महागठबंधन के और कोसी के विकास पुत्र दिनेश चन्द्र यादव और निर्दलीय उम्मीदवार रितेश रंजन ने विधान सभा चुनाव के लिए पर्चा भरा है.
फाइल फोटो 
वही दूसरे छोड़ पे निर्दलीय के रूप में युवा उम्मीदवार रितेश रंजन है, जो राजनीति में अपनी पहचान बनाने के लिए विगत कई वर्षो से जनता का सेवक बने हुए है. इस जनता के सेवक की बात की जाय तो ये अपने विधान सभा क्षेत्र में ही नहीं बल्कि दिल्ली या दूसरे देश भी जा कर लोगों के बीच नि: स्वार्थ भाव से अटूट मेहनत की है. जनता और जमीन से जुड़े रहने के कारण जनता के बीच ये काफी लोकप्रिय बने हुए है. समाज के बीच अटूट मेहनत करने वाले इस युवा नेता का समर्थन सभी जाति व धर्मों के मतदाता कर रहे है. अब आगे देखना दिलचस्प होगा कि जनता युवा, शिक्षित,मेहनती या फिर सिर्फ AC कमरों में बैठने वालों नेताओं को पसंद करते है. 


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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।