अक्टूबर 08, 2015

शहर में सुरक्षित नहीं है, मुसाफिर …

शहर में पुलिस के नाख में दम करते जा रहे है, छोटे से बड़े अपराधी. अपराधी ना केवल घटना को अंजाम दे रहे है बल्कि नई घटना की रणनीति बनाने में पूरी तरह सफल भी हो पा रहे है.…… 
सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट:- आज एक और वाकिया से सहरसा टाईम्स आप सभी को रौश्नास करता है. दिनांक 07.10.2015 को रात करीब 01:30 बजे सुभाष कुमार पिता - शशि यादव निवासी -कहरा पतरघट ओ० पी० थाना -सौरबाज़ार जिला -सहरसा के निवासी जनसेवा से उतरने के बाद रेलवे के किनारे होते हुए बंगाली बाजार ढ़ाला से उत्तर रेलवे ट्रेक के पूरब बगल से बस स्टैण्ड के पीछे वाली पगडण्डी से बस पकड़ने जा रहे थे. उसके साथ दो राहगीर और भी बस पकड़ने जा रहे थे. बस स्टैण्ड के पीछे वाला रास्ता पुहँचते ही तीन-चार लड़का चाकू दिखा समान छिने लगा एक राहगीर जान बचा कर किसी तरह भाग निकले एवं तीसरे वाले राहगीर से पाँच सौ रुपया और जैन का मोबाईल (जिसका न० 08427637355) छिन लिया. ये राहगीर धमदाहा जिला-पूर्णिया के निवासी थे. हमारे विरोध करने पे वे तीनो चौर सर और पैर पे चाँकू से हमला कर हमारे मुँह को दबाने के बाद मेरे बैग और पॉकेट से चार सौ रूपये के साथ स्पाइस का मोबाईल दो सिम वाला (जिसका न० 7070748830;8437479773) छिन लिया उसके बाद वे लोग बस स्टैण्ड के तरफ भागे हमलोगों ने हल्ला किया हमलोगों के शोर सुन कर गस्ती दल कर रहे पुलिस बल हमलोगों के पास पूँहचे हमलोगों ने जल्दी-जल्दी उन्हें घटना की जानकारी देते हुए चोरों के दिशा में पुलिस बल के साथ भागे तीन-चारों लड़कों (चोरों) में से तीन चोर पकड़ा गया.
तीनों चोरों ने  अपना नाम व पता बताया जो ये है - (1) कृष्ण कुमार मल्लिक पिता-प्रकाश मल्लिक सा० -बस स्टैण्ड डोम टोली (2)भरत कुमार पिता-सुभक शर्मा (3)मो० राजा पिता-मो० सल्लो दोनों सा०-बटराहा थाना व जिला-सहरसा बताया लूटा हुआ सारा समान सूरज शर्मा पिता-बुटन शर्मा सा०-भारतीय नगर ले कर भाग गया है.शहर में इस तरह की तस्वीर बार-बार सामने आना से सहरसा पुलिस व्यवस्था की पोल खुलती जा रही है.            

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।