इस पर्व में एक दिन पहले नवमी के दिन चौकी पूजा मेला होता है, नवमी व दशमी दो दिन का रोजा रखकर गम मनाते है, कहा जाता है कि मो० साहब के नवासे हसन रजिअल्लाहो अनाह के कर्बला मैदान में शहीद होने पर उसकी याद में हर वर्ष मुहर्रम का त्यौहार मनाया जाता है. जिसमे तजिया बनाकर दशमी के दिन इमामबाड़ा से रणखेत पर जाकर परम्पागत हथियार का खेल का प्रदर्शन किया जाता है. जिस मे युवा वर्ग से लेकर बृद्ध भी भाग लेते है. इस त्यौहार में फकीरो को दान भी दिया जाता है हिन्दू समाज के भी लोग लोग ताजिया का पूजा करते है और अपने घर परिवार की शुख, शान्ति के लिए सलामती की दुआ भी मांगते है.
अक्टूबर 23, 2015
मुहर्रम पर्व पर जंगियो का दौड़, दिलाता कर्बला मैदान के शहीदो की याद..............
इस पर्व में एक दिन पहले नवमी के दिन चौकी पूजा मेला होता है, नवमी व दशमी दो दिन का रोजा रखकर गम मनाते है, कहा जाता है कि मो० साहब के नवासे हसन रजिअल्लाहो अनाह के कर्बला मैदान में शहीद होने पर उसकी याद में हर वर्ष मुहर्रम का त्यौहार मनाया जाता है. जिसमे तजिया बनाकर दशमी के दिन इमामबाड़ा से रणखेत पर जाकर परम्पागत हथियार का खेल का प्रदर्शन किया जाता है. जिस मे युवा वर्ग से लेकर बृद्ध भी भाग लेते है. इस त्यौहार में फकीरो को दान भी दिया जाता है हिन्दू समाज के भी लोग लोग ताजिया का पूजा करते है और अपने घर परिवार की शुख, शान्ति के लिए सलामती की दुआ भी मांगते है.
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